तो क्या 14 अप्रेल को खत्म नहीं होगा लाॅकडाउन?

देश में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमित मरीजों के ग्राफ को देखते हुए कहा जा सकता है कि 14 अप्रेल को लाॅकडाउन समाप्त होने की बात करना अभी बेमानी है.

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पाॅलिटाॅक्स न्यूज. क्या भारत में 21 दिन से जारी लॉक डाउन 14 अप्रेल को समाप्त होगा? क्या फिर से परिवहन के साधन शुरू हो जाएंगे? क्या 15 अप्रेल से देश में जनजीवन सामान्य हो जाएगा? देश के हर व्यक्ति के मन में अभी सिर्फ ऐसे ही कई सवालों का विचरण चल रहा है. लेकिन देश में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमित मरीजों के ग्राफ को देखते हुए कहा जा सकता है कि 14 अप्रेल को लाॅकडाउन समाप्त होने की बात करना अभी बेमानी है. हां, जनता को कुछ सेवाओं में किसी हद तक किसी और रूप में राहत मिल सकती है, वो भी ऐसे जिलों में जहां कोरोना का एक भी पाॅजिटिव केस नहीं है.

कोरोना के कहर से जूझ रही आधी से अधिक दुनिया अभी लाॅकडाउन में है. दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में भी 23 मार्च से लाॅकडाउन जारी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 दिन के लाॅकडाउन की घोषणा की थी. हालांकि उनकी घोषणा से पहले ही कोरोना महामारी को देखते हुए राजस्थान की गहलोत सरकार ने प्रदेश में 31 मार्च तक का लाॅकडाउन कर दिया था.

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प्रधानमंत्री के 21 दिन के लाॅकडाउन का समय आगामी 14 अप्रेल को समाप्त होने जा रहा है, अब इसमें एक सप्ताह का ही समय बचा है लेकिन इससे पहले ही लाॅकडाउन हटाने को लेकर अनिश्चितता का वातारण बना हुआ है. देश में पिछले 4 दिनों में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा दो गुना से अधिक हो चुका है और हर दिन यह आंकड़ा अब तेजी के साथ बढ़ रहा है. केंद्र और राज्य सरकारों पर महामारी से निबटने का भारी दबाव है. दुनिया भर के विशेषज्ञ कोरोना महामारी से बचने का पहला उपाय सोशल डिस्टेंसिंग बता रहे हैं और सोशल डिस्टेंसिंग का कारगार उपाय सिर्फ और सिर्फ लाॅकडाउन ही है. जिसका उपयोग कर दुनिया के कई देशों, खासकर कोरोना के जन्मदाता चीन ने कोरोना को नियंत्रित किया है. हालांकि भारत के लाॅकडाउन की भी दुनिया भर में प्रशंसा हो रही है लेकिन चुनौतियां अभी भी बनी हुई है.

प्रधानमंत्री की घोषणा के अनुसार 14 अप्रेल को लाॅकडाउन समाप्त होना है लेकिन देश की परिस्थितियों को देखते हुए 14 अप्रेल को लाॅकडाउन समाप्त नहीं हो सकता है. इसके संकेत मिलने भी शुरू हो गए हैं.

इसका पहला संकेत रेलवे से मिला है, तीन दिन पहले रेलवे प्रशासन ने कहा कि वो 15 अप्रेल से रेल सेवा शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. इसके लिए रेल संचालन से जुड़े कर्मियों को निर्देश भी दे दिए गए, लेकिन कुछ ही घंटे बाद रेल प्रशासन ने अगला बयान देकर कहा कि रेल संचालन सरकार के अग्रीम आदेशों के अनुसार ही होगा.

दूसरा संकेत प्रधानमंत्री के साथ राज्यों के मुख्यमंत्रियों की हुई बैठक के बाद आया. इस बैठक के बाद एक राज्य के मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा कि 15 अप्रेल से लाॅकडाउन हट सकता है लेकिन कुछ ही देर बाद उक्त मुख्यमंत्री ने इस ट्वीट को हटा लिया.

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तीसरा संकेत उत्तर प्रदेश से आया जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अधिकारियों के साथ बैठक हुई. बैठक के बाद खबरें निकलकर आई की 15 अप्रेल से लाॅकडाउन खोलने पर चर्चा हुई, लेकिन कुछ ही देर बाद इन खबरों का खंडन भी आ गया और कहा गया कि लॉक डाउन तब तक नहीं खोला जा सकता जब तक प्रदेश में एक भी कोरोना संक्रमित मौजूद है.

चौथा संकेत एयर लाइंस कम्पनियों की ओर से आया जहां हवाई परिवहन संचालन यूनिट ने पहले 15 अप्रैल से हवाई यात्रियों की बुकिंग शुरू करने के लिए कहा, लेकिन बाद में इससे पीछे हट गईं और यहां भी सरकार के अगले आदेशों की प्रतिक्षा की बात कही गई.

पांचवा संकेत सोमवार को आया जब प्रधानमंत्री ने केंद्रीयों मंत्रीयों से ऐसे स्थानों पर सरकारी विभाग खोलने का ब्यौरा मांगा जो कि कोरोना हाॅट स्पाट नहीं हैं. इससे साथ ही पीएम मोदी ने सोमवार को बीजेपी कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए देश की जनता से कहा कि कोरोना से लड़ाई लम्बी है, हमें थकना-हारना नहीं है.

छठा संकेत देश के राज्यों से आ रहा है. देश के एक भी राज्य के मुख्यमंत्री ने लाॅकडाउन समाप्त करने की बात अभी नहीं की है बल्कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने तो लाॅकडउान को 3 जून तक बढ़ाने की मांग कर दी है.

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सांतवा संकेत कोरोना के हालातों पर नजर रख रहे विशेषज्ञों से जुड़ा है. इन विशेषज्ञों का कहना है कि अगर लाॅकडाउन हटाया जाता है तो यह सरकार की सबसे बड़ी भूल होगी. शिंकजे में चल रहा कोरोना वायरस अनियंत्रित होकर देश में बड़ी तबाही मचा सकता है.

इसके अलावा, कोरोना महामारी से देश के 62 जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हैं, जिन्हें मुख्य रूप से कोरोना हॉट-स्पॉट माना गया है. सरकारी सूत्रों के अनुसार ऐसे 62 जिलों में लॉकडाउन 28 दिन यानी 12 मई तक और बढ़ाने का प्रस्ताव है.

क्या है अभी के सूरते हाल

केरोना वायरस देश के लगभग सभी राज्यों में अपने पैर पसार चुका है, महाराष्ट्र में 800, तमिलनाडु में 600, दिल्ली में 500, वहीं तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान और केरल में 300 से अधिक कोरोना पाॅजिटिव पाए जा चुके हैं. वहीं देश के कुछ राज्य में 100 से अधिक या फिर उससे कम कोरोना पाॅजिटिव मरीजों के इलाज से जूझ रहे हैं.

सूविशेषज्ञों के अनुसार लाॅकडाउन को समाप्त करना देश के लिए आम्तघाती कदम हो सकता है. सरकार को मिलने वाली रिपोर्टस में भी लाॅकडाउन को लेकर स्पष्ट संकेत दिए जा रहे हैं कि लाॅकडाउन खोलने का निर्णय देश को बड़े संकट में डालने जैसा साबित हो सकता है.

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