महाराष्ट्र में शिवसेना Vs शिवसेना: सांसद बोले – ठाकरे को शर्म नहीं तो पीएम तक पहुंची बात

पहलगाम मुद्दे पर आपस में भिड़े शिंदे गुट और उद्धव गुट के नेता, एक ने कहा - घटना के वक्त छुट्टियां मना रहे थे ठाकरे, तो सवाल आया - पीएम घटना स्थल पर गए थे क्या..

maharashtra politics
maharashtra politics

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में पहलगाम मुद्दे पर शिवसेना बनाम शिवसेना में जुबानी जंग तेज हो चली है. एक ओर शिंदे गुट ने शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा है. शिवसेना सांसद मिलिंद देवरा ने रविवार को पहलगाम आतंकी हमले को लेकर ठाकरे परिवार पर निशाना साधा. देवरा ने उद्धव ठाकरे परिवार को लेकर कहा कि जब पहलगाम में आतंकवादी हमला हुआ, तब ठाकरे परिवार यूरोप में छुट्टियां मना रहा था. वहीं बयान पर पलटवार करते हुए शिवसेना (यूबीटी) नेता विनायक राउत ने सवाल उठाया कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आतंकी हमले के बाद पहलगाम गए.

शिंदे गुट के राज्यसभा सांसद मिलिंद देवरा के बयान का जवाबी हमला करते हुए उद्धव गुट के नेता विनायक राउत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले के बाद जम्मू-कश्मीर का दौरा नहीं किया. राउत ने कहा, ‘मेरा प्रधानमंत्री से सवाल है कि क्या वे जम्मू-कश्मीर गए और सुरक्षा स्थिति का जायजा लिया? प्रधानमंत्री ने उन परिवारों से मुलाकात क्यों नहीं की जिनके परिजन हमले में मारे गए? यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रधानमंत्री के पास इसके लिए समय नहीं था.’

यह भी पढ़ें: राहुल गांधी द्वारा 1984 के सिख दंगों की जिम्मेदारी लेना एक पॉलिटिकल स्टंट या ड्रामा!

इससे पहले मिलिंद देवरा ने पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे पर कटाक्ष करते कहा कि ठाकरे भूमिपुत्र से भारत के पर्यटक बन गए हैं. उन्होंने महाराष्ट्र दिवस के अवसर पर मौजूद न होने के लिए ठाकरे परिवार की आलोचना भी की. देवरा ने कहा, ‘भूमिपुत्र से भारत के पर्यटक, ठाकरे कितने गिर गए हैं. जब पहलगाम में गोलियां चल रही थी, वे यूरोप में छुट्टियां मना रहे थे. कोई बयान नहीं, कोई एकजुटता, कोई शर्म नहीं.’

सांसद देवरा ने आगे कहा कि महाराष्ट्र को छुट्टी मनाने वाले अंशकालिक नेताओं की नहीं, बल्कि कर्तव्यनिष्ठ योद्धाओं की जरूरत है. यह विलासिता की राजनीति है, जबकि डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने आगे बढ़कर नेतृत्व किया, पीड़ितों के साथ खड़े हुए और हमारे नायकों का सम्मान किया.

पहलगाम हमले को बीते 13 दिन

गौरतलब है कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के बायसरन मैदान में आतंकवादी हमला हुआ था, जहां आतंकवादियों ने पर्यटकों के एक समूह पर गोलीबारी की थी. इस आतंकी घटना में 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक मारे गए थे तथा कई अन्य घायल हुए थे. केंद्र सरकार ने सेना को पड़ौसी देश पर कार्यवाही करने की पूरी छूट दी है और वक्त व जगह स्वयं तय करने को कहा है. वहीं कूटनीति के तौर पर सिंधू, चिनाव नदी का पानी रोकने सहित कई अन्य पाबंदियां लगाई है. भारत की ओर से जवाबी कार्यवाही का इंतजार किया जा रहा है. हालांकि पहलगाम हमले को 13 दिन बीतने के बाद अभी तक ऐसा कुछ देखने को नहीं मिलता है.

Google search engine