RJD की ऑफर- ‘तेजस्वी को बनाएं CM नीतीश बनें PM कैंडिडेट’, अब वो तय करें उन्हें क्या करना है- तेजस्वी

बीजेपी अब सहयोगियों से चाहती है मुक्ति, नितीश के पुराने बोल थे मिट्टी में मिल जायेंगे लेकिन बीजेपी में नहीं जाएंगे और अब बीजेपी उन्हें मिट्टी में मिलाने पर तुल गई है, तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाओ और पीएम की कुर्सी पाओ- उदय नारायण चौधरी, तेजस्वी बोले- भाजपा और जदयू के बीच केवल एक समझौता था कोई गठबंधन नहीं था

तेजस्वी को बनायें CM, बदले में बनें PM कैंडिडेट
तेजस्वी को बनायें CM, बदले में बनें PM कैंडिडेट

Politalks.News/Bihar Politics. बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा जदयू के गठबंधन की सरकार बनने के बाद लगातार ये कयास लगाए जा रहे हैं कि नितीश सरकार ज्यादा समय तक नहीं टिकेगी. इसी बीच राजद के दिग्गज नेता एवं पूर्व विधानसभा स्पीकर उदय नारायण चौधरी ने सीएम नितीश कुमार को प्रस्ताव दिया है कि, ‘वे तेजस्वी यादव को सीएम बना दें तो पार्टी उन्हें 2024 में प्रधानमंत्री पद के लिए समर्थन देगी. बिहार की कुर्सी पर भले ही सीएम नितीश कुमार बैठे हों लेकिन अरुणाचल प्रदेश में बीजेपी की चाल को समझते हुए वो ये जान गए हैं कि बीजेपी कभी न कभी उन्हें पीछे का रास्ता जरूर दिखा देगी. इधर राजद की ऑफर के बाद तेजस्वी यादव ने कहा कि भाजपा और जदयू के बीच केवल एक समझौता था, कोई गठबंधन नहीं था, अब नीतीश ही तय करें कि उन्हें क्या करना है.

राजद नेता उदय नारायण चौधरी ने कहा कि भाजपा छोटे दलों को पसंद नहीं करती और उन्हें नष्ट करना चाहती है. भाजपा चाहती है कि जदयू एनडीए छोड़ दे हम नीतीश कुमार से एनडीए छोड़ने, महागठबंधन में शामिल होने और तेजस्वी यादव को सीएम बनाने की अपील करते हैं. चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार को अब राष्ट्रीय राजनीति में प्रवेश करना चाहिए और विपक्ष का नेतृत्व करना चाहिए.

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एक मीडिया संस्थान को दिए अपने इंटरव्यू में उदय नारायण चौधरी ने कहा कि, अगर नीतीश कुमार तेजस्वी यादव को बिहार का मुख्यमंत्री बना दें, तो उनको 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री के लिए विपक्षी पार्टियां समर्थन कर सकती हैं. चौधरी ने कहा कि बीजेपी बड़ी पार्टी के रूप में आ गई है, वह गठबंधन के सहयोगियों से मुक्ति पाना चाहती है. बीजेपी जानबूझ कर कुछ ऐसे-ऐसे प्रस्ताव लेकर आ रही है, उससे सहयोगियों से मुक्ति मिल जाए. एनडीए के पुराने सहयोगियों में शामिल अकाली दल और शिव सेना अलग हो गई हैं. राजस्थान में आरएलपी अलग हो गई है. अब बिहार में बीजेपी, जेडीयू से पिंड छुड़ाना चाहती है, लेकिन बीजेपी चाहती है कि जेडीयू खुद अलग हो जाए. इसलिए अरुणाचल में बहुमत रहते हुए भी बीजेपी ने जेडीयू के 6 विधायकों को तोड़ लिया.

राजद नेता ने दावा करते हुए कहा कि नीतीश कुमार को चिढ़ाने के लिए केंद्र में बीजेपी चिराग पासवान को मंत्री बनाएगी. वो सिर्फ इसलिए चिराग पासवान को केंद्रीय कैबिनेट में लेंगे कि नीतीश कुमार चिढ़ें. बीजेपी के इस कदम पर नीतीश कुमार रिएक्ट करेंगे. बीजेपी देश को हिंदूवादी राष्ट्र बनाना चाहती है. इसी वजह से वह सीएए-एनआरसी और लव जिहाद के खिलाफ कानून ला रही है. बीजेपी अपने सहयोगियों को इसलिए अलग कर रही है कि वह अपने मन से कानून ला सके.

उदय नारायण चौधरी ने आरजेडी की ओर से नीतीश कुमार से आग्रह किया है कि आप एनडीए से निकलिए, नहीं तो आपको मिट्टी में मिला देंगे. क्योंकि नीतीश कुमार ने कभी नरेंद्र मोदी को न्यौता देकर प्लेट छीन लिया था. नीतीश कुमार पहले बोल भी चुके हैं कि हम मिट्टी में मिल जाएंगे लेकिन बीजेपी में नहीं जाएंगे. अब बीजेपी हर हाल में उन्हें मिट्टी में मिलाना चाहती है.

राजद द्वारा नीतीश को पीएम पद की ऑफर दिए जाने पर तेजस्वी यादव का कहना है कि भाजपा पर दबाव बनाने के लिए नीतीश कुमार द्वारा अध्यक्ष पद को छोड़ा गया है. ऐसा इसलिए क्योंकि नीतीश कुमार तीन तलाक, किसान कानून, CAA-NRC का समर्थन कर रहे हैं और अब लव जिहाद के खिलाफ अलग दिखने का प्रयास कर रहे हैं. तेजस्वी ने कहा कि भाजपा और जदयू के बीच केवल एक समझौता था, कोई गठबंधन नहीं था. भाजपा एक सांप्रदायिक ताकत है जिसको बिहार में फलने-फूलने का मौका नीतीश कुमार ने दिया. अब नीतीश ही तय करें कि उन्हें क्या करना है.

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गौरतलब है कि हाल ही में जदयू की अहम बैठक में नितीश ने साफ़ कहा था कि ‘मुझे अब सीएम नहीं रहना, एनडीए गठबंधन जिसे चाहे मुख्यमंत्री बना दे. बीजेपी का ही सीएम हो, मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता मुझे किसी पद का मोह नहीं है.’ नितीश के इस बयान के बाद कई तरह है कयास लगाए जा रहे है और नितीश के इस बयान के बाद राजद में सरकार बनाने की फिर से उम्मीद जाग चुकी है और इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण है एनडीए में उपजे भाजपा और जदयू के बीच के तनावपूर्ण रिश्ते. इसी कड़ी में बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने नितीश को राजद के साथ आने का न्योता दे दिया है.

आपको बता दें कि बिहार में 243 विधानसभा सीटों के लिए हुए चुनाव में एनडीए गठबंधन को 125 सीट मिली थी. एनडीए में भाजपा को 74 सीटों पर जीत मिली, वहीं जदयू को 43 सीटों से ही संतोष करना पड़ा. दूसरी तरफ, तेजस्वी यादव के नेतृत्व में राजद 75 सीटें जीतकर राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी.

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