आलाकमान ने अटकाई सिद्धू के ‘सिपहसालारों’ की टीम तो जाखड़ ने ली चुटकी ‘आपके बंदर, आपकी सर्कस’

पंजाब कांग्रेस का पंगा! क्या सिद्धू फिर हो गए नाराज! ब्लॉक प्रधानों की मीटिंग से बनाई दूरी, सियासी जानकारों का मानना- आलाकमान ने अटका रखी है 'सिद्धू की टीम', 'अपनों के साथ अपनों के अपनों को टीम में किया गया है शामिल, शिकायत के बाद आलाकमान ने लगाया वीटो तो जाखड़ ने कसा जोरदार तंज

जाखड़ ने ली चुटकी 'आपके बंदर, आपकी सर्कस'
जाखड़ ने ली चुटकी 'आपके बंदर, आपकी सर्कस'

Politalks.News/Punjab. पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) की सियासी कलह है कि खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है. विधानसभा चुनाव (Assembly Election) में अब कुछ ही समय शेष बचा है, लेकिन कांग्रेस (Congress) पार्टी अपनी आंतरिक लड़ाई से जूझ रही है. अब सिद्धू का संगठन मॉडल कांग्रेस को पसंद नहीं आ रहा है. हाल ही में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) ने करीब 2 हफ्ते पहले संगठन की लिस्ट कांग्रेस हाईकमान को भेजी थी. लेकिन कांग्रेस आलाकमान को यह लिस्ट पसंद नहीं आ रही है. कहा जा रहा है कि सिद्धू ने संगठन बनाते वक्त पार्टी के MLA और वरिष्ठ नेताओं की बिलकुल नहीं सुनी. फिलहाल संगठन में जिन नामों को जगह मिलनी है उसकी पूरी लिस्ट पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी (Harish Choudhary) के पास अटकी है. अब देखना यह होगा कि आखिर आलाकमान सिद्धू की लिस्ट को मान्यता देता है या नहीं.

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने करीब 2 हफ्ते पहले संगठन की लिस्ट कांग्रेस हाईकमान को भेजी थी. लेकिन यह लिस्ट अब भी पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी के पास अटकी हुई है. माना जा रहा है कि सिद्धू ने संगठन बनाते वक्त पार्टी के विधायकों और वरिष्ठ विधायकों की एक नहीं सुनी और अपने अनुसार ही संगठन की सूचि तैयार कर ली. पार्टी नेताओं का कहना है कि सिद्धू ने अपने करीबी MLA और नेताओं से चर्चा कर लिस्ट तैयार कर दी.

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संगठन की नियुक्ति को लेकर सिद्धू ने जो आलाकमान को लिस्ट दी है उसके अनुसार जिला कमेटियों में एक प्रधान और 2 वर्किंग प्रधान बनाने का प्रपोजल दिया है. राज्य में कांग्रेस की 29 जिला कमेटी हैं. इसमें इस फॉर्मूले से 89 नेताओं को एडजस्ट किया गया है. हालांकि इसमें जिन नेताओं के नाम चुने गए हैं, सब सिद्धू या फिर उनके करीबियों के करीबी हैं. यही वजह है कि कांग्रेस हाईकमान इसको लेकर खुश नहीं है. तो वहीं पार्टी नेताओं ने भी अब सिद्धू द्वारा भेजी गई लिस्ट पर सवाल उठाने खड़े कर दिए हैं.

सिद्धू ने जो संगठन लिस्ट बनाई है उसे लेकर अब पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने भी खुल कर अपनी प्रतिक्रिया दी है. सुनील जाखड़ ने ट्वीट करते हुए कहा कि, ‘आपके बंदर, आपकी सर्कस’, मैं इस कहावत को फॉलो करता हूं. मैंने न किसी को कुछ सुझाव दिया है और न ही दूसरे के ‘शो’ में हस्तक्षेप किया है’. सुनील जाखड़ की ये प्रतिक्रिया उस समय आई जब मीडिया रिपोर्ट्स ये कहा गया कि सिद्धू ने संगठन बनाते वक्त जाखड़ की सिफारिश नहीं मानी.

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यह पहला मौका नहीं जब सुनील जाखड़ ने पार्टी में जारी खींचतान को लेकर इस तरह का बयान दिया है. इससे पहले भी सुनील जाखड़ ने ट्वीट करते हुए कहा था कि, ‘पंजाब में राजनीति ड्रामा हो गई है, जो बिल्कुल क्रिप्टो करंसी की तरह है. जो बिकती खूब है, लेकिन विश्वसनीय नहीं है.’ वहीं जो नेता सिद्धू के पक्ष में हैं उनका कहना है कि पंजाब में कांग्रेस संगठन की जो लिस्ट तैयार की गई है उसमे मेरिट के आधार पर चेहरे शामिल किए गए हैं. इसके उलट कुछ MLA और नेता अपने करीबियों को कुर्सी दिलाना चाहते हैं, जिनका कोई ज्यादा आधार या फिर पूरी तरह स्वीकार्यता नहीं है.

वहीं कल सूबे के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और पंजाब प्रभारी हरीश चौधरी ने चंडीगढ़ में कांग्रेस के ब्लॉक प्रधानों की मीटिंग बुलाई, जिसमें से नवजोत सिंह सिद्धू गैरहाजिर रहे. सियासी गपशप के अनुसार इस मीटिंग के लिए सिद्धू को भी न्योता भेजा गया था, लेकिन वह नहीं आए. जबकि संगठन प्रधान होने के नाते उनका इस मीटिंग में शामिल होना जरूरी था. तो वहीं कुछ गपशप ये भी कह रही है कि नवजोत सिंह सिद्धू जिस तरह चाहते थे उस तरह उन्हें संदेश भेजने में किसी प्रकार का कोई उत्साह दिखाई ही नहीं दिया. इसी कारण सिद्धू ने मीटिंग में जाने में रूचि नहीं दिखाई.

 

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