शिवपाल ने फिर किया चौंकाने वाला खुलासा- 3 महीने पहले केंद्र से मंत्री पद का आया था ऑफर, लेकिन…

उत्तरप्रदेश चुनाव का रण, क्या चाचा-भतीजा में नहीं है सबकुछ ठीक? एक के बाद एक बयान रह-रह कर दे हैं शिवपाल, पहले एक सीट दिए जाने पर बयां किया था दर्द, अब बोले- तीन महिने पहले केन्द्र में मंत्री बनने का मिला था ऑफर, टिकट वितरण में मिले आश्वासन के बावजूद शिवपाल को मिली है सिर्फ एक सीट, अपने सिपहसालारों के सवालों से परेशान हैं शिवपाल, अखिलेश उनकी सुन नहीं रहे!

शिवपाल ने किया चौंकाने वाला खुलासा
शिवपाल ने किया चौंकाने वाला खुलासा

Politalks.News/Uttarpradesh. उत्तर प्रदेश में पहले चरण के बाद अब दूसरे चरण का मतदान सिर पर है. चुनावी माहौल के बीच कल इटावा पहुंचकर प्रसपा प्रमुख शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav) ने इटावा (Etawah) सदर के सपा प्रत्याशी सर्वेश शाक्य (Sarvesh Shakya) के लिए वोट की अपील की और लोगों से सपा प्रत्याशी को जिताने के लिए कहा. इस मौके पर शिवपाल सिंह ने एक बार फिर अपने त्याग और बलिदान की बात कही. साथ ही एक बड़ा खुलासा भी किया. शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि, ‘तीन महीने पहले केन्द्र सरकार में मंत्री पद देने की बात चली थी लेकिन मैंने ठुकरा दिया, क्योंकि भाजपा सरकार में किसी का भला नही हो सकता’. शिवपाल के बयान से सियासी गलियारों में चर्चा का दौर शुरू हो गया है. इससे पहले भी शिवपाल ने एक सीट दिए जाने पर अपना दर्द बयां किया था. एक के बाद एक शिवपाल के बयान सामने आने से चर्चा है कि चुनावों के बीच चाचा-भतीजे की खींचतान रह-रह कर सामने आ रही है.

जनता की मांग थी कि चाचा-भतीजे हो जाएं एक- शिवपाल
इटावा पहुंचे शिवपाल सिंह ने कहा कि, ‘तीन साल पहले मैंने नेताजी के आदेश से प्रगतिशील समाजवादी पार्टी बनाई थी और एक साल पहले प्रसपा के 100 प्रत्याशी बना दिये थे लेकिन अगर हम अपने 100 प्रत्याशी उतार देते तो भाजपा को नही हटा सकते थे. मैंने हमेशा त्याग और संघर्ष किया है. जनता की एक ही मांग थी चाचा-भतीजे एक हो जाओ. जनता की मांग पर मैने अपनी पार्टी को त्याग दिया, मैंने चाबी चिन्ह का भी बलिदान कर दिया. अपनी एक सीट पर ही मान गए हम यहां संघर्ष और त्याग की वजह से यहां तक पहुंचे हैं. इसी संघर्ष से हमारे पास हर पद रहा. हम कभी पद के पीछे नहीं भागे.

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तीन महीने पहले केंद्र में बन सकता था मंत्री- शिवपाल सिंह यादव
इस दौरान शिवपाल सिंह ने आगे कहा कि, ‘हम अगर चाहते तो 2017 में मंत्री बन सकते थे तीन महीने पहले भी केंद्र में मंत्री बन सकता था लेकिन ऐसे पद हमने किसानों, गरीबों और बेरोजगारों के लिए ठुकराए हैं क्योंकि भाजपा में इन सभी लोगो का भला नही हो सकता है’.

पहले भी एक सीट दिए जाने पर दर्द आया था सामने
इससे पहले भी शिवपाल का दर्द जुबां पर आ चुका है. उन्होंने हाल ही में कहा था कि, ‘नेता जी ने कहा था 100 क्‍या, ले लेना 200 सीटें, अखिलेश ने दी है सिर्फ एक सीट, भाजपा को हराने के लिए मैंने अखिलेश से गठबंधन स्वीकार किया. मैंने मेरी पार्टी कर दी कुर्बान लेकिन मुझे क्या मिला?

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अखिलेश पहले भी दे चुके हैं शिवपाल को जवाब!
सियासी गलियारों में चर्चा है कि शिवपाल के दर्द पर अखिलेश ने मरहम की जगह पहले भी बड़ी चोट दी थी. शिवपाल के एक सीट वाले बयाने पर अखिलेश ने कहा कि, ‘हमने जिताऊ प्रत्याशियों को टिकट दिए हैं. यह समय इस बात की चर्चा का नहीं है कि कौन कितनी सीट पाया है, समाजवादी पार्टी ने उनको प्रत्याशी बनाने की कोशिश की है, जो जीत कर सके हासिल’. ऐसे में अब सियासी चर्चाओं ने जोर पकड लिया है कि क्या अखिलेश की नजर में प्रसपा में शिवपाल के अलावा और कोई और जिताऊ नहीं था? ऐसे में चुनाव से पहले ही चाचा-भतीजे के बीच एक बार फिर सियासी खींचतान खुलकर सामने आई है.

 

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