Politalks.News/Maharashtra-Gujarat. देश की सियासत में पक्ष और विपक्ष के नेता एक दूसरे पर तंज कसने के मौकों की तलाश में ही रहते हैं. सभी राजनीतिक दल ऐसे-ऐसे मुद्दों पर चाहे फिर वो राष्ट्रहित, प्राकृतिक आपदा या वैश्विक महामारी कुछ भी क्यों न हो एक दूसरे पर निशाना साधने से नहीं चूकते हैं. बात करें कोरोना महामारी की तो, पिछले वर्ष कोरोना की पहली लहर से अभी दूसरी लहर तक देश में कांग्रेस और भाजपा के बीच ‘घमासान‘ मचा हुआ है. दोनों पार्टियों के नेता एक दूसरे पर इस महामारी को लेकर आए दिन ‘तंज‘ कस रहे हैं. लेकिन आज बात करेंगे प्राकृतिक आपदा यानी ‘तूफानों‘ की.
पिछले वर्ष 2020 में मई के महीने में जब पश्चिम बंगाल में ‘अम्फान‘ तूफान आया था तब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र की मोदी सरकार पर तबाही के हिसाब से आर्थिक सहायता न दिए जाने के आरोप लगाए थे. अब एक बार फिर पिछले दिनों आया ‘ताउते‘ तूफान राज्य और केंद्र सरकारों के बीच ‘संघर्ष‘ करा गया. तबाही मचाने के बाद यह तूफान तो शांत हो गया लेकिन राजनीति दलों को ‘अशांत‘ कर गया. मुख्य रूप से कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र, गुजरात होते हुए राजस्थान पहुंचे ताउते ने भारी तबाही मचाई और कई लोगों की जान भी चली गई. सबसे अधिक इसने महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्र मुंबई और गुजरात के समुद्री इलाकों में बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया. 19 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के तूफान प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वे कर राहत बचाव कार्य का जायजा लिया.
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इस दौरान पर प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात में चक्रवात से जान गंवाने वालों के परिजनों को 2 लाख रुपये सहायता राशि और घायलों को 50-50 हजार दिए जाने का एलान कर दिया. इसके साथ प्रधानमंत्री ने केवल गुजरात राज्य को राहत कार्य के लिए एक हजार करोड़ रुपये की सहायता देने की घोषणा भी की. मोदी के गुजरात में दी गई आर्थिक सहायता महाराष्ट्र की उद्धव सरकार को नागवार गुजरा. शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि गुजरात को मिले एक हजार करोड़ रुपये की आर्थिक मदद से कोई नाराजगी नहीं है, वह राज्य भी भारत का हिस्सा है और चक्रवात से वहां नुकसान हुआ है. राउत ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को गुजरात के साथ महाराष्ट्र को भी आर्थिक सहायता देनी चाहिए, क्योंकि इस चक्रवात ने इस राज्य में भी भारी तबाही मचाई है. शिवसेना के साथ एनसीपी ने भी गुजरात को दी गई आर्थिक सहायता को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा.
तूफान प्रभावित सभी राज्यों की केंद्र सरकार को करनी चाहिए थी मदद
महाराष्ट्र के उद्धव ठाकरे सरकार में साझीदार राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने भी केंद्र सरकार पर केवल गुजरात को आर्थिक मदद देने पर ‘सवाल‘ उठाए हैं. महाराष्ट्र के मंत्री और राज्य एनसीपी के प्रमुख जयंत पाटील ने ट्वीट करते हुए कहा कि पिछले साल चक्रवात ‘निसर्ग’ के कारण कोंकण में तबाही मची, लेकिन केंद्र ने बेहद मामूली राहत राशि दी थी. अब छह अन्य राज्यों में भी चक्रवाती तूफान ‘ताउते’ से नुकसान हुआ है, लेकिन गुजरात के अलावा मोदी सरकार ने किसी अन्य राज्य की आर्थिक मदद नहीं की. वहीं महाराष्ट्र एनसीपी के प्रवक्ता महेश तपासे ने कहा कि राज्य के कोंकण क्षेत्र में चक्रवात का सबसे अधिक प्रभाव पड़ा है और आपदा के कारण तटीय क्षेत्र के नागरिकों को वित्तीय नुकसान भी उठाना पड़ा है, लेकिन मदद केवल गुजरात को ही मिली.
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दूसरी ओर शिवसेना और एनसीपी के हमले के बाद महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने प्रधानमंत्री मोदी के गुजरात दौरे के बाद कहा कि चक्रवात प्रभावित सभी राज्यों की केंद्र सरकार आर्थिक मदद करेगी. ‘फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार जानबूझकर प्रधानमंत्री के गुजरात दौरे को लेकर विवाद खड़ा कर रही है‘. यहां हम आपको बता दें कि ताउते के बाद एक और चक्रवात का देश के दक्षिण पश्चिम राज्यों पर साया मंडरा रहा है. इस तूफान का नाम ‘यास‘ दिया गया है. यह चक्रवात 25 मई के आसपास पश्चिम बंगाल और उड़ीसा में तबाही मचाने के लिए बेकरार है. बता दें कि बंगाल में टीएमसी की सरकार है. दीदी और मोदी सरकार के बीच इन दिनों जुबानी जंग जारी है. कहीं ऐसा न हो यास तूफान एक बार फिर बंगाल और केंद्र सरकार के बीच फिर टकराव का कारण बन जाए? क्योंकि पिछले वर्ष से आए सभी तूफानों ने सियासत को गरमा दिया है.