tejaswi yadav vs chirag paswan on bjp menifesto 2024
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लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी ने रविवार को अपना चुनावी घोषणा पत्र ‘मोदी की गारंटी’ जारी किया. बीजेपी के इस संकल्प पत्र में 2047 के देश के विजन को जगह दी गयी है. साथ ही साथ देश की स्थानीय समस्याओं को भी खत्म करने का रोड मैप भी शामिल है. बीजेपी इस मेनिफेस्टो को अब तक का सबसे बढ़िया घोषणा पत्र बता रही है. इसी बीच बिहार के उप मुख्यमंत्री रह चुके तेजस्वी यादव ने इस घोषणा पत्र पर सवाल उठाया है. उन्होंने पूछा कि इस मेनिफेस्टो में बिहार के लिए क्या है. इस पर पलटवार करते हुए ‘मोदी के हनुमान’ चिराग पासवान ने कहा कि बोलने में क्या जाता है. जितना चाहें जैसा चाहें बोल सकते हैं. चिराग की पार्टी लोजपा एनडीए (NDA) का घटक दल है.

लोजपा प्रमुख चिराग पासवान ने कांग्रेस और राजद पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष लोकसभा चुनाव के दौरान विधानसभा चुनाव का मेनिफेस्टो निकाल रही है. इनमें से कौन प्रधानमंत्री बनने जा रहा है और इनके कितने सांसद हैं. हर पार्टी अपना अगर मेनिफेस्टो लेकर आती है. कांग्रेस अलग लाती है और राजद अलग लाती है. पत्रकारों के समक्ष चिराग ने कहा कि किसी भी मिनिमम प्रोग्राम का जिक्र इन्होंने नहीं किया है. ये लोग कैसे रोजगार, रेवेन्यू और जॉब जनरेट करेंगे, जिसका जिक्र तक नहीं है. उन्होंने कहा कि बोलने में क्या जाता है. आप एक करोड़ के बदले डेढ़ सौ करोड़ लोगों को नौकरी दे दीजिए. बोलने में क्या जाता है.

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बीजेपी के मेनिफेस्टो पर चिराग ने कहा कि यह मोदी की गारंटी है और यही इन वादों के पूरा होने की गारंटी है. पीएम मोदी ने अब तक जितने भी विवाद थे, उन सब का समाधान करने का कार्य किया है. वहीं बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने भी बीजेपी के मेनिफेस्टो को सबसे बेहतर बताया है.

बिहार के लिए क्या है मेनिफेस्टो में – तेजस्वी

इससे पहले ​बीजेपी के मेनिफेस्टो पर सवाल उठाते हुए राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि मैं पूछता हूं कि भाजपा के मेनीफेस्टो में बिहार के लिए क्या है. बिहार की जनता के लिए क्या है. न स्पेशल पैकेज और न ही बिहार को स्पेशल राज्य का दर्जा देने का जिक्र किया गया, महंगाई कैसे खत्म करेंगे, गरीबी को कैसे खत्म करेंगे. इसके बारे में कोई जिक्र नहीं है. तेजस्वी ने आगे कहा कि मेनिफेस्टो में 60 फीसदी युवाओं का ​कोई जिक्र नहीं है. 80 फीसदी किसानों के बारे में कोई जिक्र नहीं है. रोजगार और नौकरी की कोई चर्चा नहीं है. बिहार जैसे गरीब प्रदेश को आगे बढ़ाने के बारे में कोई जिक्र नहीं है.

वहीं मुफ्त राशन स्कीम को 5 साल बढ़ाने जाने पर तेजस्वी ने कहा कि फूड सिक्योरिटी बिल कांग्रेस के जमाने से है. इनमें क्या नया है. केवल नाम बदला है और उसका भार बिहार जैसे राज्यों पर डाल दिया जाता है. बिहार सीएम नीतीश कुमार का जिक्र करते हुए तेजस्वी ने कहा कि पहले केंद्र की योजनाओं में राज्य सरकारों को 10 फीसदी देना पड़ता था और अब 50 फीसदी देना पड़ रहा है. यह बात नीतीश कुमार खुद कई बार बोल चुके हैं. आपको बता दें कि राजद भी बिहार में अपना घोषणा पत्र लेकर आई है जिसमें 15 अगस्त से एक करोड़ लोगों को रोजगार देने की बात कही गयी है. अब बिहार के नेता बीजेपी और राजद के घोषणा पत्रों पर आपस में जुबानी जंग लड़ रहे हैं.

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