modi vs kharge
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बाबा साहेब भीमराव अंबेडर जयंती के उपलक्ष पर भारतीय जनता पार्टी ने अपना चुनावी घोषणा पत्र जारी किया. मेनिफेस्टो में अपने 25 साल का विजन रखा गया है जिसमें मुफ्त राशन योजना, युवाओं को रोजगार, किसानों को बढ़ी आमदनी और बिजली बिल जीरो करने जैसे कई बिंदूओं को शामिल किया गया है. बीजेपी के इस संकल्प पत्र पर अब विपक्ष ने निशाना साधा है. विपक्ष ने बीते 10 सालों के विकास का हिसाब मांगते हुए सत्ताधारी पार्टी के इस मेनिफेस्टो को ‘जुमला पत्र’ कहकर संबोधित किया है.

‘जुमलों की वारंटी है मोदी की गारंटी’

लोकसभा चुनाव के लिए जारी संकल्प पत्र को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ने जुमला पत्र कहते हुए बीते वादों को पूरा न करने का आरोप लगाया. खडगे ने कहा कि मोदी की गांरटी जुमलों की वारंटी जैसी है क्योंकि वह पहले किए गए वादों को पूरा करने में नाकाम हुए हैं. खडगे ने युवाओं को नौकरियां देने, किसानों की आय दोगुनी करने, मूल्य वृद्धि और महंगाई से निपटने जैसे वादों को पूरा नहीं करने का आरोप भी जड़ा. खडगे ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री ने अपने कार्यकाल में ऐसा कोई काम नहीं किया जिससे देश की जनता, युवाओं और किसानों को फायदा हो.

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खडगे ने कहा​ कि पुरानी गारंटियों के लिए कोई जवाबदेही नहीं है, कोरी बयानबाजी है. काला धन वापिस लाने की बजाए चुनावी बॉण्ड लेकर आए. पूर्वोत्तर में कानून व्यवस्था सुढृढ करने की जगह मणिपुर में हिंसा जारी है. विशेष पैकेज के जरिए 100 जिलों की गरीबी खत्म करने का वादा था लेकिन भूख सूचकांक के आंकड़े हकीकत बयां कर रहे हैं. बीजेपी ने 100 स्मार्ट सिटी बनाने का वादा किया था लेकिन ये नहीं बने. अलबत्ता चीन सीमा पर स्मार्ट गांव बना रहा है. इन सभी मुद्दों पर प्रधानमंत्री मोदी चुप्पी साधे हुए हैं.

खडगे ने कहा कि युवा नौकरी के लिए प्रदर्शन कर रहा है. महंगाई के कारण खाद्य पदार्थों की कीमतें आसमान छू रही है. लोग परेशान हैं और संकल्प पत्र में इनमें से किसी की कोई बात नहीं की गयी है. उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी ने पिछले 10 सालों में केवल महंगाई और बेरोजगारी बढ़ाई है. ऐसे में चुनावी घोषणा पत्र का नाम माफीनामा रख देना चाहिए.

गारंटी पूरी होने की क्या गारंटी है – आप

इधर, आम आदमी पार्टी ने भी बीजेपी के चुनावी घोषणा पत्र पर आपत्ति जताई है. पार्टी की वरिष्ठ नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने कहा कि चुनावी घोषणा पत्र में एमएसपी और किसानों की आय दोगुनी करने की बात कहीं नहीं कही गयी. उल्टे किसान विरोधी सरकार का चेहरा सभी ने देखा है. आयुष्मान भारत के नाम पर बीजेपी ने धोखा दिया है. आयुष्मान भारत का बजट दिल्ली के स्वास्थ्य बजट से भी कम है. महंगाई खत्म करने का नारा भी खोखला साबित हो रहा है. 300 रु का सिलेंडर 1200 रु. में और 55 रु प्रति लीटर का डीजल 90 रु प्रति लीटर में मिल रहा है. 25 प्रतिशत युवा बेरोजगार हैं और महंगाई चरम पर है. ऐसे में बीजेपी को देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए.

दिल्ली के एक अन्य मंत्री गोपाल राय ने भी बीजेपी के संकल्प पत्र को खोखला बताया है. उन्होंने कहा कि 10 साल देश की सरकार चलाने के बाद भी 83 फीसदी लोग बेरोजगार है तो इस बात की क्या गारंटी है कि आपके रोजगार की गारंटी पूरी होगी. यदि 10 साल में गारंटी पूरी न कर पाए तो इस बात की भी क्या गारंटी है कि आप उसे पूरा कर पाएंगे.

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