राम-भरत ने जिस सिंहासन का एक दूसरे के लिए किया त्याग, आज उसे पाने के लिए हो रहा है संघर्ष- राजे

राम कथा में राम राज्य का उदाहरण देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि आज भी सुशासन के लिए राम राज्य को याद किया जाता है, जिसका अर्थ है सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास, हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के प्रयास से अयोध्या में बन रहा है मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम का भव्य मंदिर

img 20221106 wa0307
img 20221106 wa0307

Ex-CM Vasundhra Raje in Nathdwara. राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को राम राज्य के पक्षधर बताते हुए कहा है कि गर्व है कि उनके प्रयासों से ही मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम का मंदिर अयोध्या में बन रहा है. यही नहीं मैडम राजे ने रामकथा के प्रसंग का उल्लेख करते हुए कहा कि रामकथा में राम और भरत का त्याग देखिए, राम सिंहासन त्यागकर वन चले गए तो छोटे भाई भरत ने भी सिंहासन त्यागकर चरण पादुकाओं को राजा मानकर शासन चलाया, लेकिन आज के समय में ऐसा देखने को नहीं मिल रहा है, अब तो सिंहासन के लिए संघर्ष हो रहा है. मैडम राजे के इस ब्यान के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं.

आपको बता दें, नाथद्वारा में जारी प्रसिद्ध कथावाचक मोरारी बापू की रामकथा सुनने बीते दो दिन पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे नाथद्वारा में रुकीं थीं. वहीं अपने दौरे के दूसरे दिन बीते रोज रविवार को रामकथा के बाद मैडम राजे ने अपने सम्बोधन में सियासत में सिंहासन के संघर्ष को लेकर कहा कि एक तो वो समय था जब पिता के आदेश पर भगवान श्री राम सिंहासन छोड़ कर 14 वर्ष तक वनवास चले गए।फिर दशरथ के निधन के बाद भरत को सिंहासन पर बैठाने की तैयारी हुई, लेकिन उन्होंने भी त्याग की मिसाल पेश करते हुए बड़े भाई राम की चरण पादुकाओं को सिंहासन पर रख कर शासन चलाया, लेकिन खुद सिंहासन से दूर रहे. पूर्व सीएम मैडम राजे ने कहा कि आप उस समय उन दोनो भाइयों का त्याग देखिए और आज देखिए, आज सिंहासन के लिए किस तरह संघर्ष हो रहा है.

यह भी पढ़ें: तोड़फोड़ की कोशिश की तो ईंट का जवाब पत्थर से देंगे- कांग्रेस के दावे पर पूनियां ने दी सीधी धमकी

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने आगे कहा कि मदन पालीवाल जी के आग्रह पर शिव प्रतिमा के लिए उनकी भाजपा सरकार ने 2018 में भूमि दी थी, जहां आज विश्व की सबसे ऊँची शिव प्रतिमा ‘विश्वास स्वरूपम’ विराजमान है. मैडम राजे ने राम कथा में राम राज्य का उदाहरण देते हुए कहा कि आज भी सुशासन के लिए राम राज्य को याद किया जाता है, जिसका अर्थ है सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास. हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के प्रयास से अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम का भव्य मंदिर बन रहा है.

मैडम राजे ने कहा कि, “ये दो दिन मेरे लिए और भी मंगलप्रद तब हुए जब पूज्य मोरारी बापू के श्रीमुख से रामकथा सुनने का अवसर मिला, क्योंकि राम कथा हमें मानव कल्याण के साथ-साथ त्याग, तपस्या व सत्य की राह पर चलने की सीख देती हैं. ऐसे में इस कथा की सार्थकता तभी है, जब हम इसे अपने व्यवहार में धारण करें.” मैडम राजे ने आगे कहा कि, “मेरे लिए आज का दिन भी बहुत सुखद और शुभ रहा, क्योंकि मुझे भगवान शिव की उस भव्य प्रतिमा के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हुआ, जिसके लिए हमारी सरकार ने अक्टूबर 2018 में साढ़े 25 बीघा भूमि आवंटित की थी, आज यहां विश्व की सबसे बड़ी 369 फुट ऊंची शिव प्रतिमा विराजमान है.”

यह भी पढ़ें: महत्वाकांक्षा रखें, लेकिन अप्रोच सही हो- पायलट पर गहलोत का तंज, मुख्यमंत्री दिल्ली में, टला गुजरात दौरा

पूर्व मुख्यमंत्री ने वसुंधरा राजे ने उपस्थित जनसमूह को सम्बोधित करते हुए कहा कि सबके जीवन में बाधायें आती है, पर विश्वास के साथ यज्ञ दान और तपस्या करने से दूर हो जाती है. कार्यक्रम में महामंडलेश्वर शर्णानंद जी महाराज, विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, पूर्व मंत्री श्रीचंद कृपलानी और विप्र कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष शमहेश शर्मा मौजूद थे.

Google search engine