पॉलिटॉक्स ब्यूरो. महाराष्ट्र में राजनीतिक दंगल के बीच अब सरकार बनाने के लिए शिवसेना भाजपा को राम का वास्ता दे रही है. शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut) ने एक बयान जारी करते हुए बताया कि हम सत्ता के भूखे नहीं हैं लेकिन लोकसभा चुनाव के पहले ही तय हो गया था जिसका मतलब कैबिनेट पोस्ट में बराबर की हिस्सेदारी है. हम सभी राम में विश्वास रखते हैं तो राम की तरह प्राण जाए पर वचन ना जाए की नीति भी अपनानी चाहिए.
राउत (Sanjay Raut) ने कहा कि गठबंधन का धर्म निभाना जरूरी है. ऐसे में हमें ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद क्यों नहीं मिलना चाहिए.
यह भी पढ़ें: महाराष्ट्र में बीजेपी की शिवसेना को दो टूक- नहीं मिलेगा सीएम पद
संजय राउत (Sanjay Raut) ने कहा, ‘बीजेपी को 105 सीटों के साथ सरकार बनाने के लिए कौन रोक रहा है. अगर ऐसा होता है तो ये वर्ल्ड रिकॉर्ड होगा क्योंकि सरकार के लिए 145 का आंकड़ा चाहिए. अगर कोई लोकतंत्र की हत्या करना चाहता है तो ऐसे नहीं चलेगा.’
सरकार बनाने में हो रही देरी पर शिवसेना सांसद ने कहा कि अगर सरकार बनने में देरी हो रही है तो हमारी गलती नहीं है. राउत ने बीजेपी को गठबंधन धर्म निभाने की याद दिलाते हुए कहा कि भाजपा को 50-50 फॉर्मूले को निभाना चाहिए. उन्होंने (Sanjay Raut) भाजपा की रणनीति पर हमला बोलते हुए कहा कि चुनाव से पहले विपक्ष को खत्म करने की बात हो रही थी लेकिन क्या हुआ.
इसी बीच शिवसेना के एनसीपी के साथ सरकार बनाने की उड़ रही अफवाहों पर राउत (Sanjay Raut) ने कहा कि हमने अभी इस पर विचार नहीं किया है. ये काफी जल्दबाजी होगी. हालांकि, साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि राजनीति में सब संभव है. विकल्प हमेशा खुले रहते हैं जैसे अभी आपको हरियाणा में देखने को मिला है. वहाँ बीजेपी ने बिना बहुमत के ही सरकार बना ली. उन्होंने ऐसे संगठन से हाथ मिलाया जो उनके खिलाफ था.
इस तरह का बयान देकर शिवसेना ने साफ कर दिया है कि अगर भाजपा उनके साथ सत्ता में बंटवारा नहीं करती है तो उन्हें आदित्य ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाने के लिए शरद पंवार की शरण में जाने कोई दिक्कत नहीं है. अपने मुख पत्र में शरद पंवार और उनकी लीडरशिप की तारीफों के कसीदे गढ़ उन्होंने सत्ता की कुर्सी तक जाने का सेतु भी तैयार करना शुरू कर दिया है.
यह भी पढ़ें: पवार से पंगा बीजेपी को पड़ सकता भारी, सरकार बनाने के सपने पर ये गठबंधन फेर सकता पानी
हालांकि शरद पंवार ने हाल में एक बयान देकर साफ किया था कि वे गठबंधन करने की बजाए विपक्ष में बैठना ज्यादा पसंद करेंगे लेकिन रोहित पंवार और पार्थ पंवार के सियासी भविष्य को देखते हुए ये सौदा बुरा नहीं है. वहीं भाजपा को केवल सत्ता से बेदखल करने के लिए कांग्रेस की शिवसेना (Sanjay Raut) और एनसीपी के संभावित एलाइंस को मोन स्वीकृति है.