MaharashtraPolitics. महाराष्ट्र की राजनीति में इन दिनों ‘खूबसूरती’ वाला बयान छाया हुआ है. शिंदे गुट के एक विधायक की ओर से आया ये बयान सियासत में वार और पलटवार का सबब बना हुआ है. हालांकि इस पर शिंदे गुट या अन्य किसी राजनीतिक पार्टी के मुख्य नेताओं का बयान सामने नहीं आया है लेकिन शिंदे गुट के विधायक पर उद्धव ठाकरे की शिवसेना की ओर से राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने मुंह तोड़ जवाब दिया है. इतना ही नहीं, प्रियंका ने शिंदे गुट के सभी विधायकों को गद्दार और देशद्रोही कहकर संबोधित किया.
दरअसल, शिवसेना (शिंदे गुट) के विधायक संजय शिरसाट ने शिवसेना (ठाकरे गुट) की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी को लेकर बयान दिया कि आदित्य ठाकरे ने प्रियंका चतुर्वेदी की खूबसूरती देखी और उन्हें राज्यसभा सांसद बना दिया. शिरसाट ने प्रियंका पर बयान देते हुए ठाकरे समूह के नेता चंद्रकांत खैरे का जिक्र करते हुए कहा कि खैरे से उन्हें पता चला कि आदित्य ठाकरे ने प्रियंका चतुर्वेदी की खूबसूरती देखकर उन्हें राज्यसभा सांसद बनाया है.
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शिरसाट के बयान पर तीखा पलटवार करते हुए ठाकरे गुट की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि उन्हें किसी गद्दार की जरूरत नहीं है, जो मुझे बताए कि मैं कैसी दिखती हूं और मैं जहां हूं वहां क्यों हूं. प्रियंका ने कहा, ‘जिसने 50 बक्सों के लिए अपनी आत्मा और ईमानदारी बेच दी. संजय शिरसाट राजनीति और महिलाओं पर अपने विचारों में व्यापक बीमारी का एक आदर्श उदाहरण हैं. वह निश्चित रूप से अपनी टिप्पणियों के माध्यम से अपना अश्लील चरित्र प्रदर्शित करते हैं, इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि बीजेपी ने उन्हें अपने साथ रखा है.’
शिरसाट का फिर पलटवार, आदित्य ने दिया जवाब
शिंदे गुट के विधायक संजय शिरसाट ने प्रियंका के गद्दार और देशद्रोही बयान पर कहा कि प्रियंका चतुर्वेदी को किसी को ‘गद्दार’ कहने का कोई अधिकार नहीं है, क्योंकि वह खुद कांग्रेस छोड़कर शिवसेना में शामिल हुई हैं. शिरसाट के बयान पर आदित्य ठाकरे ने भी टिप्पणी की और कहा कि संजय शिरसाट जैसे लोगों पर ध्यान देने की कोई जरूरत नहीं है.
गौरतलब है कि प्रियंका चतुर्वेदी 2019 में कांग्रेस छोड़कर शिवसेना में शामिल हुई थीं. जहां वह राष्ट्रीय प्रवक्ता थीं. वह अपने साथ दुर्व्यवहार करने वाले कुछ पार्टी कार्यकर्ताओं की कांग्रेस में बहाली से नाखुश थीं. तब उन्होंने अपने त्याग पत्र में लिखा था कि उन्हें लगता है कि वह सड़क के अंत तक पहुंच गई हैं और पार्टी में अब उनकी सेवाओं को महत्व नहीं दिया जाता है. उसके बाद प्रियंका शिवसेना में शामिल हो गई और उन्हें वहां से राज्यसभा भेज दिया गया.