Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान भाजपा से निलंबित होने के बाद वसुंधरा राजे समर्थक और पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ. रोहिताश शर्मा ने अपनी पार्टी के नेताओं को आड़े हाथ लिया है. रोहिताश्व शर्मा ने भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां पर भी जमकर निशाना साधा. साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नसीहत देते हुए बोले कि, ‘देश को डेमोक्रेट रहने देना सही है. डिक्टेटरशिप की ओर नहीं जाने देना चाहिए. नेतृत्व ने नरमी नहीं बरती तो यूपी का विधानसभा चुनाव पार्टी हार सकती है. तेजस्वी के अकेले हेलीकॉप्टर ने भाजपा के 53 हेलीकॉप्टर मार गिराए थे. एमपी और महाराष्ट्र में ऐसा हो चुका है. 2 दिन पहले शनिवार को प्रदेश भाजपा ने रोहिताश शर्मा को पार्टी से 6 साल के लिए निकाल दिया था. निष्कासन के बाद भी शर्मा ने कहा कि, ‘मैं बीजेपी में ही रहूंगा. मेरे खिलाफ षड्यंत्र हुआ है. सतीश पूनियां जी खुद को मुख्यमंत्री होने का भ्रम पालकर बैठे हैं. मैं आगे भी वसुंधरा मिशन-2023 के लिए काम करता रहूंगा’.
‘सीएम बनने का भ्रम पाले बैठे हैं पूनियां’- रोहिताश्व
रोहिताश्व शर्मा ने कहा कि, ‘सतीश पूनियां भैंरोंसिंह शेखावत के बाद सबसे बड़ा नेता खुद को बताने लगे हैं. पूनियां मुख्यमंत्री बनने का भ्रम पाल बैठे हैं. पार्टी के कार्यक्रमों में खुद की बनाई डॉक्युमेंट्री चलवाते हैं. पिछले दिनों अलवर आए तो पूनियां ने थानागाजी में गुटबाजी करा दी. अलवर के कार्यक्रम में प्रॉटोकॉल के अनुसार पूर्व मंत्री और विधायकों को मंच पर बैठाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. दलित विधायक, मंत्री को भी मंच से नीचे बैठाया गया.
यह भी पढ़ें- जासूसी मामले में 22 जुलाई को राज्यपाल का घेराव, डोटासरा बोले- ‘विपक्ष को खत्म करने का कुचक्र’
‘वसुंधरा राजे होती तो गिर चुकी होती गहलोत सरकार’
वसुंधरा राजे समर्थक डॉ. रोहिताश्व शर्मा ने कहा कि, ‘राजस्थान में वसुंधरा राजे का नेतृत्व होता तो गहलोत सरकार गिर चुकी होती. गहलोत को काबू करना आसान नहीं है. गहलोत पर काबू पाना दूसरे नेताओं के बूते की बात नहीं है’. रोहिताश्व शर्मा ने की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की जमकर तारीफ करते हुए कहा कि, ‘अगर राजस्थान में अशोक गहलोत नहीं होते सीएम, तो महत्वपूर्ण पदों पर हम बैठे मिलते. अशोक गहलोत डेमोक्रेट हैं, संबंध काम आते हैं. भाजपा नेतृत्व ने नरमी नहीं बरती तो यूपी का विधानसभा चुनाव पार्टी हार सकती है. जिस तरह मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में हो चुका है. जिसका असर आगे राजस्थान पर भी पड़ सकता है’.
शर्मा ने पीएम मोदी को नसीहत, ‘किसानों की बात सुननी चाहिए’
भाजपा से निलंबित डॉ. रोहिताश्व शर्मा ने कहा कि, ‘किसानों की दोगुनी आय करने का मोदी सरकार ने वादा किया था. अभी देश के किसानों की हालत सुधरी नहीं है. MSP को लेकर प्रधानमंत्री को किसानों की बात सुननी चाहिए. जो झुकता है, वह डिक्टेटर नहीं होता है. झुकना तो बड़प्पन है’. रोहिताश्व शर्मा ने कहा कि, ‘पंडित दीनदयाल कहते थे, किसान देश की आत्मा हैं, उसे खुश रहकर ही बेहतर शासन की कल्पना की जा सकती है. बजट में खेती-किसानी को पहले नम्बर पर रखने की जरूरत है.
यह भी पढ़ें: पंजाब के बाद क्या राजस्थान में भी बदलेगा हवाओं का रुख? धीरे-धीरे फिर परवान चढ़ रही सियासत
‘जल संसाधन मंत्री शेखावत एक पाइप लाइन नहीं बिछवा पाए’
पूर्व मंत्री रोहिताश शर्मा ने कहा कि, ‘मैंने पहले भी यह कहा था कि हमारे बड़े नेता बंगलों से बाहर नहीं आ रहे. यह प्रदेश के नेताओं के लिए कहा था. इनके बंगलों की घास हरी भरी है. जनता को बुलाते तो घास की हरियाली बरकरार नहीं रहती. केंद्रीय कैबिनेट में भी राजस्थान से बाबूओं को जिम्मेदारी थमा दी. यह लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है’. केंन्द्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर तंज कसते हुए शर्मा ने कहा कि, ‘शेखावत जल संसाधन मंत्री होते हुए राजस्थान में एक पाइप लाइन नहीं बिछवा पाए’.
बीजेपी ने किया शर्मा को 6 साल के लिए पार्टी से बाहर
आपको बता दें कि पार्टी लाइन से हटकर बयानबाजी को लेकर प्रदेश भाजपा संगठन ने पूर्व मंत्री रोहिताश शर्मा को पार्टी से बाहर कर दिया है. प्रदेश भाजपा ने शर्मा को 6 साल के लिए पार्टी से बाहर कर दिया है. रोहिताश्व शर्मा को पार्टी की लीक से हटकर बयानबाजी के कारण पिछले दिनों कारण बताओ नोटिस दिया गया था. प्रदेश संगठन ने शर्मा के जवाब से संतुष्ट नहीं होने पर इनको पार्टी से निकालने का फैसला किया.