पॉलिटॉक्स न्यूज़/दिल्ली-राजस्थान. वैश्विक महामारी कोरोना को हराने के लिए देश की सभी राजनीतिक पार्टियां एक जुट हैं. यही कारण है कि राजनीतिक छींटाकशी पर भी कुछ दिनों से पूर्ण विराम था. इसी बीच कोरोना संकट और लॉकडाउन की वजह से कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई. इस दौरान कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मोदी सरकार के लॉक डाउन के निर्णय पर सवाल उठाते हुए कहा कि 21 दिन का लॉकडाउन जरूरी था, लेकिन इसे अनियोजित तरीके से लागू किया गया.
सोनिया गांधी ने कहा लॉकडाउन के कारण लाखों प्रवासी मजदूरों का उत्पीड़न हुआ. सोनिया गांधी के इस बयान के बाद पिछले कुछ दिनों से खामोश सियासी बयानबाजी में एक दम से उछाल आ गया और बयान को लेकर बीजेपी नेताओं ने सोनिया गांधी पर जमकर निशाना साधा. वहीं सोनिया गांधी के बयान के बचाव में उतरे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीजेपी पर जबरदस्त पलटवार करते हुए कहा वे लोकतंत्र में विश्वास नहीं करते हैं, वे फासिस्ट और अलोकतांत्रिक हैं.
इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोनिया गांधी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में कोरोना वायरस से लड़ने के भारत के प्रयासों की प्रशंसा देश में ही नहीं विश्व स्तर पर प्रमुख रूप से की जा रही है. कोविड- 19 को हराने के लिए 130 करोड़ भारतीय एकजुट हैं. फिर भी कांग्रेस घटिया राजनीति कर रही है. यह ऐसा समय है जब उन्हें पहले राष्ट्र हित के बारे में सोचना चाहिए और लोगों को गुमराह करना बंद करना चाहिए.
Under PM @narendramodi’s leadership, India’s efforts to fight Coronavirus are being lauded domestically and globally. 130 crore Indians are united to defeat COVID-19.
Yet, Congress is playing petty politics. High time they think of national interest and stop misleading people.— Amit Shah (@AmitShah) April 2, 2020
वहीं बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नडडा ने कहा कि जब सम्पूर्ण देश एकजुट होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी नेतृत्व में कोविड-19 के ख़िलाफ़ लड़ाई लड़ रहा है, उस समय कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा दिया गया बयान संवेदनहीन और अशोभनीय है. यह राजनीति करने का नहीं, देश की सेवा करने का समय है. हमें एकजुट होकर लड़ना है.
आज जब सम्पूर्ण देश एकजुट होकर प्रधानमंत्री @narendraModi जी के नेतृत्व में Covid-19 के ख़िलाफ़ लड़ाई लड़ रहा है, उस समय कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा दिया गया बयान संवेदनहीन और अशोभनीय है। यह राजनीति करने का नहीं, देश की सेवा करने का समय है। हमें एकजुट होकर लड़ना है।
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) April 2, 2020
बीजेपी नेताओं के बयान पर सोनिया गांधी के बचाव में उतरे राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पलटवार करते हुए कहा कि अमित शाह जी, जेपी नड्डा जी और प्रकाश जावडेकर जी सहित अन्य बीजेपी नेताओं ने जानबूझकर तुच्छ राजनीति के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बयान को घुमाया. महामारी के बीच में यह वास्तव में अनकहा था.
BJP leaders including Amit Shah ji, JP Nadda ji and Prakash Javdekar ji have knowingly twisted Congress President Smt. Sonia Gandhi ji's message for their petty politics. In the mid of pandemic this was really uncalled for.
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) April 2, 2020
सीएम गहलोत ने आगे कहा कि सोनिया गांधी द्वारा उठाये गये मुददे को सोनिया गांधी जी और सीडब्ल्यूसी द्वारा पारित प्रस्ताव को रचनात्मक आलोचना के रूप में लिया जाना चाहिए था, केवल इसलिए कि कोविड 19 का मुकाबला करने के लिए भाजपा सरकार द्वारा अपनाए गए पैकेजों और उपायों को कम करके उजागर किया गया था.
Points highlighted by Smt. Sonia Gandhi ji and the resolution passed by CWC should have been taken as constructive criticism only highlighting the short coming in the packages and measures adopted by BJP govt to combat COVID19.
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) April 2, 2020
सीएम गहलोत ने आगे कहा कि इससे केंद्र सरकार को बेहतर और संगठित तरीके से राष्ट्र की सेवा करने में मदद होगी. आज भी कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी जी ने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि हम एकजुटता से काम करते हैं तो हम इस संकट को दूर करेंगे.
It would have helped the govt to serve the nation in a much better and organized way.
Even today Congress President Smt. Sonia Gandhi ji clearly stated that – if we act in solidarity, we will overcome this crisis.— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) April 2, 2020
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सीएम अशोक गहलोत ने सोनिया गांधी के बयान का बचाव करते हुए आगे कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने पहले ही प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में स्पष्ट कर दिया है कि संकट के इस समय में पूरी कांग्रेस पार्टी उनके साथ है, उन्हें इसका सार्वजनिक रूप से स्वागत करना चाहिए था. लोकतंत्र में अगर विपक्ष कुछ निश्चित मामलों पर ध्यान केंद्रित करता है तो भी इसे सकारात्मक भावना से लिया जाना चाहिए ताकि चीजों को बेहतर बनाया जा सके. यह चौंकाने वाला है कि मोदी जी के समय में भी रचनात्मक आलोचना बर्दाश्त नहीं की जाती है, वे प्रतिक्रिया देना शुरू करते हैं और आलोचकों को राष्ट्रविरोधी कहने की हद तक जाते हैं. इसलिए हमें यह कहना होगा कि वे लोकतंत्र में विश्वास नहीं करते हैं, वे फासिस्ट और अलोकतांत्रिक हैं.
The Congress President has already made it clear in a letter to the Prime Minister that the entire Congress Party is with him in this time of crisis, he should have welcomed this publicly.
1/— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) April 2, 2020