बिहार की राजनीति एक बार फिर इतिहास रचने की दहलीज पर है. राज्य के अनुभवी नेता और जदयू के मुखिया नीतीश कुमार रिकॉर्ड 10वीं बार मुख्यमंत्री बनने की तैयारी में हैं. यह उपलब्धि उन्हें न केवल बिहार राजनीति बल्कि पूरे देश के राजनीतिक इतिहास में एक विशेष स्थान दिलाती है. बिहार की सियासत हमेशा से गठबंधन, समीकरण और अप्रत्याशित मोड़ों के लिए जानी जाती रही है. इस बार भी चुनाव परिणामों के बाद राजनीतिक परिदृश्य तेजी से बदला. एक ओर, एनडीए की प्रचंड जीत ने मुख्यमंत्री पद की स्थिति साफ की, वहीं दूसरी ओर चर्चाओं का दौर भी तेज हुआ कि अगला मुख्यमंत्री कौन होगा. हालांकि राजनीतिक पंडितों की राय शुरू से साफ थी कि नीतीश कुमार ही सबसे अनुभवशील नेता हैं और गठबंधन की साझा पसंद भी. अंततः परिस्थितियां उसी दिशा में जाती दिख रही हैं.
बिहार के कथित ‘सुशासन बाबू’ नीतीश कुमार 20 नवंबर को पटना के गांधी मैदान में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. उनके साथ उप मुख्यमंत्री के पद के लिए नया नाम मंगल पांडेय का है, जो आरएसएस की भी पसंद बताए जा रहे हैं. दूसरे उप मुख्यमंत्री के तौर पर सम्राट चौधरी फिर शपथ ले सकते हैं. बताया जा रहा है कि नीतीश के मंत्रीमंडल में 34 मंत्रियों को शामिल किया जा रहा है. नई कैबिनेट में राजपूत जाति को साधने के लिए जमुई की विधायक श्रेयसी सिंह और औरंगाबाद से चुनाव जीतने वाले त्रिविक्रम सिंह को भी मंत्री बनाया जा सकता है.
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पूर्व केंद्रीय मंत्री दिग्विजय सिंह की बेटी श्रेयसी लगातार दूसरी बार बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीतकर विधायक बनी हैं. केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी के बेटे और हम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष मांझी, राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष व पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी से उनकी पत्नी स्नेहलता मंत्री बन सकती हैं. स्नेहलता पहली बार चुनाव जीतकर विधायक बनी हैं. पिछली सरकार में जदयू कोटे से 13 मंत्री थे. संभव है कि इसमें से 10 मंत्रियों को नई सरकार में फिर से मंत्री बनाया जा सकता है. पिछली सरकार में बीजेपी कोटे से 19 मंत्री हैं. इसमें बड़े पैमाने पर बदलाव की सूचना है. डिप्टी CM विजय सिन्हा को रिप्लेस किया जा सकता है. इस बार बीजेपी कोटा से 15 मंत्री शपथ ले सकते हैं.
सरकार में बराबर की भागीदारी को लेकर जदयू-बीजेपी में खींचतान के बीच खबर है कि बीजेपी विधायक प्रेम कुमार को विधानसभा का स्पीकर बनाया जा सकता है. हालांकि जदयू भविष्य में किसी तरह की तोड़फोड़ की आशंका के चलते स्पीकर का पद बीजेपी को देने के लिए तैयार नहीं है लेकिन बीजेपी विधानसभा स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के पद पर दावा कर रही है.
ये हो सकते हैं मंत्रीमंडल में शामिल
जदयू कोटा से विजय चौधरी, बिजेंद्र यादव, श्रवण कुमार, अशोक चौधरी, लेसी सिंह, जमा खान, मदन सहनी, जयंत राज, महेश्वर हजारी और संतोष निराला शामिल हो सकते हैं. वहीं बीजेपी की ओर से सम्राट चौधरी, नितिन नवीन, मंगल पांडेय, राम कृपाल यादव और रजनीश कुमार संभावित मंत्री पद के दावेदार हैं.



























