Politalks.News/Jharkhand. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भाषा को लेकर ऐसा बयान दिया है, जिस पर एक बार फिर से दो प्रदेशों में भाषाई विवाद गहरा सकता है. सीएम सोरेन ने इस बार भोजपुरी और मगही भाषा को लेकर बयान दिया है. सोरेन ने कहा कि, ‘इन दोनों भाषाओं को बोलने वाले डोमिनेटिंग लोग हैं’. हेमंत सोरेन ने कहा, ‘भोजपुरी और मगही बिहार की भाषा है, झारखंड की नहीं. झारखंड का बिहारीकरण क्यों किया जाए? महिलाओं की इज्जत लूटकर भोजपुरी भाषा में गाली दी जाती है’. सोरेन के इस बयान पर बीजेपी ने उन्हें आड़े हाथ लिया है. बीजेपी ने सोरेन के बयान को संघीय ढांचे पर प्रहार बताया है.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक मीडिया संस्थान को दिए इंटरव्यू में कहा कि, ‘झारखंड आंदोलन के दौरान आंदोलनकारियों की छाती पर पैर रखकर, महिलाओं की इज्जत लूटते वक्त भोजपुरी भाषा में ही गाली दी जाती थी’. सोरेन ने कहा कि, ‘आदिवासियों ने झारखंड को अलग राज्य बनाने की लड़ाई क्षेत्रीय भाषाओं के दम पर लड़ी है न कि भोजपुरी और हिन्दी भाषा की बदौलत’. सीएम सोरेन ने आगे कहा कि, ‘वह किसी भी हालत में झारखंड का बिहारीकरण नहीं होने देंगे’.
यह भी पढ़ें- यूपी चुनाव से पहले ‘आप’ को भी आई अयोध्या की याद, सभी 403 सीटों पर चुनाव लड़ने की भरी हूंकार
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के भोजपुरी और मगही भाषा को लेकर दिए गए बयान के बाद से राजनीति भी गर्मा गई है. रांची से बीजेपी सांसद संजय सेठ ने सीएम पर पलटवार किया है. सेठ ने कहा, ‘मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का बयान गलत एवं आपत्तिजनक है. मुख्यमंत्री को ऐसा नहीं बोलना चाहिए था. भोजपुरी, मगही, मैथिली ये सब भाषाएं धरोहर हैं. समाज को तोड़ना नहीं चाहिए. समाज को जोड़ना, पूरे झारखंड को एक रखना और पूरे भारत को एक रखना हमारा लक्ष्य होना चाहिए’. सांसद संजय ने कहा कि, ‘भोजपुरी आज की भाषा नहीं है. दुनिया के संपन्न से संपन्न राष्ट्रों में भी यह भाषा बोली जाती है. बिहारी तो भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं‘. भाजपा सांसद ने सीएम सोरेन के बयान को संघीय ढांचा पर प्रहार बताया है.
यह भी पढ़े: अच्छे संबंधों के कई बार निकलते गलत मायने, मेरे बारे में कहा गया मैं जॉइन कर रहा हूं BJP-आजाद
वहीं भाजपा प्रवक्ता कुणाल षाडंगी ने सभी सत्तारुढ़ दलों से खुला प्रश्न करते हुए कहा है कि, ‘सीएम भोजपुरी, मगही भाषा बोलने वालों के खिलाफ हैं. क्या वे उनसे सहमत हैं. जिससे राजधर्म की उम्मीद की जाती है, वे किसी वारदात या व्यक्ति विशेष के आधार पर पूरे समाज को अपमानित करने में लगे हैं’. भाजपा के अलावा सोशल मीडिया के जरिये कई अन्य लोगों ने भी सीएम के बयान पर आपत्ति जतानी शुरू कर दी है.