Bihar Politics: बिहार में ठाकुर-ब्राह्मण विवाद में राजद के विधायक और सांसद के बीच चल रही करारी बहस के बीच अब लालू प्रसाद यादव के बड़े सुपुत्र और नीतीश कैबिनेट में मंत्री तेज प्रताप यादव की भी एंट्री आखिर हो ही गयी. तेज प्रताप ने इस विवाद पर एक वीडियो शेयर करते हुए राजपूत जाति पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि पहले के क्षत्रिय कुछ अलग थे लेकिन आज कल के क्षत्रिय तो केवल जाति के नाम पर दिखावा करते हैं. तेज प्रताप के इस स्टेटमेंट के बाद इस विवाद के पहले से अधिक गर्माने की पूरी पूरी संभावना नजर आ रही है.
तेजप्रताप यादव ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक वीडियो शेयर किया है. यह दृश्य महाभारत काल में अर्जुन और एक ब्राह्मण के बीच हुए संवाद से जुड़ा हुआ है. वीडियो शेयर करते हुए तेज प्रताप ने लिखा, ‘क्षत्रिय ब्राह्मण के रक्षा हेतु अपने प्राण तक न्योछावर कर देते हैं. वेद, पुराण और हमारा इतिहास गवाह है कि जब भी ब्राह्मण पर कोई संकट आया है, क्षत्रिय सदैव सबसे पहले आगे रहे हैं. आजकल के क्षत्रिय बस जाति के नाम पर दिखावा करते हैं.’
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इससे पहले इस विवाद पर तेज प्रताप ने मीडिया को बताया था कि मैं सिर्फ एक ही ठाकुर को जानता हूं. मैं उस भगवान का भक्त हूं. इसके अलावा सब इंसान हैं. वह है इंसानियत का अपना धर्म, यह धर्म सबसे बड़ा होता है और सबसे महान भी. ठाकुर और ब्राह्मण के बीच सब इंसान ही हैं और हम सिर्फ इंसानियत देखते हैं.
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वहीं लालू यादव के निशानों पर ठाकुरों को अपमानित करने की बात काटते हुए तेज प्रताप ने कहा कि इस सवाल का जवाब जाकर नरेंद्र मोदी से पूछ लीजिए, कौन किसको क्या कहता है. लालू यादव के इशारे पर ये बस चीजें नहीं होती हैं. भाजपा RSS की उपज है, RSS की उपज नाथूराम गोडसे से हुई थी. नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की हत्या की थी. तेज प्रताप ने बीजेपी को हत्यारों की पार्टी बताते हुए कहा कि मैं ये खुलेआम बोलता हूं और किसी से डरता नहीं हूं.
क्या है ठाकुर-ब्राह्मण विवाद
दरअसल, पार्लियामेंट के स्पेशल सेशन के दौरान राज्यसभा में राजद सांसद मनोज झा ने मशहूर कवि ओमप्रकाश बाल्मीकि द्वारा रचित एक कविता का पाठ किया जिसका शीर्षक ‘ठाकुर का कुआं’ था. कुछ दिन मामला शांत रहने के बाद अचानक RJD विधायक चेतन आनंद ने इस कविता को लेकर फेसबुक पर एक पोस्ट कर तीखी प्रतिक्रिया दी. इसके बाद उनके पिता आनंद मोहन ने भी मनोज झा को निशाने पर लेते उए कहा कि उस दिन अगर मैं राज्यसभा में होता तो मनोज झा की जीभ खींचकर आसन की ओर उछाल देता. अब इस मामले पर विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. मनोज झा पर चौतरफा हमला हो रहा है. इसी बीच लालू के लाल तेज प्रताप यादव के क्षत्रिय समाज पर साधे गए निशाने से सियासी गलियारों में मामला बेहद गर्म लग रहा है.