Satish Poonia on Gehlot: राजस्थान भाजपा के नेता इन दिनों गहलोत सरकार पर आक्रामक है. राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनियां ने मुख्यमंत्री गहलोत पर जमकर निशाना साधा. पूनियां ने कहा कि कांग्रेस सरकार का कोई मंत्री या विधायक मुख्यमंत्री गहलोत के खिलाफ बोलता है तो मंत्री को पद से हटा दिया जाता है और विधायकों पर राजद्रोह के मुकदमे दर्ज करा दिये जाते हैं.
उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कहते हैं कि 85 प्रतिशत घोषणायें और जनघोषणा पत्र के 70 प्रतिशत वादे पूरे कर दिये, जबकि हकीकत यह है कि 70 प्रतिशत से अधिक वादे और घोषणायें साढ़े चार सालों से अधूरी हैं, कांग्रेस सरकार की अंतरकलह व झगड़े के कारण राजस्थान का विकास पूरी तरह ठप पड़ा है, युवा, किसान, माता-बहनें सभी कांग्रेस के कुशासन से प्रताड़ित हैं.
पूनियां ने कहा कि राजस्थान की जनता, किसान, युवा और मातृशक्ति कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस सरकार से इतने प्रताड़ित हो चुके हैं कि इनको एक क्षण भी सहने को तैयार नहीं है, सिर्फ चुनाव का इंतजार है और कांग्रेस सरकार की विदाई की पूरी तैयारी है. सरकार सिर्फ घोषणाओं से नहीं चलती, सॉर्स ऑफ इनकम, निवेश, सरकारी व निजी क्षेत्र में रोजगार, सुदृढ़ कानून व्यवस्था, सुगम परिवहन, सबको इलाज, सबको शिक्षा, युवाओ- किसानों को सहूलियत इत्यादि कार्यों को करने की जरूरत थी, लेकिन राज्य की कांग्रेस सरकार ने ऐसा नहीं किया, मुख्यमंत्री घोषणाजीवी बनने के स्वयं के रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं, यही इनकी उपलब्धि है.
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पूनियां ने कहा कि कांग्रेस सरकार का कोई मंत्री या विधायक मुख्यमंत्री के खिलाफ बोलता है तो मंत्री को पद से हटा दिया जाता है और विधायकों पर राजद्रोह के मुकदमे दर्ज करा दिये जाते हैं, पीसीसी चीफ और डिप्टी चीफ मिनिस्टर को भी बर्खास्त कर दिया जाता है. कांग्रेस शासन में राजस्थान दुष्कर्म, भ्रष्टाचार, महंगाई, अवैध खनन, साइबर क्राइम, महंगाई, लूट-डकैती, पेपर लीक में नंबर वन है.
पूनियां ने कहा कि देश में डीजल-पेट्रोल पर सर्वाधिक वैट राजस्थान में हैं, विधानसभा में राज्य सरकार के कैबिनेट मंत्री जवाब देते हैं कि सरकार की डीजल-पेट्रोल पर वैट कम करने की कोई मंशा नहीं है. राजस्थान में 19 पेपर लीक हो गए, जिससे प्रदेश के युवाओं के भविष्य के साथ बार-बार खिलवाड़ हो रहा है, अब मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि पेपर लीक रोकने के लिये कानून को और सख्त किया गया है, जिसमें आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान किया गया है, लेकिन बार-बार पेपर लीक से लाखों युवाओं और उनके परिवारों के सपने तोड़े गये, उनकी कैसे भरवाई करेगी राज्य सरकार?
पूनियां ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पेपर लीक मामलों की सीबीआई जांच करवाने से इसलिए डरते हैं क्योंकि पेपर लीक माफियाओं में कांग्रेस सरकार में बैठे हुए तमाम लोग शामिल हैं, जिसमें राजीव गांधी स्टडी सर्किल से जुड़े कई लोग भी पेपर लीक में लिप्त पाये गये. आरपीएससी जैसी प्रतिष्ठित संस्था में भी भ्रष्टाचार की गहरी जड़ें जम चुकी हैं, पेपर लीक महाघोटाला में आरपीएससी के सदस्य का शामिल पाया जाना इससे स्पष्ट है कि आरपीएससी को कांग्रेस सरकार ने भ्रष्टाचार का अडडा बना दिया है. पिछली कांग्रेस सरकार में राज्यमंत्री रहे गोपाल केसावत को आरपीएससी की भर्ती परीक्षा में पास करवाने के बदले 18.50 लाख रुपए की घूस लेते हुए पकड़ा जाता है.