Politalks.News/Rajasthan. कोविड काल (Covid Kal) से राजनीति का क्षेत्र भी अछूता नहीं है. परंपरागत तरीके से राजनीति करने वाले नेताओं को इस दौर ने मुश्किल में डाल दिया है. लोगों के बीच जाकर राजनीति करने वाले नेताओं से ज्यादा पूछ अभी उन नेताओं की हो रही है जिनकी सोशल मीडिया (Social Media) पर जोरदार पकड़ है. उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh) सहित पांच राज्यों की चुनाव में चुनाव आयोग ने कोविड को देखते हुए चुनावी रैलियों पर रोक लगा दी है. ऐसे में जिन नेताओं की सोशल मीडिया पर पकड़ है उनकी बल्ले बल्ले हो रही है. वो सभी वर्चुअल रैलियां कर रहे हैं और पार्टियों के प्रचार में हाथ बंटा रहे हैं.
आपको बता दें, कोविड काल के चलते आम लोगों के जनजीवन में काफी बदलाव आया है. कई क्षेत्रों में तो जबरदस्त ही बदलाव आया है. पढ़ाई-लिखाई तो पूरी तरह से ऑनलाइन हो चुकी है. राजनीति में भी इसके चलते कई बदलाव आए हैं. बढ़ते कोविड के मामलों को देखते हुए पांच राज्यों को देखते हुए चुनाव आयोग ने चुनावी रैलियों पर बैन लगा दिया है. ऐसे में साधन संपन्न भाजपा को छोड़ दें तो अन्य दलों के हाथ पैर फूल गए हैं. यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तो कह चुके हैं हमें तो पता ही नहीं है की वर्चुअल रैली कैसे होगी? ऐसे में अब जिन नेताओं की सोशल मीडिया पर फैन फॉलोविंग जबरदस्त है, वो अब इस दौर में काम आ रही है. जिन नेताओं की सोशल मीडिया पर अच्छी पकड़ है उनको ज्यादा दिक्कत नहीं आ रही है. राजस्थान में अगले साल के अंत मे होने वाले चुनावों को लेकर सियासी चर्चाओं का दौर शुर हो गया है.
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सियासी चर्चा है कि अगर ऐसा ही दौर 2023 तक भी चलता है तो राजस्थान में कैसे हालात बनेंगे? आपको बता दें, राजस्थान में 2023 के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. राजस्थान में कुछ एक नेताओं को छोड़ दें तो बाकी नेताओं के सोशल मीडिया पर फॉलोवर्स की संख्या हजारों ही है. इनमें भी महिला नेत्रियों की संख्या तो 2-3 ही जिनके फॉलोवर्स एक लाख से ज्यादा है. इनमें पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पहले नंबर पर हैं तो दूसरे नंबर पर भी भाजपा नेता और सांसद दीया कुमारी हैं. इन दोनों भाजपाई दिग्गजों को टक्कर कांग्रेस की ओर से केवल अर्चना शर्मा ही दे रही हैं. खास बात यह कि इन तीनों ही नेताओं के अलावा अन्य महिला नेताओं के सोशल मीडिया पर फॉलोवर्स हजारों में हैं.
आपको बता दें कि महिला नेत्रियों में प्रदेश में सबसे ज्यादा सोशल मीडिया पर फॉलोवर्स पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के हैं. मैडम राजे के ट्वीटर पर 46 लाख और फेसबुक पर 93.20 लाख फॉलोवर्स हैं, तो राजसमंद सांसद दीया कुमारी के ट्वीटर पर 3.38 लाख और फेसबुक पर 3.80 लाख फॉलोवर्स हैं. इन दोनों दिग्गज भाजपा नेत्रियों को कांग्रेस की ओर से केवल पूर्व उपाध्यक्ष और मीडिया चेयरपर्सन अर्चना शर्मा ही टक्कर दे रहीं हैं. अर्चना शर्मा कांग्रेस की ओर से अकेली महिला नेत्री हैं जिनके लाखों में फॉलोवर्स हैं. अर्चना शर्मा के ट्वीटर पर 1.22 लाख तो फेसबुक पर 4.22 लाख फॉलोवर्स पर हैं.
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बात करें अर्चना शर्मा की तो कांग्रेस में एक्टिव नेताओं में इनकी गिनती की जाती है. अर्चना शर्मा कई साल तक प्रदेश कांग्रेस कमेटी की मीडिया चेयरपर्सन का काम देखती रहीं हैं. मजबूत जमीनी राजनीति के साथ अर्चना शर्मा की सक्रियता को देखते हुए उन्हें पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जयपुर की मालवीय नगर विधानसभा सीट से मैदान में उतारा था. हालांकि अर्चना शर्मा ने भाजपाई दिग्गज और पूर्व मंत्री कालीचरण सराफ को कड़ी टक्कर दी लेकिन उन्हें मात्र 800 वोटों से हार का सामना करना पड़ा था. लेकिन हार के बाद भी क्षेत्र में उनकी सक्रियता कम नहीं हुई है. मालवीय नगर विधानसभा सीट के लोगों के लिए अर्चना शर्मा हमेशा तैयार खड़ी रहती हैं. समसामयिक मुद्दों पर अर्चना शर्मा की सोशल मीडिया पर टिप्पणियों पर जबरदस्त प्रतिक्रिया आती है और लोग पसंद करते हैं.
अन्य महिला नेत्रियों की बात करें तो कांग्रेस की विधायक कृष्णा पूनियां के 41.2 हजार ट्वीटर पर तो 5 लाख फॉलोवर्स फेसबुक पर हैं. इनके अलावा विधायक दिव्या मदेरणा के 40.9 हजार ट्वीटर पर तो 3.74 लाख फॉलोवर्स फेसबुक पर हैं. अन्य महिला नेत्रियां हजारों फॉलोवर्स पर सिमट जाती हैं.
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वहीं बात करें राजस्थान के सोशल मीडिया और मोबाइल यूजर्स की तो प्रदेश में 6.48 करोड़ मोबाइल यूजर्स तो सोशल मीडिया आने वाले समय में राजस्थान की राजनीति में महत्वपूर्ण रोल अदा करने वाला है. महिला वोटर्स को रिझाने की जिम्मेदारी महिला नेत्रियों की होगी. ऐसे में भाजपाई दिग्गजों वसुंधरा राजे और दीया कुमारी को टक्कर देने के लिए अर्चना शर्मा मैदान में होंगी.