Politalks.News/Rajasthan. मंगलवार को आधी रात के बाद पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने ट्वीट कर उपनेता प्रतिपक्ष और अन्य बीजेपी नेताओं को करारा जवाब दिया है. इससे पहले दिन में पायलट के नाराजगी भरे बयान के बाद बीजेपी को कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधने का मौका मिल गया. पायलट ने 10 माह बाद भी उनके उठाए मुद्दों का समाधान नहीं होने पर नाराजगी जाहिर की थी, इस पर बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां और उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने सचिन पायलट का पक्ष लेते हुए सीएम अशोक गहलोत पर निशाना साधा था. लेकिन देर रात सचिन पायलट ने उल्टा ट्वीट कर बीजेपी को निशाने पर लिया.
पूर्व पीसीसी चीफ सचिन पायलट ने उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के ट्वीट पर आधी रात को जवाबी ट्वीट के जरिए नसीहत दी और बीजेपी को उनके मामले में पड़ने की जगह अपना घर संभालने की नसीहत देते हुए लिखा कि, ‘”प्रदेश के भाजपा नेताओं को व्यर्थ बयानबाज़ी की बजाय अपनी स्थिति पर गंभीरता से विचार करना चाहिए. आपसी फूट व अंतर्कलह इतनी हावी है कि राज्य मे भाजपा विपक्ष की भूमिका भी नहीं निभा पा रही. इनकी नाकाम नीतियों से देश में उपजे संकट में जनता को अकेला छोड़ने वालों को जनता करारा जवाब देगी.”
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ये लिखा था राजेन्द्र राठौड़ ने
इससे पहले मंगलवार को मीडिया में सचिन पायलट का बयान आने के बाद उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने ट्वीट करते हुए कहा था कि, “आखिर मन का दर्द होठों पर आ ही गया. ये चिंगारी कब बारूद बनकर फूटेगी, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा. कांग्रेस को सत्ता तक पहुंचाने में तत्कालीन कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलटजी ने अहम भूमिका निभाई थी. सुलह कमेटी के पास मुद्दे अब भी अनसुलझे ही हैं. ना जाने कब क्या हो जाए.”
वहीं बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि, ‘यह कांग्रेस के घर का झगड़ा है, हमें चिंता इस बात की है कि इस झगड़े से राजस्थान की जनता का अहित हो रहा है. कांग्रेस के भीतर चल रहे झगड़े के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा को दोषी ठहराया था, लेकिन हकीकत प्रदेश की जनता के सामने है. यह कांग्रेस की अपने डील थी कि समिति बनी, उनके प्रभारी ने तय किया, मंत्रिमंडल का विस्तार होना था, बोर्ड कॉरपोरेशंस में नियुक्तियां होनी थी, इस तरीके की तमाम चीजें थी.’ पूनियां ने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधायक हेमाराम चौधरी, भरत सिंह तक की सरकार से नाराजगी जग जाहिर है. धरना हुआ चिट्ठी पत्री हुई और उनके कई विधायक सरकार के खिलाफ मुखर होकर बोल रहे हैं, मुझे लगता है कि धुआं है तो आग भी जरूर होगी.
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केवल अशोक गहलोत के चेहरे पर नहीं मिले थे कांग्रेस को वोट
कांग्रेस में कई विधायकों की अनदेखी के सवाल पर सतीश पूनियां ने कहा- केवल अशोक गहलोत के चेहरे पर और कांग्रेस के जनघोषणा पत्र पर वोट नहीं मिले थे, इसमें बहुत सारे कारक थे. इसमें कांग्रेस के बहुत सारे ऐसे पुराने लोग रहे होंगे जिन्होंने जमीन पर 5 साल मेहनत की होग तो कदाचित उन लोगों का योगदान तो था ही, हो सकता है अशोक गहलोत जी को कोई इल्म है कि शायद उनकी पर्सनैलिटी, उन्हीं के भाषण पर उन्हीं की सियासत पर उनके जनघोषणा पत्र पर जनता ने वोट किया होगा.
सचिन पायलट द्वारा आधी रात को ट्वीट कर बीजेपी नेताओं को जवाब देने की सियासी हलकों में जबरदस्त चर्चा है कि सोशल मिडीए ख़ासकर ट्वीटर पर जबरदस्त एक्टिव रहने वाले पायलट ने राजेन्द्र राठौड़ को जवाब देने में इतना समय कैसे लगा दिया?