पटोले के बयान पर भड़की शिवसेना ने पूछा- क्या मध्यावधि चुनाव कराने की है तैयारी में है कांग्रेस?

2019 में जो हुआ उसके बाद 2024 की बात करना अभी जल्दबाजी, आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस और भाजपा अपने दम पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है, तो शिवसेना और NCP महाराष्ट्र की भलाई के लिए, महाराष्ट्र के हित के लिए मिलकर लड़ेंगी चुनाव, महाराष्ट्र में कोई भी पार्टी भाजपा के साथ मिलकर नहीं लड़ना चाहती- शिवसेना

क्या मध्यावधि चुनाव कराने की है तैयारी में है कांग्रेस?
क्या मध्यावधि चुनाव कराने की है तैयारी में है कांग्रेस?

Politalks.news/Maharashtra: देश भर के कई राज्यों में चल रहे सियासी घमासान के बाद महाराष्ट्र में भी राजनीतिक घटनाक्रम अपने चरम पर. 2024 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले द्वारा खुद के दम पर चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद कांग्रेस शिवसेना के निशाने पर आ गई है. नाना पटोले के बयान पर शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिये कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा और कहा कि क्या आपकी मध्यावधि चुनाव कराने की कोई योजना है. साथ ही सामना में ये भी कहा गया कि महाराष्ट्र के हित और विकास के लिए शिवसेना और NCP को एकसाथ मिलकर अगला चुनाव लड़ना होगा.

शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के सम्पादकीय में लिखा कि आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस और भाजपा अपने दम पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है, और अगर सभी पार्टियां ऐसा करने की कोशिश कर रही हैं तो शिवसेना और NCP महाराष्ट्र की भलाई के लिए, महाराष्ट्र के हित के लिए मिलकर चुनाव लड़ेंगी.

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शिवसेना ने सामना में आगे लिखा कि कांग्रेस प्रदेश की महाविकास अघाड़ी सरकार का अहम् हिस्सा है और महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर कार्यकर्ताओं में आत्मविश्वास फूंकने का प्रयास किया है. शिवसेना ने आगे कहा कि पटोले ने पूरे विश्वास के साथ कहा है कि कांग्रेस सत्ता में आएगी और अगला मुख्यमंत्री भी कांग्रेस का होगा. उन्होंने कहा कि अगर पार्टी उन्हें इजाजत देगी तो वो महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री होंगे. लेकिन अजित पवार ने कहा कि जिस पार्टी के 145 विधायक होंगे, वहीं सरकार बनाएगी और मुख्यमंत्री भी उसका होगा. राजनीति में महत्वाकांक्षी होना गलत नहीं है, लेकिन अगर संख्याबल नहीं होगा तो इसका कोई फायदा नहीं

शिवसेना ने पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी के हुए हश्र का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि वह सत्ता में लौटेंगे लेकिन वह ऐसा नहीं कर सके. बीजेपी के 105 सीटें जीतने के बावजूद तीन अन्य दलों शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस ने गठबंधन सरकार बना ली.

शिवसेना ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र में ऐसा कोई दल नहीं है जो बीजेपी के साथ जाएगा और अत: यह सच है कि उसे अकेले चुनाव लड़ना होगा. उसने पूछा, ‘2024 के लोकसभा और विधानसभा अभी बहुत दूर हैं लेकिन प्रमुख राजनीतिक दल बीजेपी और कांग्रेस अचानक अकेले चुनाव लड़ने की बात कर रहे हैं. क्या मध्यावधि चुनाव कराने की कोई योजना है?’ शिवसेना ने कहा कि 2019 में जो हुआ उसके बाद 2024 की बात करना अभी जल्दबाजी होगी.

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शिवसेना के साथ भाजपा के गठबंधन की सभी संभावनाओं को ख़तम करते हुए भाजपा नेता रावसाहेब दानवे ने कहा कि उनकी पार्टी और शिवसेना का गठबंधन संभव नहीं है. इसलिए भाजपा को अपने दम पर चुनाव लड़ना होगा. इसके जवाब में सामना ने लिखा कि महाराष्ट्र में कोई भी पार्टी भाजपा के साथ मिलकर चुनाव नहीं लड़ना चाहती है. इसलिए उसके पास अकेले चुनाव लड़ने के अलावा कोई और विकल्प नहीं है.

वहीं शिवसेना द्वारा अपने मुखपत्र सामना के जरिये जारी बयान पर एनसीपी प्रवक्ता उमेश पाटिल ने कहा, यह सच है कि उद्धव ठाकरे और शरद पवार ने भविष्य में मिलकर चुनाव लड़ने की बात की है. शिवसेना एक ऐसी पार्टी है, जो अपनी बात पर कायम रहती है. शिवसेना कह रही है कि वो NCP के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी, लेकिन हम कांग्रेस के साथ-साथ महाविकास अघाड़ी में शामिल सभी पार्टियों को साथ लेकर चलेंगे. तीनों पार्टियां मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ेगी. वहीं नाना पटोले के बयान पर पाटिल ने कहा कि उनकी टिप्पणी पार्टी के नजरिये से महत्वपूर्ण है. ऐसा कहकर वो अपने कार्यकर्ताओं में जोश फूंक रहे हैं. उनका बयान कांग्रेस को मजबूत करने के लिए था.

आपको बता दें कि महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने अमरावती में हुई प्रेस वार्ता में कहा था कि ‘वर्ष 2024 के चुनाव में कांग्रेस राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी और केवल कांग्रेस की विचारधारा ही देश को बचा सकती है. पटोले ने आगे कहा कि अगर आलाकमान फैसला लेता है तो वह मुख्यमंत्री का चेहरा बनने को भी तैयार हैं. पटोले के इस बयान के बाद यह चर्चा एक बार फिर जोर पकड़ चुकी है कि राज्य की महाविकास अघाड़ी सरकार में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है.

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