Mahesh Joshi vs Pratap Singh Khachariyawas: राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार में पिछले कुछ दिनों से कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है. सत्ता परिवर्तन की जंग के इत्तर अब पार्टी के विधायक एवं मंत्रियों के बीच सियासी बयानबाजी चरम पर पहुंच गई है. सरकारी महकमों में हावी होती अफसरशाही के मुद्दे को लेकर शुरू हुई बहस एक अलग ही स्तर पर पहुंच गई है. गुरूवार को खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियवास द्वारा जलदाय मंत्री महेश जोशी को गुलाम कहने वाले बयान पर अब मुख्य सचेतक का पलटवार आया है. शुक्रवार को मंत्री एवं सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए बड़े ही संयमित तरीके से जवाब दिया. जोशी ने कहा कि, ‘प्रतापसिंह खाचरियावास ने मुझे गुलाम बताया है. हां मैं गुलाम हूं, पार्टी का गुलाम हूँ और अच्छे बर्ताव का गुलाम हूं. मैंने कभी किसी को नहीं दी मां बहन की गाली, मैं मरने की बात नहीं करता, मरने की बात कमजोर करता है, जीने की बात करनी चाहिए.’ हालांकि खाचरियावास के आज कुछ बदले बदले तेवर दिखाई दिए और उन्होंने महेश जोशी से मिलने की बात कही.
दरअसल, बीते बुधवार को खाद्यमंत्री प्रताप सिंह खाचरियवास ने सीएम1अशोक गहलोत से मांग उठाते हुए कहा था कि, ‘मुख्यमंत्री जी आप सभी IAS के लिए ACR मत लिखिए. यह मंत्रियों को लिखने दीजिए. जब ये अधिकार आप भी मंत्रियों को देंगे तो ये आईएएस सुधरेगा.’ इस पर जब मंत्री महेश जोशी से सवाल पुछा गया तो उन्होंने कहा कि, ‘मुझे मेरे विभाग में नहीं है किसी तरफ की कोई परेशानी.’ इस पर पलटवार करते हुए खाचरियावास ने बड़ा बयान देते हुए मंत्री महेश जोशी पर झूठ बोलने का आरोप लगाया था. खाचरियावास ने कहा था कि, ‘जोशी झूठ बोल रहे हैं. आपको जो भी बोलना है खुलकर बोलिए बेवजह गुलामी मत करो. आपने अगर गुलामी का ठेका ही ले लिया है तो लीजिए.’ इसी कड़ी में शुक्रवार को मंत्री महेश जोशी ने खाचरियावास के बयानों पर पलटवार किया. मंत्री महेश जोशी ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए स्वीकार किया कि, ‘हां मैं गुलाम हूँ लेकिन कांग्रेस पार्टी का.’
अपने आवास पर आज पत्रकारों से बात करते हुए मंत्री महेश जोशी ने कहा कि, ‘प्रताप सिंह खाचरियावास जी को यदि अपने विभाग के अधिकारियों से दिक्कत होगी तो उसे मुख्यमंत्री दूर कर देंगे. लेकिन आप लोकतंत्र में रहते हैं, हम फासिस्ट लोग नहीं है. लोकतंत्र में असहमति का अपना स्थान होता है. यदि मैं आपकी बात से सहमत नहीं हूं तो यह कह सकता हूं कि सहमत नहीं हूं, लेकिन किसी को सहमति नहीं होने के आधार पर किसी को गुलाम बताना उचित नहीं है. मुझे गुलाम बताया, मैं स्वीकार करता हूं कि मैं गुलाम हूं. मैं कांग्रेस पार्टी का गुलाम हूं. मैं शालीन व्यवहार का गुलाम हूं. मैं सभ्यता से बोलने का गुलाम हूं. मैं किसी को गाली गलौज नहीं करता. मैंने आज तक अपने राजनीतिक जीवन में कभी किसी को मां बहन की गाली नहीं दी. मैं मरने की बात नहीं करता, मरने की बात कमजोर करता है, जीने की बात करनी चाहिए.’
मंत्री महेश जोशी ने आगे कहा कि, ‘मेरी किसी बात से डर पैदा नहीं होता. मैं सभी तरीके से अपनी बात रखता हूं. यह मानव स्वभाव में जो बात होती है जो गुणों की श्रेणी में आती है. मैं उन सभी बातों का गुलाम हूं. मैं सहमत रहा हूं, या नहीं रहा हूं, मैंने कभी किसी के सम्मान में कमी नहीं की. मैंने कभी किसी को गुलाम नहीं बताया. लोकतंत्र में सहमति असहमति हो सकती है, यदि असहमति है तो रिजेक्ट करें लेकिन पूरे सम्मान के साथ रिजेक्ट करें. यदि हम सामने वाले को सम्मान देते हैं तो उससे हमारा ही सम्मान बढ़ता है.’ इस दौरान मंत्री महेश जोशी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के विधानसभा में जय श्री राम बोलने वाले किस्से का भी जिक्र किया. महेश जोशी ने कहा कि, ‘मुख्यमंत्री ने जब विधानसभा में जय श्री राम का नारा लगाया था तब सभी ने जवाब में जय श्री राम बोला. इस दौरान सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘जय श्री राम के नाम से होती है श्रद्धा पैदा.’
वहीं मंत्री जोशी के बयान पर प्रताप सिंह खाचरियावास की भी प्रतिक्रिया सामने आई है. अपने बदले बदले तेवर के साथ मंत्री खाचरयिावास ने कहा, ‘मेरे बयान से मंत्री महेश जोशी की भावनाओं को ठेस पहुंची है. मेरा एक नेचर है कल जब परसादी लाल की बात आई तो मैंने उनके लिए भी स्टैंड लिया. जब मेरी बात को कोई खंडन करता है तो मुझे बुरा लगता है. मेरा कहना यही था कि एसीआर मेरा राइट था, जो मिनिस्टर को मिलना चाहिए. जब मैं बोला और उस मामले में महेश जोशी को ठेस पहुंची है तो मैं उनसे मिलूंगा. मेरे रिश्ते उनसे अच्छे हैं, वह मुझसे उम्र में भी बड़े हैं, पार्टी में सीनियर हैं, मैं अपने शब्द वापस लेता हूं. उनसे जाकर मैं मिलूंगा.’