Madhya Pradesh Jyotiraditya Scindia. मध्यप्रदेश में अगले साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन इससे पहले भारतीय जनता पार्टी में कुछ ठीक नजर नहीं आ रहा है. केंद्र सरकार में नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया अपनी वर्तमान पार्टी से कुछ खफा खफा से नजर आने लगे हैं. अब ये एमपी विधानसभा चुनाव की आहट है या कुछ और ये सब भविष्य के गर्भ में छुपा हुआ है. इसी की एक झलक मंगलवार को भी देखने को मिली जब भोपाल में आयोजित बीजेपी कोर ग्रुप की बैठक के दौरान अचानक से ही ज्योतिरादित्य सिंधिया बाहर निकल आए. हालांकि सिंधिया ने बैठक में शामिल होने से पहले 2023 में फिर से मध्यप्रदेश में कमल खिलने का दावा किया. वहीं बीजेपी नेताओं ने इस घटनाक्रम को लेकर कहा कि, ‘सिंधिया की तबियत ठीक नहीं थी उन्हें बुखार था, इस कारण वे बैठक से चले गए.’ वहीं सियासी जानकारों का कहना है कि क्या सच में सिंधिया की तबियत ख़राब हुई थी या फिर ये सिर्फ एक बगावती ट्रेलर था.
मंगलवार को भोपाल में बीजेपी कोर ग्रुप की बैठक प्रदेश भाजपा कार्यालय में आयोजित की गई है. इस बैठक में विधानसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर राजनीतिक नियुक्तियों से लेकर वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव की हार के कारण और 2023 के चुनाव की चुनौतियों पर चर्चा की गई. यही नहीं बैठक में सत्ता-संगठन की मजबूतियों और कमजोरियों पर सभी नेताओं की राय पर अब तक क्या कदम उठाए गए, इस पर कोर ग्रुप में चर्चा हुई. लेकिन हाल ही में हुए जिलाध्यक्षों की नियुक्तियों को लेकर पार्टी में खींचतान जारी है. इसका असर बैठक में देखने को भी मिला. एमपी भाजपा के दिग्गज नेता एवं केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया आज कोर ग्रुप की बैठक में शामिल तो हुए लेकिन आधी बैठक से ही वे नाराज होकर चले गए.
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इस घटना के बाद मिली जानकारी के अनुसार ज्योतिरादित्य सिंधिया बैठक में अपनी अनदेखी को लेकर नाराज थे. यही नहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया हाल ही में उनकी मर्जी के उलट ग्वालियर जिला अध्यक्ष को बदले जाने को लेकर भी नाराज थे. सिंधिया ग्वालियर जिला अध्यक्ष को बदलना चाहते थे लेकिन बैठक में उनकी बात को कोई तवज्जो नहीं दी गई. जिसके बाद वे बैठक से बाहर निकलकर चले गए. इस दौरान सिंधिया ने तल्ख़ अंदाज में कहा कि, ‘हमारी बैठक अच्छी चल रही है.’ वहीं बैठक में शामिल होने से पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि, ‘2023 में कमल का फूल फिर मध्यप्रदेश में खिलेगा. हम साथ में बैठकर जीत का संकल्प लेंगे.’ सिंधिया के बीजेपी कोर ग्रुप की बैठक से बाहर जाने की घटना ने सियासी गलियारों में एक नई बहस को जन्म दे दिया है.
वहीं बीजेपी नेताओं ने बताया कि ‘उन्हें बुखार था, इसलिए वे बैठक से इजाजत लेकर जल्दी चले गए.’ सियासी जानकारों का कहना है कि अगर सिंधिया को बुखार ही था तो फिर उन्हें बैठक में आने की क्या जरुरत थी. कुछ सियासी सूत्र तो ये भी कह रहे हैं कि ज्योतिरादित्य सिंधिया का भाजपा में लगातार बढ़ता कद बीजेपी के कई पुराने नेताओं को पसंद नहीं आ रहा है. नरोत्तम मिश्रा, कैलाश वियजयवर्गीय सहित कई नेता हैं जो कहीं ना कहीं सिंधिया पर पार्टी का दबदबा कायम रखना चाहते हैं. वहीं भाजपा आलाकमान एवं कुछ दिग्गज नेता ये भी अच्छी तरफ जानते हैं कि अगर प्रदेश में सत्ता वापसी करनी है तो फिर सिंधिया को पूरी तवज्जो देनी ही होगी.
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बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि, ‘BJP एक जीवंत राजनैतिक दल है, जहां 365 दिन काम होता है. लगातार काम के मद्देनज़र कोर ग्रुप की बैठक होती रहती है. संगठन के विस्तार की दृष्टि से राजनीतिक दृष्टि से, आगामी चुनावों की दृष्टि से, विचार-विमर्श नियमित रूप से होता रहता है. मध्य प्रदेश में जो नियुक्तियां होनी हैं वो पार्टी के संज्ञान में हैं. जो ज़िम्मेदार लोग हैं, वो इस पर विचार करेंगे.’ वहीं बैठक में केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, ज्योतिरादित्य सिंधिया, राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, फग्गन सिंह कुलस्ते, वीरेंद्र खटीक, प्रहलाद सिंह पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा के अलावा ग्रुप के सदस्य गण शामिल होंगे. इनके अलावा बीजेपी के प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल, राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश, प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव शामिल हुए.