Rajasthan Politics: जयपुर से लेकर दिल्ली तक कि सियासत में आज लाल डायरी का मुद्दा गरमाया हुआ है. गहलोत सरकार के बर्खास्त मंत्री राजेन्द्र सिंह गुढ़ा के विधानसभा में लाल डायरी लहराने और सदन से बाहर निकालने के बाद वापस नहीं घुसने देने के प्रकरण में केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर जोरदार हमला बोला है. मंत्री शेखवार ने कहा कि यह राजस्थान के लोकतांत्रिक इतिहास का काला दिन है, जब किसी विधायक के साथ ऐसा व्यवहार किया गया है.
मंत्री शेखावत ने दिल्ली भाजपा मुख्यालय पर पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से सवाल किया कि जिस लाल डायरी का जिक्र राजेंद्र गुढ़ा कर रहे हैं, उसके विषय में मुख्यमंत्री को पूरा खुलासा करना चाहिए. लाल डायरी में क्या है? पूरा प्रदेश जानना चाह रहा है. मंत्री शेखावत ने दावा किया कि लाल डायरी में गहलोत सरकार के कई मंत्रियों के भ्रष्टाचार के राज हैं. इसके तार दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान तक जुड़े हुए हैं.
मंत्री शेखावत ने कहा कि लाल डायरी के नाम पर ही कांग्रेस सरकार के मुखिया और मंत्रियों में घबराहट दिखाई देती है. राजेंद्र गुढ़ा ने एक दिन पहले ही कह दिया था कि इस लाल डायरी से सरकार की चूलें हिल जाएंगी. सरकार धराशाही हो जाएगी. मंत्री शेखावत ने मुख्यमंत्री गहलोत से पूछा कि लाल डायरी को लेकर सरकार और उनमें इतनी धबराहट क्यों है?
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मंत्री शेखावत ने कहा कि वर्ष 2020 में जब कांग्रेस में अंतरकलह चरम पर थी. अपने आलाकामन से मिलने के लिए कुछ विधायक दिल्ली के पास डेरा डाले बैठे थे. उसी कालखंड में सरकार में मंत्री का दर्जा प्राप्त कांग्रेस के वरिष्ठ पदाधिकारी के यहां इनकम टैक्स ने रेड किया था. उस रेड के दौरान लाल रंग की डायरी और कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज रिकवर किए गए. राजस्थान पुलिस की मिलीभगत से उस समय राजेंद्र गुढ़ा जो विधायक थे और गहलोत के कृपा पात्र थे, पचास से अधिक समर्थकों के साथ जाकर इनकम टैक्स के अधिकारियों से लाल रंग की डायरी छीनकर ले आए थे. ऐसा कहा जाता है कि उस डायरी में गहलोत साब के बहुत सारे राज छिपे थे.
लाल डायरी पूरी ही काली
मंत्री शेखावत ने कहा कि आज विधानसभा में जिस तरह कांग्रेस के विधायकों में उस लाल डायरी को छीनने की होड़ मची हुई थी, उससे लगता है कि कहीं न कहीं उस लाल डायरी में लाल है या नहीं, लेकिन कुछ काला जरूर है. आज मैं गहलोत साब से यह प्रश्न पूछना चाहता हूं कि आपने क्यों राजेन्द्र गुढ़ा को वहां भेजकर जबरन लाल डायरी मंगवाई? क्या राजस्थान की गरीब जनता की भलाई के लिए चलाई गई योजनाओं से लूटे गए पैसों का उसमें हिसाब था? उन पैसों का कब, कहां और कौन उपयोग कर रहा था? कौन गुलछर्रे उड़ा रहा था? कौन अपनी राजनीतिक आंकाक्षओं की पूर्ति के लिए उपयोग कर रहा था? किसने कहां प्रॉपर्टी बनाई? क्या इन सबकी जानकारी उसमें थी? राजेंद्र गुढ़ा ने कहा था कि डायरी में 500 करोड़ का हिसाब था. राजेंद्र गुढ़ा को चुप रखने के लिए ही उन्हें मंत्री पद से नवाजा गया था. इसलिए वे ढाई साल तक चुप रहे. उन्होंने जो प्रश्न खड़े किए, सरकार उन्हें झेल नहीं पा रही थी.
आरसीए चुनाव का हिसाब भी था डायरी में
मंत्री शेखावत ने आरोप लगाया कि डायरी में राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के चुनाव के लिए कब, किसको और कितना पैसा दिया गया? इसका भी हिसाब है. इससे सरकार की बौखलाहट स्पष्ट होती है. इससे यह भी समझ में आ रहा है कि क्यों गुढ़ा जी की बयानबाजी को इतने दिन तक गहलोत सहन कर रहे थे. लाल डायरी का रहस्य जिस दिन खुलेगा, कई लोगों का राजनीतिक वजूद हमेशा के लिए खत्म हो जाएगा.
हर भ्रष्टाचार की अलग रंग की डायरी
राज्य में बढ़ रहे भ्रष्टाचार और अनियमितताओं पर तंज कसते हुए मंत्री शेखावत ने कहा कि गुढ़ा ने अजमेर ब्लैकमेल कांड के विषय में भी चर्चा की. पेपरलीक की डायरी निकलेगी, वह नीले रंग की होगी. माइनिंग माफिया की डायरी काले या पीले रंग की होगी. नौकरियों में हुए घोटाले की डायरी किसी और रंग होगी. पता नहीं, कितने रंग की डायरियां हैं. इनमें हजारों करोड़ रुपए के घोटालों की जानकारी है. राजस्थान की जनता इनके खुलासे का इंतजार कर रही है.
आकाओं को खुश करने के लिए डायरी
मंत्री शेखावत ने कहा कि गरीब कल्याण के लिए बनी योजनाओं के पैसे डकार कर ऐसी लाल, पीली, हरी डायरियों में हिसाब लिखा गया है. कभी सरकार बचाने के लिए, कभी राज्यसभा का मेंबर बनाने के लिए, कभी बेटे को राज्यसभा का मेंबर बनाने के लिए और कभी अपने आकाओं को खुश करने के लिए इन डायरियों का उपयोग किया गया है.
गहलोत सरकार ने भ्रष्टाचार के रिकॉर्ड तोड़े
मंत्री शेखावत ने कहा कि गहलोत सरकार ने भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं में भ्रष्टाचार हो रहा है. उस भ्रष्टाचार से कमाए धन से राजनीतिक इच्छाओं की पूर्ति की जा रही है. इस डायरी से निकले जिन्न के सूत्र जयपुर से लेकर दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय को जोड़ने वाले हैं. इस पैसों का उपयोग आलाकमान को खुश रखने और अपनी कुर्सियां बचाने के लिए किया गया होगा.
सरकार के ही विधायकों ने लगाए धारीवाल पर आरोप
मंत्री शेखावत ने कहा कि प्रदेश के मंत्री शांति घारीवाल द्वारा किए गए घोटालों की गूंज विधानसभा में कई बार सुनाई दी है. विधानसभा के पटल में मंत्री का दर्जा प्राप्त और सलाहकार के रूप में नामित विधायकों ने खड़े होकर मंत्री पर घोटालों का आरोप लगाया है, फिर भी मुख्यमंत्री कोई कार्रवाई नहीं कर रहे. आलाकमान को चुनौती देते हुए वे अपने यहां विधायकों को बुलाकर मास सस्पेंशन करा दें, तब इसका उत्तर सामने आ जाता है कि यह जो राजदार है, वह आलाकमान से भी ज्यादा मुख्यमंत्री जी को प्रिय है. जिस दिन जांच होगी, राजस्थान में एक भी भ्रष्टाचारी बच नहीं पाएगा.