Suddenly the Heroines Reached the Residence of Sachin Pilot: राजधानी जयपुर स्थित पूर्व उपमुख्यमंत्री व पीसीसी चीफ सचिन पायलट के सरकारी आवास पर सोमवार दोपहर अचानक से अफरा तफरी का माहौल बन गया, और वो भी तब जबकि पायलट के आवास पर राजधानी के सभी पत्रकारों के लिए लंच का कार्यक्रम चल रहा था. दरअसल, दोपहर एक बजे शुरू हुए लंच के बाद पायलट सभी पत्रकारों से व्यक्तिगत मुलाकात कर रहे थे कि तभी वहां अचानक से पुलवामा हमले के शहीदों की वीरांगनाओं ने प्रवेश कर पायलट से मिलने की मांग रख दी. अचानक घटे इस घटनाक्रम से सभी हतप्रभ रह गए, वहीं पायलट ने पहले उन वीरांगनाओं और उनके परिजनों को अंदर अपने कार्यालय में बुलाना चाहा, लेकिन वीरांगनाओं की मांग पर पायलट ने पूरी विनम्रता के साथ जमीन पर बैठकर वीरांगनाओं की सभी मांगों को पत्रकारों के सामने सुना. इसके बाद पत्रकारों से बातचीत में सचिन पायलट ने वीरांगनाओं के साथ हुए बर्ताव की घोर निंदा करते हुए गहलोत सरकार व राजस्थान पुलिस को जमकर आड़े हाथ लिया और कहा की अगर समस्या के समाधान की इच्छाशक्ति हो तो कुछ भी किया जा सकता है. इसके साथ ही सरकार से दोषी पुलिसकर्मियों पर तत्काल कार्रवाई की मांग भी की.
आपको बता दें कि पूर्व पीसीसी चीफ सचिन पायलट के सरकारी आवास के बाहर अचानक हुए इस घटनाक्रम के दौरान काफी हंगामा भी हुआ. लेकिन पायलट ने पूरे घटनाक्रम को बड़ी राजनीतिक सूझबूझ से हैंडल करते हुए अपने आवास पर जमीन पर बैठीं वीरांगनाओं से आवास परिसर में जमीन पर बैठकर ही बड़ी विनम्रता से मुलाकात की व उनकी सभी मांगों और बातों को ध्यान पूर्वक सुना.
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वहीं वीरांगनाओं से मुलाकात के बाद पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने पत्रकारों से बातचीत में कहा की सरकार अगर इस मुद्दे पर काम करना चाहती है, सरकार की अगर इच्छाशक्ति है, तो हर समस्या का समाधान हो सकता है. पिछले दो तीन दिन में जो घटनाक्रम हुआ वो निंदनीय है. ऐसा घटनाक्रम नहीं होना चाहिए था. जो भी लोग इस तरह के बर्ताव के लिए जिम्मेदार हैं, उन पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. पूरे देश ने देखा है कि एक महिला, जो विधवा है, जो एक शहीद की पत्नी है, वीरांगना है, उनसे ऐसा बर्ताव शोभा नहीं देता. जिन पुलिस अधिकारियों ने इस तरह का व्यवहार किया है उन पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए. इस पूरे घटनाक्रम की मैं कड़े शब्दो में निंदा करता हूं.
गौरतलब है की राजधानी के शहिद स्मारक पर पिछले 7 दिनों से राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ीलाल मीणा के नेतृत्व में पुलवामा हमले में शहीद हुए सैनिकों की वीरांगनाएं धरने पर बैठी हैं. इस धरने की शुरुआत 7 दिन पहले विधानसभा के दरवाजे के हुई थी जहां से पुलिस ने इन्हें हटा दिया था. पिछले दिनों राज्यपाल कलराज मिश्र से मिलकर भी वीरांगनाओं ने अपनी पीड़ा जाहिर की थी. इसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलने की कोशिश भी वीरांगनाओं ने की थी जहां से पुलिस ने उन्हें घसीटते हुए हटा दिया था जिस पर सांसद किरोड़ी लाल मीणा व वीरांगनाओं ने पुलिस द्वारा बर्बरता का आरोप लगाया था.
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यहां आपको बता दें कि बीते रोज रविवार को सुबह से ही इस तरह की खबरें सामने आ रही थी कि धरने पर बैठी वीरांगनाएं अचानक धरनास्थल से लापता हो गई हैं और ये कयास लगाए जा रहे थे कि उन्हें दिल्ली ले जाया गया है वहां वे प्रियंका गांधी से मुलाकात कर अपनी मांगे रखेंगी. इसी बीच अपने चित परिचित अंदाज में राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा अचानक से पुलिस के खूफिया तंत्र को चकमा देते हुए सिविल लाइंस में सचिन पायलट के आवास तक पहुंच गए व वीरांगनाओं को पायलट आवास पर छोड़कर खुद कुछ दूर जाकर खड़े हो गए.
खास बात यही रही कि जिस वक्त सचिन पायलट के आवास के पर ये सारा घटनाक्रम चल रहा था. उस दौरान सांसद किरोड़ीलाल मीणा पायलट आवास के बाहर मेडिकल की दुकान पर बैठे हुए थे. इस पूरे घटनाक्रम पर मीडिया से बात करते हुए सांसद मीना ने कहा कि पिछले दिनों वीरांगनाएं राज्यपाल से मिलने के बाद मुख्यमंत्री निवास पर गई थी वहां पुलिस ने इन महिलाओं को चोटी पकड़कर घसीटा, अपमानित किया गया. उस दौरान गंभीर रूप से घायल एक महिला को अस्पताल ले जाया गया. सांसद मीणा ने आगे कहा कि जब तक इन वीरांगनाओं का मान और सम्मान नहीं लौटाया जाता है, तब तक उनका ये संघर्ष जारी रहेगा. पुलिस के धक्के और जोर जबरदस्ती का सामना भी वीरांगनाओं ने किया लेकिन जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो आज होली के दिन वीरांगनाएं सचिन पायलट से मिलने उनके आवास पर पहुंची. अब हमें सचिन पायलट से ही उम्मीद है की वो इनकी मांगों को गांधी परिवार तक पहुंचाएंगे.