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Rajasthan’s ‘Gehlot model’ prevailing in Goa: गुजरात और हिमाचल विधानसभा चुनावों में राजस्थान मॉडल एक आदर्श की तरह पेश किया गया था. उसके बाद अब गोवा में भी ‘राजस्थान का गहलोत मॉडल’ छाने लगा है. कांग्रेस की गोवा इकाई प्रदेश में ‘हाथ से हाथ जोड़ो’ कार्यक्रम के दौरान पार्टी नेता राहुल गांधी के पोस्टर को लोगों में बांटते हुए राजस्थान मॉडल का उदाहरण पेश कर रही है. कार्यकर्ताओं का स्पष्ट कहना है कि 2024 के लोकसभा चुनाव और उसके बाद गोवा विधानसभा चुनावों में अगर कांग्रेस सत्ता वापसी करती है तो यहां राजस्थान मॉडल की तरह गहलोत सरकार में जारी जनहितकारी योजनाओं को लागू किया जाएगा. खास तौर पर एलपीजी सिलेंडर को 500 रुपए में दिए जाने की बात बताई जा रही है. वहीं इसी मुद्दे पर गोवा सीएम प्रमोद सावंत द्वारा हाल में दिए गए बयान पर कांग्रेस ने बीजेपी को घेरना शुरू ​कर दिया है और जनता से वादाखिलाफी का आरोप लगाया है.

पिछले साल गोवा सरकार ने यहां के लोगों से ‘फ्री एलपीजी सिलेंडर स्कीम’ लागू करने का वादा किया था, जिसे पूरा करने में सरकार असफल रही है. इस योजना के तहत जनता जनार्दन को तीन रसोई गैस सिलेंडर मुफ्त दिए जाने की बात कही गई थी. अब हाल में एक बयान देते हुए मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि यह योजना केवल ‘निम्न आय वर्ग’ के लिए होगी. उन्होंने कहा कि वित्तीय स्वीकृति मिलने में देरी हो रही है लेकिन यह योजना सभी के लिए नहीं है. कम आय वाले लोगों को इसका लाभ मिलना चाहिए. इसके बाद से विपक्ष की ओर से बयानबाजी का सिलसिला तेज हो चला है.

धोखा बीजेपी के डीएनए में, धोखा देकर वोट बटोरे

गोवा सीएम सावंत के इस बयान के बाद बीजेपी पूरी तरह से विपक्ष के निशाने पर आ गई है. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पूर्व सचिव गिरीश चोडनकर ने कहा कि यह बीजेपी के ‘डीएनए’ में है कि वह चुनाव से पहले झूठे वादे करती है और फिर धोखा देती है. उन्होंने आगे कहा कि मुफ्त एलपीजी का वादा करते हुए बीजेपी ने कभी नहीं कहा कि यह केवल निम्न आय वर्ग के लिए है. उन्होंने इस वादे पर मतदाताओं को धोखा देकर वोट बटोरे हैं. अब बीजेपी ने हमेशा की तरह ‘यू-टर्न’ ले लिया है, मुख्यमंत्री योजना को लागू करने की सही तारीख की घोषणा क्यों नहीं कर रहे हैं. इसका मतलब है कि वे इसे अगले चुनाव तक के लिए टालना चाहते हैं. अब जनता को बीजेपी की चालों के बारे में पता चल गया है.

अपने झूठे वादों से माताओं-बहनों को दिया धोखा

इस मुद्दे पर कांग्रेस को अन्य विपक्षी पार्टियों का भी साथ मिल रहा है. गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) विधायक विजय सरदेसाई पहले ही इस मामले पर सावंत सरकार को वादाखिलाफी का आरोपी ठहरा चुके हैं. सरदेसाई ने कहा, ‘रसोई गैस की कीमतों में भारी वृद्धि हुई, साथ ही मुफ्त एलपीजी सिलेंडर उपलब्ध कराने में सरकार विफल रही है. इसकी वजह से ग्रामीण इलाकों में लोग खाना पकाने के लिए जलाऊ लकड़ी पर निर्भर होने को मजबूर हैं. सरकार ने 2022 में पेश किए गए बजट के दौरान कहा था कि गोवा ग्रामीण ऊर्जा योजना के तहत, राज्य सरकार ने प्रति वर्ष तीन सिलेंडर मुफ्त देने का फैसला किया है, जिसके लिए 40 रुपए का प्रावधान है. आज स्थिति ऐसी है कि लोग अपने घरों में जलाऊ लकड़ी का भंडारण कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने अपने झूठे वादे से हमारी माताओं और बहनों को धोखा दिया है.’

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वहीं जीएफपी की उपाध्यक्ष अशमा ने कहा कि सीएम प्रमोद सावंत स्पष्ट करें कि क्या सरकार तीन सिलेंडर मुफ्त देगी? जिसका वादा किया गया था. अब मुख्यमंत्री स्पष्ट करें कि यह योजना लागू होगी या नहीं. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव महज एक साल दूर हैं. बीजेपी को तब तक हराना संभव नहीं है जब तक कि लोग बीजेपी सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर न करें.

विपक्षी दलों के निशाने पर सावंत सरकार

इधर, कांग्रेस गोवा में ‘हाथ से हाथ जोड़ो’ कार्यक्रम के दौरान पार्टी नेता राहुल गांधी के पोस्टर को लोगों में बांटते हुए कह रही है कि अगर 2024 के चुनाव में कांग्रेस सत्ता में वापसी करती है तो एलपीजी सिलेंडर 500 रुपए में मिलेंगे. गौरतलब है कि राजस्थान की गहलोत सरकार ने फरवरी में जारी विधानसभा बजट में 500 रुपए में प्रदेश की जनता को घरेलू गैस सिलेंडर देने का वायदा किया है. इसकी शुरूआत एक मई से की जाने की संभावना है.

गुजरात और हिमाचल चुनावों में भी ओपीएस स्कीम, युवा बेरोजगारी भत्ता सहित अन्य जनहितकारी योजनाओं को राजस्थान की तर्ज पर लागू करने की बात की गई थी. हिमाचल में कांग्रेस को इस बात का फायदा मिला और वहां कांग्रेस की सत्ता वापसी हुई. अब गोवा में भी सत्ता वापसी पर राजस्थान का गहलोत मॉडल लागू किए जाने का वायदा किया जा रहा है. वहीं गैस सिलेंडर के मुद्दे पर सावंत सरकार कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के निशाने पर आ चुकी है.

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