पॉलिटॉक्स ब्यूरो. यूरोपियन संसद के 28 सांसद (European Delegates in Kashmir) मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के दौरे पर पहुंचा. सांसद इस दौरान जम्मू और कश्मीर के मुख्य सचिव, राज्यपाल सत्यपाल मलिक और घाटी के युवाओं समेत कई लोगों से मुलाकात करेंगे. मोदी की इजाजत से जम्मू कश्मीर पहुंचे इस यूरोपियन डेलिगेशन पर विपक्ष का दंगल शुरू हो गया है. कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी, राहुल गांधी, बसपा सुप्रीमो मायावती और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इस पर सरकार की दोहरी नीति और राजनीतिकरण पर सवालिया निशाना उठाया. ओवैसी ने दल में शामिल सांसदों को ‘नाजी लवर’ बताया. बता दें, जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 (Article 370) के हटने के बाद किसी विदेशी प्रतिनिधिमंडल का ये पहला दौरा है.
प्रियंका गांधी ने सरकार के इस फैसले पर कहा कि कश्मीर में यूरोपियन सांसदों को सैर-सपाटा और हस्तक्षेप की इजाजत लेकिन भारतीय सांसदों और नेताओं को पहुंचते ही हवाई अड्डे से वापस भेजा गया. यह बड़ा अनोखा राष्ट्रवाद है.
वहीं औवेसी ने ओवैसी ने यूरोपियन डेलिगेशन के कश्मीर दौरे पर तंज कसते हुए कहा कि यूरोपियन पार्लियामेंट के सांसद जो इस्लामोफोबिया के शिकार हैं, उन्होंने सही चुनाव किया है. ऐसे लोग मुस्लिम बहुल घाटी जा रहे हैं.
Fantastic Choice of MEPs who suffer from a disease -Islamophobia (Nazi lovers)are going to Muslim majority Valley ,sure people will welcome them by “Ware Paeth Khoshh Paeth”
Gairon pe karam apano pe sitam, ai jaan-e-vafaa ye zulm na kar
rahane de abhi thodaa saa dharam https://t.co/e51vfc03bA— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) October 29, 2019
इसी क्रम में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी जम्मू कश्मीर जाने की केंद्र सरकार की दोहरी नीति का मजाक उड़ाते हुए कहा कि यूरोप के सांसदों का जम्मू और कश्मीर के एक निर्देशित दौरे पर जाने के लिए स्वागत है, जबकि भारतीय सांसदों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. इसमें कुछ तो झोल है.
MPs from Europe are welcome to go on a guided tour of Jammu & #Kashmir while Indian MPs are banned & denied entry.
There is something very wrong with that.https://t.co/rz0jffrMhJ— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 28, 2019
बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने यूरोपियन सांसदों (European Delegates in Kashmir) के भारतीय नेताओं से पहले कश्मीर भेजने पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि यूरोपीय सांसदों को कश्मीर भेजने से पहले देश के सांसदों को वहां भेजना चाहिए था. मायावती ने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर में संविधान की धारा 370 को समाप्त करने के उपरान्त वहां की वर्तमान स्थिति के आकलन के लिए यूरोपीय यूनियन के सांसदों को जम्मू कश्मीर भेजने से पहले भारत सरकार अगर अपने देश के खासकर विपक्षी पार्टियों के सांसदों को वहां जाने की अनुमति दे देती तो यह ज्यादा बेहतर होता.’
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गौरतलब है कि यूरोपियन संसद (European Delegates in Kashmir) के 28 सांसदों का दल सुबह दिल्ली से रवाना होकर श्रीनगर पहुंचा. एयरपोर्ट से ये डेलिगेशन दो अलग-अलग टीम में बंट गया. पहली टीम राज्यपाल, उनके सलाहकार, स्थानीय नेता और कुछ सामाजिक संस्थाओं से मुलाकात करेगी. दूसरी टीम हेलिकॉप्टर के जरिए कुपवाड़ा पहुंच वहां आम जनता से मिलकर वहां की स्थिति का जायजा लेगी. उसके बाद दोनों टीमें मुख्य सचिव के डिनर भोज में शामिल होगी.
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को यूरोपीय संघ के सांसदों को संबोधित करते हुए आतंकवाद से लड़ने के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन जरूरी बताया. उन्होंने कहा कि आतंकियों की मदद और फंडिंग करने वालों के खिलाफ तुरंत सख्त कदम उठाने की जरूरत है. आतंकवाद के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जम्मू कश्मीर का दौरा करने से यूरोपीय सांसदों को जम्मू, कश्मीर और लद्दाख के सांस्कृतिक व धार्मिक विभिन्नताओं का पता लग सकेगा. (European Delegates in Kashmir)