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Rajendra Rathore On Gehlot government: राजस्थान की गहलोत सरकार में सैनिक कल्याण राज्य मंत्री रहते राजेंन्द्र सिंह गुढा द्वारा प्रदेश में बढते महिला अत्याचार की घटनाओं पर अपनी ही सरकार के खिलाफ विधानसभा में बोलने पर मंत्री पद से बर्खास्तगी और मुख्यमंत्री गहलोत पर लाल डायरी में भ्रष्टाचार के सबूत होने का बीते दी सदन में दावा किया गया. इन सभी विषयों को लेकर नेता प्रतिपक्ष राजेंन्द्र राठौड और उप नेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया ने सदन में पत्रकार वार्ता को संबोधित किया.

नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड ने कहा कि जब सदन की कार्यवाही चलती है, उस दौरान सदन के बाहर कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय होता है, संसदीय परंपराओं के अनुसार उसके बारे में सदन के नेताओं को पूर्व सूचना देना और अवगत कराना आवश्यक होता है. मणिपुर की घटना में देश के प्रधानमंत्री मोदी ने संसद से बाहर प्रेस को वक्तव्य दिया और उसके बाद कांग्रेस के लोगों ने संसद को ठप्प कर दिया. राजस्थान विधानसभा में आज उसके विपरीत आचरण देखने को मिला. राजेंन्द्र गुढा सहित बसपा के सदस्यों का कांग्रेस में विलय हुआ, जिनकी दल बदल याचिका आज भी उच्च न्यायालय में लंबित है.

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नेता प्रतिपक्ष राठौड ने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत तीन महीने पहले जिनके पुत्र के जन्म दिवस पर उनके गांव में जाकर कहते हैं कि अगर राजेंद्र सिंह गुढा नहीं होते तो मेरी सरकार नहीं होती, मैं आपका अहसान भूल नहीं सकता और उसी व्यक्ति ने जब महिला उत्पीडन पर सरकार को आईना दिखाया तो मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया. राठौड ने सदन के घटनाक्रम के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि सदन में मणिपुर की घटना का जिक्र हो रहा था, उस समय हम सरकार से मांग कर रहे थे एनसीआरबी के आंकडो के अनुसार दुष्कर्म मामलों में राजस्थान पहले पायदान पर क्यों है. सरकार के खुद के पुलिस मासिक प्रतिवेदन में दुष्कर्म के आंकड़े क्यों बढ़ रहे है. सरकार खाजूवाला पर बहस करे रोज प्रदेश में दुष्कर्म और महिला उत्पीडन की घटनाएं हो रही हैं. हमने दौसा की घटना पर बहस करने को बोला, इस पर सरकार के राज्य मंत्री गुढा ने खड़े होकर कहा राजस्थान में महिलाओं की हालत ठीक नहीं और महिलाओं की इज्जत नीलाम हो रही है, इस पर इस मामले पर उन्हें बर्खास्त कर दिया गया.

नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड ने कहा कि राजेंद्र गुढा के बयान के बाद उनको बर्खास्त करना और यह घटनाक्रम उस वक्त हुआ जब सदन सत्र चल रहा है. सदन का अधिकार है कि प्रदेश में महिलाओं की अस्मत लुट रही है. ऐसे गंभीर मामले पर कोई मंत्री बोलता है और उसे बर्खास्त किया जाता है. राठौड ने तत्कालीन हरिदेव जोशी सरकार में मंत्रिमंडल सदस्य रामपाल उपाध्याय का हवाला देते हुए कहा कि रामपाल उपाध्याय पर आरोपों के चलते सदन में उनसे त्यागपत्र लिया गया था. उस दौरान भैरों सिंह शेखावत ने सदन में इस मुद्दे को उठाया था. तब सदन में 5 घंटे तक इस मुद्दे पर बहस चली थी.

राजेंन्द्र राठौड ने कहा कि आज राजस्थान की विधानसभा के अध्यक्ष सीपी जोशी को लिखकर अवगत कराया कि हमारी संसदीय परंपरा रही है, राजेन्द्र गुढा की बर्खास्तगी पर बहस होनी चाहिए, लेकिन अफसोस है कि इसकी अनुमति नहीं मिली. कल राजेन्द्र गुढा ने एक प्रेसवार्ता में लाल डायरी का मामला उठाया था. जिसमें उन्होने बताया कि जब ईडी की रेड चल रही थी तब मुख्यमंत्री ने कहा तुम जाओ और लाल डायरी लेकर आओ रामलाल जाट और धीरज गुर्जर को मेरे साथ भेजा गया. रेड के दौरान सीआरपीएफ के 150 जवानों के बीच में लाल डायरी को मुख्यमंत्री के निर्देश पर उठाया और नीचे फेंक दिया. गुढा ने प्रेसवार्ता में लाल डायरी में मुख्यमंत्री के करोड़ों रुपए के अवैध संपत्ति के रहस्य होने का जिक्र किया. आज सुबह जब हाउस जुड़ा हमने प्रश्नकाल को बड़े अच्छे तरीके से निकाला और समाप्त होते समय हमने अपनी बात रखी. मैंने कहा कि यह सदन और प्रदेश जानना चाहता है, कि नियम और प्रक्रिया अनुसार बर्खास्तगी होने पर सरकार सदन में पूरे घटनाक्रम पर अपना वक्तव्य दे. राजेन्द्र सिंह गुढा ने जब बोलने के लिए समय मांगा तो उनको समय नहीं दिया गया. इस पर जब संसदीय कार्य मंत्री बोलने लगे तो गुढा ने विरोध भी किया और उसके बाद जो भी मारपीट का घटनाक्रम हुआ उसको सारी दुनिया ने यूट्यूब के जरिये देखा जिसमें राजस्थान की विधानसभा और प्रदेश शर्मशार हुआ है.

नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड ने कहा कि सरकार ने आनन-फानन में बिना बहस के चार बिल पारित किए हैं. इसके बाद सरकार ने पूर्वी राजस्थान की सिंचाई पेयजल के लिए ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग की है. राठौड ने कर्जमाफी के मामले में गहलोत सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि शेड्यूल बैंक से जो वादा किया था, फसली ऋण माफी का जो वादा किया था इन बैंकों में 19300 किसानों की जमीनें नीलाम हो गई और खाते एनपी हो गए. सरकार आज लोकतंत्र का गला घोट रही है. भारतीय जनता पार्टी इस ‘‘लाल डायरी’’ को सदन और सड़क तक लेकर जाएगी. हमने विधायक गुढा से भी मांग की है कि लाल धब्बे के तथ्य हमें उपलब्ध कराएं. विधायक गुढा के साथ सदन में जो लाल डायरी छीनने और छीना झपटी की घटना से लोकतंत्र के मंदिर को कलंकित करने का काम किया है.

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