Politalks.News/MonsoonSession. कोरोना महामारी की दूसरी लहर की रफ़्तार धीमी होने के बाद आज से संसद का मानसून सत्र प्रारम्भ हो गया है. मानसून सत्र का पहला ही दिन जबरदस्त हंगामे की भेंट चढ़ गया. देश भर में लगातार पेट्रोल-डीजल की कीमत में हो रही वृद्धि, बढ़ती महंगाई, कोरोना महामारी, किसान आंदोलन और Pegasus सॉफ्टवेयर से जासूसी वाले मुद्दे को लेकर विपक्ष ने संसद के दोनों सदनों में जमकर हंगामा किया. यहां तक की जब केंद्रीय मंत्रिमंडल में नवनियुक्त मंत्रियों के परिचय के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोनों सदनों में संबोधन देने लगे तो विपक्ष ने जमकर हंगामा किया, जिसे लेकर विपक्ष पीएम मोदी के निशाने पर रहा. इस दौरान पीएम मोदी ने नए मंत्रिमंडल का जिक्र करते हुए विपक्ष पर जमकर कटाक्ष भी किया. वहीं भारी हंगामे के बीच दोनों सदनों की कार्यवाही कल 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है.
कोरोना महामारी के संकट के बीच बढ़ती महंगाई को लेकर विपक्ष लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर है. ऐसे में संसद के मानसून सत्र का पहला दिन विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ गया. मानसून सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी सांसदों से सदन में शांति बनाए रखने की अपील की थी और संसद के बाहर मोदी ने मीडिया से कहा, कि ‘ सभी विपक्षी सांसदों से आग्रह करूंगा कि वे तीखे से तीखे सवाल पूछें, बार-बार सवाल पूछें, लेकिन शांत वातावरण में सरकार को जानकारी देने का मौका भी दें. पीएम मोदी ने आगे कहा कि सदन में चर्चा सार्थक हो, परिणामकारी हो. इससे जनता-जनार्दन को भी जानकारी मिलती है. देश की गति भी तेज होती है. देश की जनता जो जवाब चाहती है, वो जवाब देने की सरकार की पूरी तैयारी है.
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इसके साथ ही पीएम मोदी ने आगे कहा कि मैं चाहता हूं कि सदन में कोरोना महामारी समेत सभी मुद्दों पर सार्थक चर्चा होनी चाहिए, सभी के सुझाव भी मुझे मिलें, इससे कोरोना के खिलाफ लड़ाई में नयापन आ सकता है. कुछ कमी रह गई हो, तो उन्हें ठीक किया जा सकता है. आपको बता दें कि कोरोना महामारी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल शाम 6 बजे सदन के सभी फ्लोर लीडर्स के साथ व्यापक चर्चा करेंगे.
वहीं इसके बाद लोकसभा और राज्यसभा की शुरुआत भारी हंगामे के बीच हुई. जब लोकसभा में पीएम मोदी नए मंत्रियों को सदन में इंट्रोड्यूज करा रहे थे तब भी विपक्ष ने जमकर हंगामा किया. विपक्ष पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, ‘मैं सोच रहा था कि आज सदन में उत्साह का वातावरण होगा क्योंकि बहुत बड़ी संख्या में हमारी महिला सांसद, दलित भाई, आदिवासी, किसान परिवार से सांसदों को मंत्री परिषद में मौका मिला. उनका परिचय करने का आनंद होता, लेकिन शायद देश के दलित, महिला, ओबीसी, किसानों के बेटे मंत्री बनें ये बात कुछ लोगों को रास नहीं आती है. इसलिए ये लोग उनका परिचय तक नहीं होने देते.’ लोकसभा के बाद पीएम मोदी जब राज्यसभा पहुंचे तो वहां भी एक सामान हालत थे और पीएम ने वहां भी लोकसभा में कही अपनी बात को ही दोहराया.
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वहीं नए मंत्रियों के परिचय के दौरान हुए हंगामे को लेकर सदन में राजनाथ सिंह ने कहा कि नए मंत्रियों के परिचय को रोककर विपक्ष ने 24 साल पुरानी परंपरा को तोड़ दिया है. मैंने मेरे संसदीय कार्यकाल में ये देखा है कि जब प्रधानमंत्री अपने नए मंत्रियों का परिचय देते हैं तो पक्ष और विपक्ष चुप होकर उनकी बात सुनता है. वहीं सदन में हुए हंगामे को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मीडिया एडवाइजर रहे संजय बारू ने सोशल मीडिया में लिखा कि ‘आपको याद होगा कि जुलाई 2004 में जब प्रधानमंत्री रहे तब मनमोहन सिंह को भी सदन में बोलने नहीं दिया गया था. वे राष्ट्रपति के प्रस्ताव पर धन्यवाद तक नहीं दे सके थे.’
संसद में विपक्ष ने महंगाई, कोरोना महामारी और किसान आंदोलन के साथ साथ Pegasus सॉफ्टवेयर से जासूसी वाले मुद्दे को लेकर भी जमकर हंगामा किया. हालांकि इस पुरे मामले पर लोकसभा में संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सरकार पर जासूसी के आरोप गलत हैं, जो डेटा लीक है उससे इसका कोई लेनादेना नहीं है, देशहित और सुरक्षा के मामलों में ही फोन टेपिंग हुई है. डेटा लीक में गुमराह करने वाले तथ्य हैं और फोन टैपिंग की रिपोर्ट सरासर गलत है. अश्विनी ने कहा कि फोन टैपिंग पर सरकार का प्रोटोकॉल सख्त है.