बिहार विधानसभा चुनाव के बाद लालू यादव के परिवार में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है. चुनाव से ऐन वक्त पहले लालू के बड़े सुपुत्र तेज प्रताप यादव को परिवार और पार्टी से निष्काषित कर दिया गया. अब चुनाव परिणाम के बाद जब पार्टी बड़े सदमे से गुजर रही है, लालू की बेटी रोहिणी आचार्य ने तेजस्वी यादव और उनके सलाहकार संजय यादव व रमीज पर गंभीर आरोप लगाए हैं. रोहिणी आचार्य के समर्थन में उनके भाई तेजप्रताप यादव आ गए हैं. मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा ‘हमारी बहन का जो अपमान करेगा, उस पर कृष्ण का सुदर्शन चक्र चलेगा.’
रोहिणी ने दावा किया कि उन्हें चप्पल से पीटा गया, गालियां दी गईं और घर से निकाल दिया गया. उन्होंने उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के सलाहकार संजय यादव और रमीज पर हार की जिम्मेदारी से बचने का आरोप लगाया. रोहिणी ने सोशल मीडिया पर भावुक पोस्ट लिखी, जिसमें पार्टी और परिवार से दूरी का ऐलान किया. रोहिणी ने लिखा कि हार के लिए जिम्मेदार लोग पर्दे के पीछे फैसले लेते रहे और सारी गलती तेजस्वी यादव पर डाल दी.
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इससे पहले चुनाव हारने के बाद राजनीति के साथ साथ घर परिवार छोड़ने वाली रोहिणी आचार्य ने कहा, ‘मेरा कोई परिवार नहीं है. आपको तेजस्वी यादव, संजय यादव और रमीज से जाकर पूछना चाहिए. इन्हीं लोगों ने मुझे परिवार से निकाला है. ये कोई जिम्मेदारी नहीं लेना चाहते. पूरा देश पूछ रहा है कि पार्टी इतनी बुरी तरह क्यों गिरी. संजय यादव और रमीज का नाम लेने पर आपको घर से निकाल दिया जाता है, बेइज्जत किया जाता है और गालियां दी जाती हैं.’ हालांकि, बहन के आरापों पर अभी तक तेजस्वी यादव की ओर से कोई बयान सामने नहीं आया है.
एनडीए नेताओं ने लिया आड़े हाथ
राजद प्रमुख लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य द्वारा लगाए गए आरोपों पर जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के वरिष्ठ नेता अशोक चौधरी ने कहा, ‘परिवार के लोग भी बेहद व्यथित हैं. जिन्होंने लालू यादव की हालत देखी है, वे जानते हैं कि वह बहुत बीमार हैं और ऊपर से परिवार में एकता नहीं है. अब सवाल यह है कि पार्टी एकजुट रहेगी या नहीं. परिवार और पार्टी पर संकट की घड़ी है.’
रोहिणी के राजनीति छोड़ने और अपने परिवार से नाता तोड़ने के फैसले पर हम नेता संतोष कुमार सुमन ने कहा, ‘यह उनका आंतरिक मामला है. मुझे नहीं पता कि उनके बीच क्या चल रहा है. मैंने नहीं सुना कि उन्होंने क्या कहा है, लेकिन अगर उन्होंने ऐसा कुछ कहा है, तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है. जनता द्वारा दिया गया जनादेश हम सभी को स्वीकार करना चाहिए. किसी को इतनी निराशा में नहीं रहना चाहिए.’
वहीं बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, ‘यह लालू यादव के परिवार और उनकी पार्टी का अंदरूनी मामला है. इस पर ज्यादा टिप्पणी नहीं करनी चाहिए. लेकिन मन में सवाल उठता है कि अगर उनकी बेटी अपने ही घर में सम्मान, सुरक्षा और संरक्षण में नहीं है, कुछ बाहरी लोग उस पर हमला करते हैं, उस पर चप्पलों से हमला किया जा रहा है, उसके साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है, तो क्या यह पार्टी बिहार की बेटियों और बिहार की महिलाओं को सम्मान और सुरक्षा दे सकती है? इसलिए जनता ने समझदारी से ऐसी पार्टी को सत्ता से बाहर रखा है, जिसका एकमात्र उद्देश्य ‘जंगलराज’ लाना है.’
राजद की एकता पर संकट
यह पारिवारिक और पारिवारिक झगड़ा बिहार की राजनीति में भूचाल ला सकता है. राजद पहले से ही हार के सदमे से जूझ रही है और यह विवाद पार्टी की एकजुटता को और कमजोर कर सकता है. रोहिणी के बयान से तेजस्वी यादव की सलाहकार टीम पर सवाल खड़े हो गए हैं, जो पार्टी के भविष्य के लिए चुनौती बन सकता है. आरजेडी नेतृत्व ने अभी तक रोहिणी के आरोपों पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है. हालांकि पार्टी के प्रवक्ता ने कहा, यह पारिवारिक मामला है, जिस पर टिप्पणी करना उचित नहीं, लेकिन जानकारों का मानना है कि यह विवाद लंबा चल सकता है.



























