अपनों से धोखा खाए चिराग को तेजस्वी ने बताया ‘भाई’, रामविलास पासवान की जयंती मनाएगी RJD

एलजेपी में टूट के बाद बिहार में सियासी घमासान तेज, चिराग को महागठबंधन में लाने की कोशिश में जुटी आरजेडी, तेजस्‍वी यादव को चिराग पासवान की ताकत का है बखूबी अंदाजा, अबतेजस्वी ने चला बड़ा दाव, 5 जुलाई को आरजेडी मनाएगी एलजेपी संस्थापक रामविलास पासवान की जयंती, इसी दिन चिराग पासवान हाजीपुर से शुरू कर रहे आशीर्वाद यात्रा, चिराग के चाचा पशुपति पर जेडीयू के कुछ नेता फेर रहे हाथ तो, महागठबंधन की चिराग के 6 फीसदी वोटों पर नजर

अपनों से धोखा खाए चिराग को तेजस्वी ने बताया 'भाई', रामविलास पासवान की जयंती मनाएगी RJD
अपनों से धोखा खाए चिराग को तेजस्वी ने बताया 'भाई', रामविलास पासवान की जयंती मनाएगी RJD

Politalks.News/Bihar. लोक जनशक्ति पार्टी में भतीजे चिराग पासवान और चाचा पशुपति कुमार पारस के बीच की पावर और प्रतिष्‍ठा की लड़ाई जारी है. लोक जनशक्ति पार्टी में टूट के साथ आरजेडी नेता तेजस्‍वी यादव ने चिराग पासवान को अपने साथ आने का ऑफर दिया है. हालांकि एलजेपी नेता ने अब तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन इस बीच आरजेडी ने रामविलास पासवान की जयंती मनाने का ऐलान कर चिराग को अपने खेमे में लाने की एक और कोशिश की है. अब तक आरजेडी चिराग पासवान को महागठबंधन में लाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन अब उनको खुश करने के लिए एक तेजस्‍वी यादव ने नई घोषणा कर दी है.

चिराग के लिए तेजस्वी का बड़ा दाव आरजेडी ने 5 जुलाई को चिराग पासवान के दिवंगत पिता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की जयंती मनाने का ऐलान किया है. जानकार सूत्रों के मुताबिक, आरजेडी ये कवायद चिराग को अपने खेमे में लाने की एक और कोशिश है. हालांकि इस दिन राष्‍ट्रीय जनता दल का 25वां स्‍थान दिवस भी है. पिछले साल हुए बिहार विधानसभा चुनाव में एलजेपी एनडीए से नाता तोड़कर अकेले मैदान में उतरी थी और उसे करीब छह फीसदी (26 लाख) वोट मिले थे. इस वजह से तेजस्‍वी यादव चाहते हैं कि अगर चिराग उनकी तरफ आ जाते हैं, तो 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के साथ 2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव में इसका फायदा मिल सकता है. वैसे एलजेपी में टूट के साथ ही तेजस्वी यादव ने चिराग को अपने साथ आने का ऑफर दे दिया था. वहीं, कांग्रेस के राज्‍यसभा सांसद अखिलेया प्रसाद सिंह ने कहा था कि चिराग पासवान बिहार के बड़े नेता हैं और हर कोई चाहता है कि वो हमारे साथ रहें. जेडीयू और भाजपा ने तो उनके साथ धोखा किया है.

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तेजस्वी ने चिराग को बताया अपना ‘भाई’- LJP में मचे घमासान के बीच बिहार में सत्तारूढ़ जेडीयू जहां अलग गुट सांसद पशुपति पारस की पीठ पर हाथ फेर रही है. वहीं आरजेडी एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान को महागठबंधन का हिस्सा बनाने के लिए डोरे डालने में जुटी है. यही वजह है कि दो दिन पहले पटना लौटे तेजस्वी ने चिराग को ‘भाई’ कहकर संबोधित किया. उन्होंने कहा कि चिराग भाई को तय करना है कि वे आगे किसके साथ रहना चाहते हैं. यही नहीं तेजस्वी ने इस दौरान आरजेडी की ओर से एलजेपी पर किए गए उपकार की भी याद दिलाई.

5 जुलाई से चिराग पासवान की ‘आशीर्वाद यात्रा’- चिराग पासवान ने अपने दिवंगत पिता रामविलास पासवान के जन्मदिन पर 5 जुलाई से हाजीपुर से ‘आशीर्वाद यात्रा‘ शुरू करने का ऐलान किया है. हाजीपुर संसदीय क्षेत्र उनके पिता की कर्मभूमि रहा है. यही नहीं, आशीर्वाद यात्रा पूरे बिहार में होगी और वे अपने लिए जन समर्थन की ताकत दिखाकर आगे कानूनी संघर्ष का रास्ता अख्तियार करेंगे.

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तेजस्वी के सियासी दांव के पीछे ‘वोटों की गणित‘- लोजपा में टूट के बाद चिराग पासवान के राजनीतिक भविष्य को लेकर बिहार में सियासी कयासबाजियों का दौर जारी है. जानकार सूत्र बताते हैं कि इसकी पीछे जमीनी स्तर की वह राजनीति है, जिसमें पशुपति कुमार पारस भले ही अपने जनाधार का दावा करते हैं, लेकिन वास्तविक समर्थन चिराग पासवान के पक्ष में नजर आता है. इसका कनेक्शन वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव से भी जुड़ता है, क्योंकि सीएम नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के गठबंधन के खिलाफ जाकर भी चिराग ने अपने दम पर लोजपा को लगभग 26 लाख वोट दिलाए थे. पार्टी की इस कवायद के पीछे मुख्य वजह एलजेपी का वोट बैंक है, जिनका वोट शेयर बिहार में लगभग 6 फीसदी है. आरजेडी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि एलजेपी के वोट शेयर को अगर 17 फीसदी अल्पसंख्यक वोटों और 16 फीसदी यादव वोट बैंक के साथ जोड़ दिया जाए, तो यह लगभग 39 फीसदी हो जाता है. फिलहाल सभी की निगाहें चिराग पर हैं कि आखिर उनका फैसला आगे क्या रहेगा?

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