Politalks.News/Bharat. लगता है देश के प्रमुख राजनीतिक दल कांग्रेस पार्टी में बिखराव की शुरुआत हो चुकी है. एक ओर जहां शनिवार को जम्मू में आयोजित G-23 सम्मेलन में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने सोनिया और राहुल गांधी के खिलाफ अपना खुला बिगुल बजा दिया है तो वहीं दूसरे ही दिन राज्यसभा से रिटायर हुए वरिष्ठ कांग्रेसी नेता गुलाम नबी आजाद ने एक समारोह के दौरान सावर्जनिक रूप से प्रधानमंत्री मोदी की जमकर तारीफ की. यही नहीं कांग्रेस में वरिष्ठ 23 नेताओं के अलावा भी विरोध के स्वर उठने लगे हैं. कपिल सिब्बल, गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा जैसे नेताओं के बाद अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राशिद अल्वी ने भी कांग्रेस पार्टी के बहाने आलाकमान (सोनिया-राहुल गांधी) को नसीहत देते हुए बीजेपी से सीख लेने को कहा है. हालांकि गुलाब नबी आजाद के पीएम मोदी की तारीफ वाले बयान पर कांग्रेस सांसद जोती मनी और उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत ने जवाब दिया है.
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद के पीएम मोदी की तारीफ वाले बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा है कि प्रधानमंत्री के लिए चायवाला शब्द हम सबकी जुबान पर गुलाम नबी आजाद ने ही चढ़ाया था. हरीश रावत ने कहा, “आजाद जी की हर बात में कोई उद्देश्य नहीं ढूंढना चाहिए. लेकिन देश में फिलहाल मंहगाई बढ़ रही है, किसान परेशान हैं. ऐसे में मोदी जी की तारीफ भूसे में सुई ढूंढने जैसा है. हालांकि आजाद ने किस भाव से बात कही है, वो वही जानते हैं. कल तो उन्होंने देश के हालात पर चिंता भी व्यक्त की थी.”
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वहीं गुलाम नबी आजाद द्वारा पीएम नरेंद्र मोदी की इस तरह खुले मंच से तारीफ करना तमिलनाडु की कांग्रेस सांसद को बिलकुल नागवार गुजरा. करुर से सांसद जोति मनी ने हाल ही में गुलाम नबी आजाद को जवाब देते हुए कहा कि वे जितनी चाहें मोदी की तारीफ करतें, लेकिन याद रखें उन्होंने कश्मीर के टुकड़े किए हैं. जोति मनी ने ट्वीट किया, ”डियर गुलाम नबी आजाद जी, आप मोदी जी की जितनी चाहें तारीफ कर सकते हैं, लेकिन याद रखें उन्होंने कश्मीर को टुकड़ों में बांट दिया है. कांग्रेस और इसी राज्य व यहां के लोगों ने आपको वह बनाया है जो आप दशकों से रहे हैं.”
अब आपको बताते हैं कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने रविवार को आखिर ऐसा क्या जो देश भर की सुर्खियों में छाया रहा. आजाद ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे नेताओं को पसंद करते हैं जिन्हें अपनी जड़ों पर गर्व है. दरअसल, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने जम्मू में गुर्जर देश चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि किसी व्यक्ति को दुनिया से अपनी असलियत नहीं छिपानी चाहिए. आजाद ने कहा कि, ”मैं खुद गांव का हूं और मुझे इसका फक्र है, मैं अपने प्रधानमंत्री जैसे नेताओं की काफी प्रशंसा करता हूं जो कहते हैं कि वह गांव से हैं. वह चाय बेचते थे.’ आजाद ने कहा, ”मोदी के साथ मेरे राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं लेकिन वह भी अतीत में चायवाला होने के बारे में खुल कर बात करते हैं, जिसकी मैं प्रशंसा करता हूं.”
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आपको बता दें, देश की प्रमुख पार्टी कांग्रेस में अब नेतृत्व को लेकर विरोध मुखर होने लगा है. कपिल सिब्बल, गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, राज बब्बर, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, शशि थरूर जैसे नेताओं के बाद अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राशिद अल्वी ने भी पार्टी को नसीहत देते हुए बीजेपी से सीख लेने को कहा है. हालांकि यहां साफ नजर आता है कि अल्वी ने सीधे सीधे नहीं तो थोड़ा घुमाकर ही सही लेकिन नसीहत कांग्रेस आलाकमान यानी सोनिया-राहुल गांधी को ही दी है. अल्वी ने रविवार को कहा कि बीजेपी हर छोटे-बड़े चुनाव को जीतने के लिए दिन-रात मेहनत करती है.
कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने न्यूज एजेंसी एएनआई को अपना इंटरव्यू देते हुए कहा कि, ‘बीजेपी में अमित शाह की अपनी रणनीति है और कांग्रेस पार्टी को चुनावों में जीत के लिए रणनीति बनाने की जरूरत है. सभी छोटे-बड़े चुनाव में पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए बीजेपी के कार्यकर्ता दिन-रात मेहनत करते हैं.’ कांग्रेस नेता ने अल्वी ने यह भी कहा कि बीजेपी के कार्यकर्ता पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ते हैं. अल्वी ने आगे कहा कि, ‘बीजेपी के कार्यकर्ता सभी कोशिश करते हैं, नैतिक-अनैतिक कामों में भी शामिल हो जाते हैं. ऐसे ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं को कड़ी मेहनत करने की जरूरत है, 24X7 घंटे काम करना होगा और एक रणनीति बनानी होगी, केवल तभी हम उनसे मुकाबला कर सकते हैं.’
ऐसे में इस बात में अब कोई दो राय नहीं है कि कांग्रेस में बिखराव की शुरुआत हो चुकी है और आलाकमान सोनिया गांधी को आत्म-चिंतन के साथ कुछ कठोर फैसले लेने की नितांत आवश्यकता है. क्योंकि अब सोनिया गांधी के पास हर परिस्थिति से निपटने के लिए अहमद पटेल जैसे मार्गदर्शक भी मौजूद नहीं हैं.