Politalks.News/Maharashtra. शिवसेना ने बीजेपी और असदुद्दीन ओवैसी के रिश्तों को लेकर जोरदार निशाना साधते हुए अपने मुखपत्र ‘सामना’ में लिखा कि, ‘कमल के फूल भले ही दीनदयाल उपाध्याय, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, अटलबिहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी, नरेंद्र मोदी और अमित शाह होंगे लेकिन साक्षी महाराज ने लोगों के इस भ्रम को दूर करके साबित कर दिया है कि कमल के फूल का भंवरा मियां ओवैसी ही हैं.’ शिवसेना ने भाजपा को घेरते हुए अपने मुखपत्र ‘सामना’ में लिखा कि, ‘भारतीय जनता पार्टी द्वारा ओवैसी साहब की पोल खोल दिए जाने से दूध का दूध और पानी का पानी हो गया है.’
बता दें कि शिवसेना ने साक्षी महाराज के उस बयान को लेकर बीजेपी पर तंज कसा है, जिसमें बीजेपी सांसद साक्षी महाराज ने कहा था कि ओवैसी मियां की ‘AIMIM’ मुसलमानों की तारणहार नहीं, बल्कि भारतीय जनता पार्टी का अंगवस्त्र है. साक्षी महाराज ने कहा था, हां, मियां ओवैसी भाजपा के ही पॉलिटिकल एजेंट हैं और ओवैसी की सहायता से ही हम चुनाव जीतते रहते हैं. यही नहीं महाराज ने यह भी कहा कि बिहार का चुनाव भी हमने ओवैसी की मदद के कारण जीता है. साक्षी महाराज ने आगे कहा ओवैसी साहब पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में भी हमारी मदद करेंगे. ओवैसी भाजपा की सहायता कर रहे हैं, यह भगवान की कृपा है.
बिहार में ओवैसी ने कराया बीजेपी को बड़ा फायदा
बिहार चुनाव में ओवैसी की भूमिका और बीजेपी को मिले फायदे को लेकर शिवसेना ने ‘सामना’ में लिखा- ‘बिहार में ओवैसी ने मुस्लिम बहुल सीमांचल क्षेत्रों में पांच सीटें जीतीं और लगभग 17-18 सीटों पर तेजस्वी यादव का नुकसान किया वरना बिहार में राजनीतिक परिवर्तन अवश्य हुआ होता. मुसलमानों के वोट ‘सेक्युलर’ छाप राजग, समाजवादी पार्टी या कांग्रेस की ओर न जाने पाए, उन्हें एकतरफा वोट न मिले, इसके लिए मियां ओवैसी का बाकायदा उपयोग किया जाता है.’
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बंगाल में ओवैसी की एंट्री से भाजपा का चेहरा खिला
पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में ओवैसी के आ जाने से बीजेपी काफी खुश नजर आ रही है. बीजेपी नेताओं को लगता है कि जिस तरह से ओवैसी ने बिहार में मुस्लिम वोट पर सेंध लगाई थी, उसी तरह से वह पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी का भी खेल बिगाड़ सकते हैं. शिवसेना ने पश्चिम बंगाल में ओवैसी की एंट्री पर भी सवाल उठाते हुए लिखा कि, ‘बिहार के चुनाव से यह बात साफ हो गई है. राष्ट्रीय लोकदल, कांग्रेस और अन्य विरोधी दलों ने ओवैसी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. मुस्लिम वोट काटकर भाजपा को फायदा हो, इसके लिए ही मियां ओवैसी की हलचल बनी रहती है, ऐसा आरोप ये लोग लगा रहे थे. तब तक ठीक था लेकिन भाजपा के ही एक कुनबे से यह सब घोषित तौर पर कहा जाने लगा है. पश्चिम बंगाल में मियां ओवैसी ने जो काम शुरू किया है, उससे भाजपा का चेहरा आनंद से खिल उठा है.’
शिवसेना ने ओवैसी के परिवार द्वारा अतीत में दिए गए बयानों की याद दिलाते हुए लिखा कि, ‘उन्होंने (ओवैसी) और उनके परिवारवालों ने पिछले दिनों जिस प्रकार के तीखे बयान दिए, वे धक्कादायक हैं. ‘25 करोड़ मुसलमान 100 करोड़ हिंदुओं पर भारी पड़ेंगे. पुलिसवालों को एक तरफ कर दो, फिर देखो हम क्या करके दिखाते हैं’. इस प्रकार के उग्र बयान ओवैसी के भाई घोषित तौर पर देते हैं. अब यही ओवैसी भाजपा के विजय रथ का मुख्य पहिया बने हुए हैं. भारतीय जनता पार्टी ओवैसी जैसे लोगों की मदद लेकर फायदे की राजनीति करती है. फिर ये लोग ऐसी ‘लफ्फाजी’ करते हुए घूमते हैं कि देखो, हम राष्ट्रवादी या हिंदुत्ववादी हैं.’
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शिवसेना ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए आगे लिखा कि, ‘मियां ओवैसी की पार्टी बीजेपी की ही एक गुप्त शाखा है, उन्हें यह स्वीकार करना होगा. ऐसी कई गुप्त शाखाएं उन्होंने हर राज्य में पाल-पोसकर रखी हैं. इनका जोर मत विभाजन पर ही है और महाराष्ट्र की मनपा तथा अन्य चुनावों में भी ऐसे मत विभाजन करनेवाले ‘यंत्र’ बनाकर रखे हैं.’