लेह हिंसा में सोनम वांगचुक पर NSA लगाने और गिरफ्तारी के बाद उनपर लद्दाख पुलिस द्वारा पाकिस्तानी एवं बांग्लादेशी कनेक्शन और जासूसी के संदेह भी जताए जा रहे हैं. पुलिस अब उनके पाकिस्तान और बांग्लादेश से संबंधों की जांच करेगी. इस संबंध में लद्दाख के डीजीपी एसडी सिंह जामवाल ने एक अधिकारिक बयान में कहा कि हमने कुछ दिन पहले पाकिस्तान इंटेलीजेंस ऑपरेटिव (PIO) के एक सदस्य को पकड़ा था. वह वांगचुक से जुड़ी जानकारी पाकिस्तान भेज रहा था. ऐसे में वांगचुक की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. वहीं लेह हिंसा को लेकर लेह एपेक्स बॉडी (LAB) और स्थानीय पुलिस में तकरार बढ़ रही है.
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सेल्फ डिफेंस में की थी फायरिंग
लेह हिंसा को लेकर लद्दाख डीजीपी जामवाल ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि हमने सेल्फ डिफेंस में फायरिंग की, नहीं तो पूरा लेह जल जाता. वहीं लेह एपेक्स बॉडी (LAB) के सह-अध्यक्ष चेरिंग दोरजे ने पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस और CRPF ने न तो पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया और न ही चेतावनी दी, बल्कि सीधे अंधाधुंध फायरिंग की. उन्होंने ये भी कहा कि हिंसा उन युवाओं से हुई जो काबू से बाहर हो गए थे, लेकिन इसमें किसी विदेशी ताकत का हाथ नहीं है. दोरजे ने चेतावनी भी दी कि अगर गृह मंत्रालय ने चर्चा के लिए वक्त पर नहीं बुलाया तो आंदोलन तेज किया जाएगा.
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बता दें कि लेह में 24 सितंबर को हुई हिंसा में 4 युवकों की मौत हुई थी और 80 लोग घायल हुए थे, जिनमें 40 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं. अब तक 60 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. लेह में तीन दिन के कर्फ्यू के बाद शनिवार दोपहर चार घंटे के लिए ढील दी गई.
पाक से जुड़े हो सकते हैं वांगचुक के कनेक्शन
स्थानीय पुलिस ने सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक के पाक और बांग्लादेश से संबंध एवं जासूसी का संदेह जताया है. जामवाल ने बताया कि हमने कुछ दिन पहले पाकिस्तान इंटेलीजेंस ऑपरेटिव (PIO) के एक सदस्य को पकड़ा था. वह वांगचुक से जुड़ी जानकारी पाकिस्तान भेज रहा था. वांगचुक पाकिस्तान के न्यूजपेपर डॉन के एक कार्यक्रम में भी शामिल हुए थे. वे बांग्लादेश भी जा चुके हैं. अब पुलिस वांगचुक के पाकिस्तान और बांग्लादेश से संबंधों की जांच करने की तैयारी कर रही है. गृह मंत्रालय ने वांगचुक के एनजीओ की विदेशी फंडिंग लाइसेंस पहले ही रद्द कर दिया है. उन पर विदेशी चंदा कानून (FCRA) के उल्लंघन का आरोप है.
गिरफ्तारी से माहौल बिगड़ने का अंदेशा
इस मामले में वांगचुक को शुक्रवार दोपहर पुलिस ने उनके गांव उल्याकटोपो से गिरफ्तार कर जोधपुर सेंट्रल जेल भेजा गया है. वांगचुक पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगाया गया है, जिसके तहत लंबे समय तक बिना जमानत हिरासत में रखा जा सकता है. वांगचुक पिछले पांच साल से लद्दाख और स्थानीय युवाओं के अधिकारों की लड़ाई का बड़ा चेहरा रहे हैं. वे पूर्ण राज्य का दर्जा देने और छठी अनुसूची के तहत संवैधानिक सुरक्षा को लेकर आंदोलन कर रहे थे. उनकी गिरफ्तारी से लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं. माना जा रहा है कि उनकी गिरफ्तारी से माहौल शांत होने के बजाय बिगड़ सकता है.



























