Balaknath on DSP Alwar. हमारे नेताओं की असल भाषा को सुनने के बाद शायद ही कोई पेरेंट्स हों जो अपने बच्चे के बड़े होने के बाद उसके नेता होने की तमन्ना करें. बहरोड़ (अलवर) में हुई एक गैंगवार मामले में पुलिस ने बीजेपी के कुछ कार्यकर्ताओं को क्या हिरासत में क्या लिया, अलवर से बीजेपी सांसद महंत बालकनाथ ने रविवार को बहरोड़ थाने के डीएसपी आनंद राव को खुलेआम धमका दिया. बीजेपी सांसद ने डीएसपी को खुली धमकी देते हुए कहा कि तु पुलिस वर्दी में सबसे बड़ा गुंडा है. सांसद बाबा बालकनाथ ने डीएसपी पर आरोप लगाते हुए कहा- आपने निर्दोष लोगों को पकड़ा है. जब अपराधी पकड़े नहीं जाते, तो नाजायज लोगों को पकड़कर ले आए. मेरा नाम याद रखना.. 8 महीने की सरकार है, फिर भाजपा आ रही है. हंगामा होते देख पुलिस ने सभी कार्यकर्ताओं को छोड़ दिया. हालांकि इस घटना के बाद थाने के आस पास का माहौल तनावभरा रहा और पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस जापते की तैनाती की है.
दरअसल, 6 जनवरी को हिस्ट्रीशीटर लादेन (विक्रम) पर फायरिंग हुई थी. जब पुलिस उसे मेडिकल चेकअप के लिए जिला अस्पताल ले गई तो वहां पहले से मौजूद बदमाशों ने लादेन पर फायरिंग कर दी थी. फायरिंग में लादेन बच गया, लेकिन वहां इलाज कराने आईं इमरती देवी एवं भूतेरी देवी के पैरों में गोली लग गई थी. इस मामले की जांच को लेकर रविवार सुबह बहरोड़ पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ता एडवोकेट राजाराम यादव, बीजेपी कार्यकर्ता एडवोकेट हितेन्द्र यादव, नूतन सैनी और निशांत यादव को हिरासत में ले लिया. पुलिस ने दावा किया कि इनका कनेक्शन 6 जनवरी को जिला अस्पताल में हिस्ट्रीशीटर विक्रम उर्फ लादेन पर हुई फायरिंग की घटना से हो सकता है.
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जब स्थानीय बीजेपी-कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को पुलिस कार्रवाई का पता लगा तो वे बहरोड़ थाने में पहुंच गए. थोड़ी ही देर में बीजेपी जिलाध्यक्ष बलवान यादव, कांग्रेस नेता बस्तीराम यादव, पूर्व प्रधान रोहिताश यादव, अलवर जिला प्रमुख बलबीर छिल्लर, युवा नेता मोहित यादव, कांग्रेस के विधानसभा प्रत्याशी रहे डॉ. आरसी यादव, पूर्व जिला पार्षद महेन्द्र यादव सहित बड़ी संख्या में कांग्रेसी और भाजपाई नेता- कार्यकर्ता थाने के बाहर नारेबाजी करते हुए जुट गए और सभी को रिहा करने की मांग की.
तुम्हारे बच्चे भी ये तरस करेंगे कि तुम उनके बाप थे..
इस बीच अलवर से सांसद महंत बालकनाथ भी
बहरोड़ थाने पहुंच गए और डीएसपी आनंद राव को धमकाने लगे. सांसद ने कहा, ‘मेरा नाम याद रखना… मैं तुम तीन लोगों को कभी नहीं भूलूंगा. एक यहां के विधायक को, दूसरा पुराने SHO को और आज सबसे पहले आप मेरी लिस्ट में आ गए हो. सबसे बड़ा गुंडा पुलिस वालों की वर्दी में तू है. आपके बच्चे भी ये तरस करेंगे कि तुम उनके बाप थे…..’
डीएसपी और स्थानीय पुलिस पर निर्दोष लोगों को हिरासत में लेने का आरोप लगाते हुए बाबा बालकनाथ ने कहा कि जब अपराधी पकड़े नहीं जाते, तो नाजायज लोगों को पकड़कर ले आए. मेरा नाम याद रखना.. 8 महीने की सरकार है, फिर भाजपा आ रही है. आपको यहां से जाने भी नहीं दूंगा. हमारे कार्यकर्ताओं को परेशान किया है.
इससे पहले डीएसपी आनंद राव और कांग्रेस नेता बस्तीराम यादव के बीच भी जमकर नोकझोंक हुई. यहां बीजेपी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं एवं नेताओं ने डीएसपी सहित अन्य पुलिस अधिकारियों पर तानाशाही करने का आरोप लगाया. तनावपूर्ण माहौल देखते हुए शाम तक पुलिस जाप्ता मौके पर तैनात रहा.