क्या भोजपुरी गायकों के सुरों ने राजद को चखाया हार का स्वाद?

32 भोजपुरी गायकों को नोटिस भेज राजद ने मांगा स्पष्टीकरण, संतोषजनक जवाब न मिलने पर कानूनी कार्यवाही करने की धमकी भी दी, पीएम ने भी किया था इनका जिक्र

Tejashwi Yadav 1
Tejashwi Yadav 1

बिहार विधानसभा चुनाव-2025 में करारी हार का गुस्सा राष्ट्रीय जनता दल (RJD) अब भोजपुरी गायरों पर उतारने पर आमादा है। आरजेडी का आरोप है कि एनडीए गठबंधन की चुनावी रैलियों में कुछ भोजपुरी गायकों ने जानबूझकर राजद को बदनाम करने और जनता के बीच गलत संदेश फैलाने के लिए गाने बनाए थे. राजद ने ये भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी समर्थित भोजपुरी गायकों द्वारा गाए गए निगेटिव गानों ने राजद और यादव परिवार की छवि को प्रभावित किया. अब पार्टी ने 32 गायकों को नोटिस भेजा है और पूछा है कि क्या उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए. पार्टी ने चेतावनी दी है कि संतोषजनक जवाब न मिलने पर कार्रवाई से परहेज नहीं किया जाएगा.

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पार्टी और परिवार की छवि को धूमिल किया

राजद के अनुसार, चुनाव के दौरान भोजपुरी के कई गानों में हिंसा और धमकियों की भाषा इस्तेमाल हुई. यह गाने बीजेपी के सहारे राजद को कमजोर करने के लिए बनाए गए. उदाहरण के लिए ‘सिक्सर के 6 गोली’ और ‘6 ठो गोली मारब कपारे में’ जैसी लाइनें गानों में थीं. इन गानों ने राजद और यादव परिवार की छवि को प्रभावित किया. सोशल मीडिया पर भी इन गानों की चर्चा रही. आरजेडी का आरोप है कि यह गाने सिर्फ वोटरों के मन में डर और नकारात्मक संदेश फैलाने के उद्देश्य से बनाए गए थे.

पीएम ने भी किया गानों का जिक्र

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैमूर रैली में इन गानों का जिक्र भी किया था। उन्होंने कहा था, ‘गानों की लाइनें ‘आएगी भइया की सरकार-बनेंगे रंगदार’ और ‘मारब सिक्सर के 6 गोली छाती में’ चुनावी हिंसा और जंगलराज की ओर इशारा करती हैं.’ राजद के अनुसार, ‘उनके बयान से यह स्पष्ट होता है कि राजनीतिक दलों और गायक दोनों ही इस मुद्दे में शामिल रहे हैं.’

कानूनी कदम उठाने की तैयारी में राजद

बाद में इन गानों की सोशल मीडिया पर खूब चर्चा हुई. कई लोगों ने इसे लोकतंत्र और सामाजिक न्याय के खिलाफ बताया. अब राजद की ओर से भेजे गए नोटिस में गायकों से स्पष्ट जवाब मांगा गया है। नोटिस में कहा गया है कि चुनाव से पहले गानों में पार्टी और नेताओं का नाम लेकर उनकी छवि को बदनाम किया गया है। साथ ही चेतावनी दी गई है कि अगर संतोषजनक जवाब नहीं आया तो कानूनी कदम उठाया जाएगा. पार्टी के अनुसार, यह कदम लोकतंत्र और चुनावी पारदर्शिता को सुरक्षित करने के लिए जरूरी है. पार्टी ने स्पष्ट किया है कि नोटिस का जवाब संतोषजनक न मिलने पर पार्टी कानूनी कदम उठाने में पीछे नहीं हटेगी क्योंकि यह न सिर्फ पार्टी बल्कि पूरे लोकतंत्र की सुरक्षा से जुड़ा मामला है.

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