Politalks.News/PunjabCivicElection कृषि कानूनों के खिलाफ 84 दिनों से चल रहे किसान आंदोलन का सीधा असर पंजाब में हुए निकाय चुनावों पर पड़ा है. हरियाणा के बाद अब पंजाब में 8 नगर निगम और 109 नगर पालिका-नगर परिषदों (117 स्थानीय निकाय) के लिए 14 फरवरी को हुई वोटिंग के आज आए नतीजों में कांग्रेस ने रिकॉर्डतोड़ जीत हासिल की है. पंजाब में कांग्रेस ने मुख्य विपक्षी दल शिरोमणि अकाली दल, आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी का सफाया करते इन चुनावों में जोरदार जीत हासिल की है. कांग्रेस ने अबोहर, बठिंडा, कपूरथला, होशियारपुर, पठानकोट, मोगा और बाटला नगर निगम पर जीत हासिल की है. बता दें, प्रदेश में सात निगमों और 109 नगर परिषदों के लिए हुए चुनाव में कुल 9,222 उम्मीदवार मैदान में थे.
विधानसभा चुनाव की तस्वीर साफ- सीएम अमरिंदर सिंह
निकाय चुनावों में कांग्रेस को मिली अपार सफलता पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि कृषि कानूनों के विरोध और किसान आंदोलन की पृष्ठभूमि में हुए चुनावों में लोगों का भाजपा के प्रति गुस्सा साफ नजर आया. कैप्टन ने आरोप लगाया कि भाजपा के सहयोगी रहे शिरोमणि अकाली दल और आम आदमी पार्टी भी किसानों के लिए ‘मगरमच्छी’ आंसू बहाते रहे और ढोंग करते रहे लेकिन मतदाताओं ने इन पार्टियों के शगूफों को समझ लिया था. सीएम अमरिंदर सिंह ने दावा किया कि आज आए नतीजों ने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों की तस्वीर स्पष्ट कर दी है और विधानसभा चुनावों में शिअद, भाजपा व आप का नाम पंजाब के राजनीतिक नक्शे से ही मिट जाएगा.
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सबसे बड़ा झटका शिरोमणि अकाली दल को लगा
पंजाब में मुख्य विपक्षी पार्टी शिरोमणि अकाली दल को आज आए इन नतीजों से सबसे बड़ा झटका लगा है. पंजाब में विधानसभा चुनाव से एक साल पहले हुए निकाय चुनाव के नतीजे शिरोमणि अकाली दल के लिए करारा झटका हैं. शिअद अपने सबसे बड़े गढ़ बठिंडा में बुरी तरह हार गई है. यह इलाका बादल परिवार का असर रहा है. प्रकाश सिंह बादल का पैतृक गांव बादल गांव बठिंडा में ही आता है. लेकिन पार्टी को यहां कांग्रेस ने बुरी तरह मात दी है. कांग्रेस नेता मनप्रीत सिंह बादल ने ट्वीट करते हुए कहा कि 53 साल में पहली बार यहां कांग्रेस का मेयर बनेगा.
2015 में तीसरे नम्बर पर थी कांग्रेस
आपको बता दें, बठिंडा नगर निगम पर पांच दशक में पहली बार कांग्रेस ने कब्जा जमाया है. शिरोमणि अकाली दल को यहां करारी शिकस्त मिली है. 53 साल में पहली बार यहां कांग्रेस का मेयर बनेगा. वहीं नगर परिषद और नगर पालिका के वॉर्डों में भी कांग्रेस सबसे आगे है. इसके उलट 2015 में कांग्रेस 2044 में से सिर्फ 253 वॉर्डों में जीती थी. वहीं निर्दलीय ने 624 वॉर्डों में कब्जा जमाया था. जबकि शिरोमणि अकाली दल और बीजेपी का गठबंधन 1161 सीटों (अकाली दल-813, बीजेपी-348) पर जीता था. यानी कांग्रेस तीसरे नंबर पर रही थी, जबकि इस बार कांग्रेस ने लंबी छलांग लगाई है.
विधानसभा चुनाव से पहले आए इन नतीजों ने बढाया कांग्रेस का उत्साह
ऐसे में पंजाब निकाय चुनाव के नतीजे कांग्रेस के लिए निश्चित रूप से सुखद हैं. कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुआई में पार्टी ने 4 साल पहले सरकार बनाई थी. ऐसे में जब चुनाव में सिर्फ एक साल बचा है उससे पहले पार्टी की भारी जीत उत्साह बढ़ाने वाली है. रुझानों और नतीजों में कांग्रेस आठों नगर निगम अपने कब्जे में करती दिख रही है. बठिंडा, कपूरथला, होशियारपुर, पठानकोट, बटाला, मोगा और अबोहर नगर निगमों में कांग्रेस को भारी जीत हासिल हुई है.
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‘पंजाब में भाजपा साफ, जल्द पूरा देश चलेगा पंजाब की राह पर….’
भले ही पंजाब में बीजेपी का बड़ा जनाधार ना हो लेकिन निकाय नतीजों से उसको झटका जरूर लगा है. मोदी सरकार के लाए कृषि कानूनों के खिलाफ तीन महीने से दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन चल रहा है. इससे पहले हरियाणा में हुए स्थानीय निकाय चुनाव में बीजेपी को करारा झटका लगा था. अब पंजाब में भी उसे मुंह की खानी पड़ी है. शिरोमणि अकाली दल से उसका गठबंधन पहले ही टूट चुका था. वहीं 2015 में बीजेपी ने 348 वॉर्डों में जीत हासिल की थी लेकिन इस बार पार्टी उसके आसपास भी नजर नहीं आ रही है. वहीं गुरदासपुर से बीजेपी के सनी देओल सांसद हैं, इसके बावजूद शहर के सभी 29 वॉर्ड कांग्रेस के खाते में गए हैं. कांग्रेस ने बीजेपी पर तीखा तंज करते हुए ट्वीट में लिखा, ‘पंजाब में भाजपा साफ. जल्द देश भी पंजाब की राह पर चल कर ‘स्वच्छ भारत अभियान’ के तहत भाजपा का सूपड़ा साफ कर देश को ‘नफरत और झूठ’ की राजनीति से मुक्त करेगा. क्योंकि अब किसान की आवाज़ ही देश की आवाज़ है!’
आम आदमी पार्टी के अरमानों पर भी फेरा झाड़ू
2017 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी काफी जोर-शोर से चुनाव में उतरी थी. हालांकि नतीजों में उसे बहुत कामयाबी नहीं मिल सकी थी. इस बार के निकाय चुनाव में भी पार्टी तीसरे नंबर पर ही दिख रही है. हालांकि आम आदमी पार्टी ने पहली बार यहां निकाय चुनाव लड़ा है. ऐसे में दिल्ली के बाहर विस्तार को देखते हुए पार्टी के लिए बुरी खबर भी नहीं है. वहीं मोगा नगर निगम की 4 सीटों पर पार्टी के कैंडिडेट जीते हैं. इसके साथ ही होशियारपुर नगर निगम में दो सीटों पर और खन्ना में भी आम आदमी पार्टी को दो सीटों पर जीत मिली है. लेकिन कुल मिलाकर दिल्ली के बाद पंजाब में सबसे बड़ा जनाधार मानने वाली और किसान आंदोलन का पुरजोर समर्थन कर रही आम आदमी पार्टी के अरमानों पर कांग्रेस ने झाड़ू जरुर फेर दिया है.