पंचायती चुनावों में बीजेपी, सपा-बसपा की धड़कने बढ़ी, इस पूर्व मंत्री ने खोला मोर्चा

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उत्तर प्रदेश की राजनीति में अपनी तुनक मिजाजी रवैये के लिए जाने जाने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य ने राज्य के आगामी पंचायती चुनाव में चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. पहले बसपा, फिर बीजेपी और उसके बाद सपा जैसी पार्टियों से किनारा करने के बाद मोर्य ने यूपी में अलग तीसरा मोर्चा खड़ा कर दिया है और चुनाव के लिए अपने कार्यकर्ताओं को खुली छूट दे रखी है. पूर्व मंत्री मौर्य अब बसपा के ​लिए सॉफ्ट कॉर्नर रखते हुए मायावती की तारीफों के पुल बांध रहे हैं जिससे अन्य दलों की नींदे उड़ने लगी है.

दरअसल, स्वामी प्रसाद मौर्य अपनी पार्टी की मजबूती के लिए लगातार यात्रा कर रहे हैं. इसी क्रम में यूपी के बाराबंकी पहुंचे मौर्य ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘मेरे लिए कुर्सी और पद का कोई मायने नहीं है. मैंने सपा छोड़ी, भाजपा छोड़ी, क्योंकि विचारधारा का महत्व जरूरी है.’

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स्वयं का भी बखान करते हुए मौर्य ने कहा कि स्वामी प्रसाद के चलते सपा ने बाबा साहेब का महत्व जाना, उसके पहले सपा उनके नाम का महत्व ही नहीं जानती थी. स्वामी प्रसाद मौर्य ने भारतीय जनता पार्टी पर जाति और धार्मिक दुर्भावना से ग्रसित होकर कार्य करने का आरोप लगाया और योगी सरकार को ललकारते हुए कहा कि 2027 में जब स्वामी प्रसाद मौर्य खुद मैदान में होंगे, तब सपा और बीजेपी को पता चलेगा कि आटा-दाल का भाव क्या होता है.

मायावती अब तक की सबसे बेहतर सीएम

वहीं प्रदेश की पूर्व सीएम और बसपा प्रमुख मायावती के लिए महिमामंडन करते हुए उन्होंने कहा, ‘बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती अब तक की सबसे बेहतर मुख्यमंत्री रही हैं. उनके कार्यकाल में कानून का राज था, जिसकी गूंज प्रदेश ही नहीं, पूरे देश में थी.’ हालांकि मौर्य ने ये भी कहा कि अब बहनजी वो नहीं रहीं जो पहले थीं. उन्होंने बाबा साहब अंबेडकर और कांशीराम की विचारधारा से नाता तोड़ लिया, इसलिए जनता ने भी उनसे नाता तोड़ लिया है.

राजनीति का नया खिलाडी है आनंद

राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के अध्यक्ष एवं लोक मोर्चा संयोजक स्वामी प्रसाद मौर्य ने बसपा के मुख्य नेशनल कोआर्डिनेटर आकाश आनंद को राजनीति का नया खिलाड़ी बताया है. उन्होंने कहा कि आकाश आनंद राजनीति में अभी बहुत नए हैं. उनको शुभकामनाएं हैं. बहनजी (मायावती) बार-बार आकाश को पार्टी से बाहर कर देती हैं, जिससे उनकी प्रतिभा कुंठित होती है. आकाश को और महत्व दिया जाना चाहिए, लेकिन इस महत्व को काट-पीटकर बराबर न कर दें. बहनजी से ऐसी अपेक्षा है.

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