सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को राष्ट्रीय एकता दिवस की बधाई दी है. अपने दो दिवसीय गुजरात दौरे के दूसरे दिन पीएम मोदी ने एकता नगर में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आने वाले 25 साल भारत के लिए इस शताब्दी के सबसे महत्वपूर्ण 25 साल हैं. इन 25 वर्षों में हमें समृद्ध बनना है, विकसित बनना है. उन्होंने यंग बिग्रेड से कहा कि आप सभी युवाओं का जाबाजों का ये उत्साह राष्ट्रीय एकता दिवस की बहुत बड़ी ताकत है. एक तरह से मेरे सामने लघु भारत का स्वरूप दिख रहा है. राज्य अलग है, भाषा अलग है, परंपरा अलग है, लेकिन यहां मौजूद हर व्यक्ति एकता की मजबूत डोर से जुड़ा हुआ है.
ऐसा कोई लक्ष्य नहीं है, जो भारत पा न सके
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज ऐसा कोई लक्ष्य नहीं है, जो भारत पा न सके. ऐसा कोई संकल्प नहीं है, जो हम भारतवासी सिद्ध न कर सकें. अपने बीते कार्यकाल को याद करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि बीते 9 वर्षों में देश ने देखा है कि जब सबका प्रयास होता है, तो कुछ भी असंभव नहीं रह जाता. अमृतकाल में भारत ने गुलामी की मानसिकता को त्यागकर आगे बढ़ने का संकल्प लिया है. हम विकास भी कर रहे हैं और अपनी विरासत का संरक्षण भी कर रहे हैं. भारत ने अपनी नौसेना के ध्वज पर लगे गुलामी के निशान को हटा दिया है. गुलामी के दौर में बनाए गए गैर जरूरी कानूनों को भी हटाया जा रहा है. पीएम मोदी ने कहा कि IPC की जगह भी भारतीय न्याय संहिता लाई जा रही है. इंडिया गेट पर जहां कभी विदेशी सत्ता के प्रतिनिधि की प्रतिमा थी, वहां अब नेताजी सुभाष की प्रतिमा हमें प्रेरणा दे रही है.
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मन के अनेक है, लेकिन माला एक है –
सरदार पटेल की जयंती पर स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि एकता नगर में आने वालों को सिर्फ इस भव्य प्रतिमा के ही दर्शन नहीं होते बल्कि उसे सरदार साहब के जीवन, त्याग और एक भारत के निर्माण में उनके योगदान की झलक भी मिलती है. इस प्रतिमा की निर्माण गाथा में ही ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की भावना का प्रतिबिंब है. उन्होंने कहा कि 15 अगस्त को दिल्ली के लाल किले पर होने वाला आयोजन, 26 जनवरी को दिल्ली के कर्तव्यपथ पर परेड और 31 अक्टूबर को स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी के सानिध्य में मां नर्मदा के तट पर राष्ट्रीय एकता दिवस का ये मुख्य कार्यक्रम राष्ट्र उत्थान की त्रिशक्ति बन गए हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि देश में मन के अनेक है लेकिन माला एक है. तन अनेक है लेकिन मन एक है. जैसे 15 अगस्त हमारी स्वतंत्रता के उत्सव का, 26 जनवरी हमारे गणतंत्र के जयघोष का दिवस है, उसी तरह 31 अक्टूबर का ये दिन देश के कोने-कोने में राष्ट्रीयता के संचार का पर्व बन गया है.
दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आंख बनने वाला देश –
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जैसे 15 अगस्त हमारी स्वतंत्रता के उत्सव का, 26 जनवरी हमारे गणतंत्र के जयघोष का दिवस है, उसी तरह 31 अक्टूबर का ये दिन देश के कोने-कोने में राष्ट्रीयता के संचार का पर्व बन गया है. उन्होंने कहा कि दुनिया भारत की सराहना कर रही है. हमें दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाने पर गर्व है. हमें गर्व है कि जब दुनिया युद्ध और अन्य संकटों का सामना कर रही है, तब भी हमारी सीमाएं सुरक्षित हैं. हमें गर्व है कि हम जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनने वाले हैं.