बंगाल की सियासत में किसान आंदोलन की एंट्री, नंदीग्राम में बोले राकेश टिकैत- ‘भगोड़े’ को मत देना वोट

किसान नेता अब दिल्ली से पहुंचे बंगाल की सियासत में, भाजपा 'डिस्टर्ब' तो दीदी हुईं गदगद, टिकैत ने कहा बीजेपी को हराने वाले मजबूत कैंडिडेट को वोट दें, शुभेंदु अधिकारी पर निशाना साधते हुए कहा कि यहां भगोड़े को वोट मत देना, जिसने एक्सीडेंट करवा दिया और महिला को चोट पहुंचाया

नंदीग्राम में बोले राकेश टिकैत- 'भगोड़े' को मत देना वोट
नंदीग्राम में बोले राकेश टिकैत- 'भगोड़े' को मत देना वोट

Politalks.News/WestBengalElection. पश्चिम बंगाल में जैसे भारतीय जनता पार्टी ने ठान लिया है कि हम हर हाल में सत्ता लेकर रहेंगे वैसे ही किसान नेताओं ने भी भाजपा को परास्त कर तीनों कानून वापस करवाने के लिए अब नई रणनीति बनाई है. 108 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा जमाए किसानों का आंदोलन पिछले कुछ समय से कमजोर भी पड़ने लगा है. ऐसे में केंद्र सरकार के खिलाफ उनकी हुंकार कमजोर न पड़े इसके लिए किसान संगठन से जुड़े नेताओं ने दिल्ली से डेढ़ हजार किलोमीटर दूर बंगाल की धरती पर भाजपा को घेरने पहुंच गए हैं.

माना जा रहा है कि यह किसान नेता भारतीय जनता पार्टी से बदला लेने के लिए ममता बनर्जी की टीएमसी को अपना समर्थन दे सकते हैं? ऐसे में घाटा भाजपा को ही होगा. वहीं किसान नेता राकेश टिकैत यह दिखाने की कोशिश में है कि यह आंदोलन केवल पंजाब, हरियाणा या यूपी तक सीमित नहीं है बल्कि यह पूरे देश में फैल चुका है. दूसरी ओर भाजपा को आज उस समय झटका लगा जब अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में वित्त मंत्री और विदेश मंत्री रह चुके यशवंत सिन्हा तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. बीजेपी से इस्तीफा देने के बाद 82 साल के यशवंत सिन्हा काफी समय से सक्रिय राजनीति से दूर थे. शनिवार सुबह यशवंत सिन्हा ने कोलकाता में पार्टी की सदस्यता ली.

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मोदी सरकार ने दिल्ली में डेरा जमाए किसान संगठनों से पूरी तरह से मुंह मोड़ लेने पर यह किसान नेता भाजपा को सबक सिखाना चाहते हैं. ऐसे में आंदोलनकारी किसान भी हर रोज अपने आप को एक्टिव रहने के लिए ऐसा कुछ करना चाहते हैं जिससे भाजपा सरकार ‘डिस्टर्ब’ होती रहे. किसानों ने भी सोचा कि कुछ दिन इन राज्यों में जाकर क्यों न ‘पॉलिटिक्स‘ ही कर ली जाए. अब कुछ दिनों तक किसान नेताओं का ‘नया पता बंगाल बन गया है‘. इन किसान नेताओं ने बंगाल को अपना नया ठिकाना इसलिए बनाया है कि भारतीय जनता पार्टी इसी राज्य में सबसे ज्यादा ध्यान लगाए हुए हैं. पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और जेपी नड्डा की बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लेकर कई महीनों से सियासी जंग जारी है. ऐसे में ममता बनर्जी भी कृषि कानून पर किसानों का केंद्र सरकार के प्रति गुस्से को प्रचार के दौरान अपनी पार्टी के लिए फायदा पहुंचाने का प्रयास करेंगीं.

बंगाल में किसानों ने शुरू की महापंचायत, भाजपा को वोट न देने की अपील की

कृषि कानून के विरोध में किसान यूनियन के नेताओं ने उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान समेत कई राज्यों में किसान महापंचायतों के बाद अब पश्चिम बंगाल में महापंचायत भी शुरू कर दी है. विभिन्न किसान संघों के संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के किसानों और अन्य लोगों से आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को वोट नहीं देने की अपील की है. मोर्चा ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार को तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए मजबूर करेगी. इसके बाद भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत शनिवार को बंगाल पहुंचे. यहां वे कोलकाता के भवानीपोरा में आयोजित किसान महापंचायत में शामिल हुए. इसके बाद वे नंदीग्राम में आयोजित किसान महापंचायत में पहुंचे.

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बीजेपी को हराने वाले मजबूत कैंडिडेट को वोट दें, भगोड़े को वोट मत देना

शनिवार शाम को नंदीग्राम में आयोजित किसान महापंचायत में राकेश टिकैत ने रैली में आए लोगों से कहा कि जो बीजेपी को हरा सके उस पार्टी को यहां के लोग वोट दें. इस दौरान किसान नेता राकेश टिकैत ने सीएम ममता बनर्जी की चोट को लेकर इशारों में बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि, “उन्होंने (BJP) एक औरत को चोट पहुंचाई है और उन्हें घायल कर दिया है, क्योंकि ममता बनर्जी अकेली ऐसी क्रांतिकारी महिला हैं, जो सरकार के खिलाफ लड़ रही हैं तो हो सकता है कोई साजिश हो जिसके तहत चोट लगी है.” वहीं नंदीग्राम में ममता को चुनौती दे रहे शुभेंदु अधिकारी का नाम लिए बगैर राकेश टिकैत ने भगोड़ा बताते हुए कहा कि कुछ भगोड़े नेता हैं जो एक पार्टी से दूसरे पार्टी में भागते फिर रहे हैं.

राकेश टिकैत ने कहा कि यहां पर बीजेपी की सरकार आई तो खेल होगा, बड़ी बड़ी कंपनी आएंगी, वो समुद्र से मछली पकड़ने आएंगी, तालाब यहां बंद हो जाएंगे. किसी पार्टी की सरकार नहीं, बड़ी-बड़ी कंपनी सरकार को चलाने का काम कर रही हैं. एयरपोर्ट, रेलवे सब बिक गया है, अब किसानों की बारी है. टिकैत ने कहा कहा कि यह लड़ाई हम सब लोगों को लड़नी है और बीजेपी को हराने का काम करना होगा. इसलिए बीजेपी को हराने वाले मजबूत कैंडिडेट को वोट दें. शुभेंदु अधिकारी पर निशाना साधते हुए कहा कि यहां भगोड़े को वोट मत देना, जिसने एक्सीडेंट करवा दिया और महिला को चोट पहुंचाया.

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हम किसी भी पार्टी का समर्थन नहीं कर रहे हैं, एकमात्र अपील है कि भाजपा को सबक सिखाया जाए

इससे पहले भवानीपुरा में राकेश टिकैत ने कहा कि पूरी सरकार दिल्ली छोड़कर बंगाल में चुनाव प्रचार करने में व्यस्त है. इसीलिए हमारे सारे नेता भी यहां पहुंच गए हैं. सरकार किसानों से बात नहीं कर रही. राकेश टिकैत ने कहा कि जब सरकार आंदोलन वापस नहीं ले लेती, हमारा आंदोलन जारी रहेगा. वहीं दूसरी ओर संयुक्त किसान मोर्चा के नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि हम किसी भी पार्टी का समर्थन नहीं कर रहे हैं या लोगों से यह नहीं कर रहे हैं वे किसे वोट दें लेकिन हमारी एकमात्र अपील है कि भाजपा को सबक सिखाया जाए. बता दें, टिकैत 14 मार्च को सिंगूर और आसनसोल में भी किसान महापंचायत करेंगे.

बंगाल में राकेश टिकैट की हुंकार के बाद ममता बनर्जी जरूर गदगद हैं, क्योंकि अब दीदी को कृषि कानून के बिल पर भी भाजपा सरकार को घेरने का मौका मिल गया है. यहां हम आपको बता दें कि 26 नवंबर 2020 से कई किसान संगठन केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर जमे हुए हैं. किसानों और सरकार के बीच कई दौर की बातचीत भी हो चुकी है, लेकिन इस मसले का कोई हल नहीं निकल सका. जिसके बाद अब किसान मोर्चा ने चुनावों में भाजपा के खिलाफ लोगों से वोट देने की अपील की है. ऐसे में ये देखने वाली बात होगी कि राकेश टिकैत और अन्य किसान नेता बंगाल चुनावों के परिणाम पर कितना असर डाल पाते हैं.

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