लोकसभा चुनाव 2024 से पहले यूपी में उथल-पुथल का सियासी दौर जारी है. पहले सपा में एक के बाद एक दिग्गज एवं बड़े नेताओं ने इस्तीफों की झड़ी लगायी थी. अब लगता है कि बसपा के बुरे दिन भी शुरू हो गए हैं. इसी कड़ी में आम चुनाव से ऐन वक्त पहले बसपा को बड़ा झटका लगा है. बहुजन समाज पार्टी (BSP) के सांसद रितेश पांडे्य ने मायावती का साथ छोड़ते हुए पार्टी से इस्तीफा दिया है. बसपा से इस्तीफा देने के एक घंटे के अंदर पांडे्य बीजेपी में शामिल हो गए। पांडे्य यूपी की अंबेडकर नगर से सांसद थे. उन्होंने पार्टी में उपेक्षा का आरोप लगाया है. पांडे्य के पिता राकेश पांडे्य समाजवादी पार्टी से विधायक हैं.
बता दें कि रितेश पांडे्य उन नौ सांसदों में शामिल थे जिन्होंने संसद के बजट सत्र के दौरान संसद भवन की कैंटीन में पीएम मोदी के साथ लंच किया था. तभी से अटकलें लगायी जा रही थी कि रितेश जल्द हाथी की सवारी छोड़ कमल की सवारी करेंगे. संभावना जताई जा रही है कि बीजेपी इसी सीट पर उन्हें उम्मीदवार बना सकती है.
रितेश पांडे्य ने मायावती को भेजे अपने इस्तीफे में लिखा, ‘लंबे समय से उन्हें न तो पार्टी की बैठकों में बुलाया जा रहा है और न ही नेतृत्व के स्तर पर संवाद किया जा रहा है. मैंने आपसे (मायावती) और शीर्ष पदाधिकारियों से संपर्क करने के लिए, भेंट के लिए अनिगनत प्रयास किए लेकिन उनका कोई परिणाम नहीं निकला.
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इस अंतराल में मैं अपने क्षेत्र और अन्यत्र पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों से निरंतर मिलता-जुलता रहा और क्षेत्र के कामों में जुटा रहा. ऐसे में मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि पार्टी को मेरी सेवा और उपस्थिति की अब आवश्यकता नहीं रही इसलिए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र देने के अलावा मेरे पास और कोई विकल्प नहीं है. पार्टी से नाता तोड़ने का यह निर्णय भावनात्मक रूप से एक कठिन निर्णय है.’
इस्तीफे की शुरुआत में सांसद रितेश पांडेय ने बसपा सुप्रीमो मायावती, पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के प्रति आभार भी जताया है. उन्होंने लिखा है कि सार्वजनिक जीवन में बसपा के माध्यम से जब से मैंने प्रवेश किया, आपका मार्गदर्शन मिला, पार्टी पदाधिकारियों का सहयोग मिला और पार्टी के जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं ने मुझे हर कदम पर अंगुली पकड़कर राजनीति और समाज के गलियारे में चलना सिखाया.