नेता जी ने कहा था 100 क्‍या, ले लेना 200 सीटें, अखिलेश ने दी सिर्फ एक- शिवपाल यादव का छलका दर्द

उत्तरप्रदेश का चुनावी रण, क्या अखिलेश के चाचा शिवपाल यादव गठबंधन से नहीं हैं खुश, कार्यकर्ताओं के बीच छलका दर्द, बोले- 'भाजपा को हराने के लिए अखिलेश से गठबंधन किया स्वीकार, मैंने मेरी पार्टी कर दी कुर्बान लेकिन मुझे क्या मिला? एक सीट, इस सीट की जीत को यूपी में सबसे बड़ी बना कर ताकत का करा देंगे एहसास' शिवपाल यादव समाजवादी पार्टी के सिंबल साइकिल पर जसवंतनगर सीट से लड़ रहे हैं चुनाव, 100 सीट मांगने वाले शिवपाल अपने पुत्र को भी नहीं दिला पाए टिकट!

शिवपाल यादव का छलका दर्द
शिवपाल यादव का छलका दर्द

Politalks.News/uttarapradesh. उत्तरप्रदेश में चुनावी घमासान चरम पर है. इस बीच एक अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल का एक वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो में शिवपाल की बॉडी लेंगवेज से लग रहा है कि वो सपा के साथ गठबंधन करने के बाद भी पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं. सोमवार को आखिरकार प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल यादव अपना दर्द नहीं छिपा सके. जसवंतनगर में एक होटल में कार्यकर्ताओं की बैठक में शिवपाल का दर्द जुबान पर आ गया. वायरल हो रहे इस वीडियो में शिवपाल कहते सुनाई दे रहे हैं कि, ‘वह तो 100 सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा तक कर चुके थे, लेकिन भाजपा को हराने के लिए अखिलेश से गठबंधन को स्वीकार किया, मैंने मेरी पार्टी कुर्बान की लेकिन आखिर मुझे क्या मिला?

आपको बता दें कि मुलायम सिंह यादव के भाई शिवपाल यादव समाजवादी पार्टी के सिंबल साइकिल चुनाव चिह्न से जसवंतनगर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. प्रचार के दौरान उन्होंने अपने समर्थकों से कहा कि, ‘हमने 100 सीटों की मांग की थी, लेकिन मिली केवल एक ही है. इसलिए इस सीट की जीत को यूपी में सबसे बड़ी बना कर ताकत का एहसास करा दो’.

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समर्थकों को टिकट देने का दिया था भरोसा
शिवपाल यादव ने कहा कि, ‘हमें भरोसा दिया गया था कि आपके समर्थक उम्मीदवारों को भी टिकट देंगे, लेकिन किसी को भी टिकट नहीं दिया गया. हमने तो केवल 100 सीटों की मांग थी, लेकिन नेता जी (मुलायम सिंह यादव) ने कहा था 200 लेना. इसके बाद मैंने 65 सीटों की लिस्ट अखिलेश को दी. बाद में संख्या घटाने को कहा गया. फिर मैंने 45 नामों की लिस्ट दी तो फिर कहा गया अभी भी ज्यादा हैं. फिर हमने जीतने वाले 35 प्रत्याशियों के नाम दिए, जिस पर बोला गया यह भी बहुत ज्यादा है. इसके बाद हमने कहा जिसे सही लगे उसे टिकट दे दें, लेकिन अब मेरे खाते में केवल 1 ही सीट आई है. इस पर भी हमने सब्र कर लिया है’.

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100 सीटें मांगने वाले शिवपाल अपने बेटे को भी नहीं दिला पाए टिकट!
दरअसल, प्रसपा ने समाजवादी पार्टी से गठबंधन कर तो लिया, लेकिन अंदरखाने बताया जा रहा है कि शिवपाल इससे संतुष्ट नहीं हैं. शिवपाल अपने बेटे को भी चुनाव लड़ाना चाहते थे लेकिन उसे भी टिकट नहीं मिला. एक के बाद एक शिवपाल के समर्थक टिकट नहीं मिलने के चलते भाजपा के साथ जा रहे हैं. प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के नेता और दो बार सांसद रहे रघुराज सिंह शाक्य ने पार्टी छोड़ दी है. सोमवार को अपने समर्थकों के साथ बीजेपी में शामिल हो गए. उनसे पहले प्रसपा के नेता और समाजवादी पार्टी की सरकार में मंत्री रहे शिवकुमार बैरिया भी बीजेपी में शामिल हो गए थे. इसे उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और प्रसपा के गठबंधन के लिए झटका माना जा रहा है. शाक्य प्रसपा प्रमुख शिवपाल सिंह यादव के गृह जिले इटावा के रहने वाले थे.

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