Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान कई हिस्सों में हो रहे अवैध खनन को लेकर सांगोद से कांग्रेस विधायक भरत सिंह कुंदनपुर ने अपनी ही गहलोत सरकार पर शुक्रवार को पत्र लिखकर निशाना साधा था और आत्मदाह तक की धमकी भी दी थी. यहीं नहीं विधायक भरत सिंह ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लिखे अपने पत्र में प्रदेश सरकार में खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया को सबसे बड़ा खनन माफिया बताते हुए गंभीर आरोप भी लगाए थे. सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी के विधायक द्वारा अपनी सरकार के मंत्री के खिलाफ लगाए आरोपों ने विपक्षी दलों को प्रदेश सरकार को घेरने का बैठे बिठाए एक मौका दे दिया. इसी बीच दिल्ली और पंजाब के बाद देश के अन्य राज्यों में अपनी जड़ें मजबूत करने में जुटी आम आदमी पार्टी के राजस्थान चुनाव प्रभारी विनय मिश्रा ने भी इस मामले को लेकर गहलोत सरकार पर कमजोर और नाकारा होने का आरोप लगाते हुए कहा है कि प्रदेश में विधायकों और मंत्रियों को मनमानी की छूट दे दी गई है, क्योंकि गहलोतजी को किसी भी कीमत पर अपनी सरकार बचानी है.
दरअसल, भरतपुर जिले के डीग क्षेत्र में आदिबद्री धाम और कनाकांचल में हो रहे अवैध खनन के विरोध में लम्बे समय से चल रहे आंदोलन के दौरान बीती 20 जुलाई को एक संत ने अपने शरीर पर ज्वलनशील पदार्थ डालकर आत्मदाह का प्रयास किया. करीब 80 प्रतिशत तक गंभीर रूप से झुलसे संत विजयदास का दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में इलाज के दौरान शनिवार अलसुबह ढाई बजे के करीब निधन हो गया. इससे पहले संत विजयदास द्वारा अवैध खनन को रोकने के लिए किये गए आत्मदाह के प्रयास को लेकर सांगोद विधायक भरत सिंह कुंदनपुर ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम पत्र लिख अवैध खनन पर उचित कार्रवाई की मांग की थी.
अब इस मामले को लेकर आम आदमी पार्टी ने भी गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. आप के प्रदेश प्रभारी विनय मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस के ही एक वरिष्ठ नेता और सांगोद के विधायक भरतसिंह ने खनन मंत्री को ही खनन माफिया कहा है. यह बेहद गम्भीर आरोप है. न केवल खान मंत्री पर बल्कि खुद मुख्यमंत्री पर, क्योंकि प्रमोद जैन भाया को खान मंत्री मुख्यमंत्री ने ही बनाया है. मिश्रा ने कहा कि प्रमोद भाया पहले भी खान मंत्री रहते विवादों में फंसे चुके हैं और तब उन्हें अपना मंत्रीपद छोड़ना पड़ा था.
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आप के चुनाव प्रभारी विनय मिश्रा ने आगे कहा कि भरत सिंह एक ईमानदार और स्पष्टवादी विधायक बताए जाते हैं उनके सार्वजनिक बयान का अर्थ है कि दाल में जरूर कुछ काला है. ऐसे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को चाहिए कि प्रमोद भाया को तत्काल पदमुक्त कर आरोपों की जांच कराएं, क्योंकि प्रमोद भाया जिस जिले से हैं वही जिला बारां अवैध खनन में सिरमौर हो गया है.
इसके साथ ही अवैध खनन का विरोध कर रहे संत विजयदास की मौत को लेकर आप प्रभारी विनय मिश्रा ने कहा कि भरतपुर जिले में खनन माफिया के खिलाफ एक साधु संत ने आत्मदाह कर लिया. उसे समय पर इलाज दिलाने में भी गहलोत सरकार असफल रही. राजस्थान देश का सबसे बड़े भूभाग का प्रान्त है लेकिन राज्य सरकार के पास इमरजेंसी हवाई सेवा के लिए अपना कोई साधन नहीं है, यह एक दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है.
आगे एक बार फिर गहलोत सरकार पर आरोप लगाते हुए विनय मिश्रा ने कहा की भरतपुर की घटना में भी कांग्रेस के ही एक विधायक के परिजनों को फायदा पहुंचाने के मकसद से काम किया जा रहा था जिसका जनता विरोध भी कर रही थी. मिश्रा ने कहा कि प्रदेश के हालात गंभीर होते जा रहे हैं. पुलिस कुछ इलाकों में एक्शन करती है तो उसके खिलाफ खनन माफिया बेखोफ मारपीट, हत्या पर आमादा हो जाता है. लिहाजा ज्यादातर इलाकों में पुलिस बजरी और तमाम खनन माफिया के साथ काली कमाई में हिस्सेदार बनती जा रही है.