यूपी में उफनती नदियों ने 24 जिलों को घेरा, मोर्चे पर उतरे योगी ने राजस्थान, हरियाणा और एमपी पर फोड़ा ठीकरा

बाढ़ग्रस्त इलाकों के दौरे पर सीएम योगी, उफनती गंगा में NDRF की बोट से पहुंचे बाढ़ में फंसे लोगों के बीच, लोगों को बीच पहुंच राहत कार्यों का लिया जायजा, बाढ़ का ठीकरा फोड़ा दूसरे राज्यों पर, उफनती नदियों ने 24 जिलों को घेरा, वाराणसी, बुंदेलखंड, मिर्जापुर और प्रयागराज में जिंदगी सैलाब की कैद में

यूपी में उफनती नदियों ने 24 जिलों को घेरा
यूपी में उफनती नदियों ने 24 जिलों को घेरा

Politalks.News/Uttarpardesh. उत्तरप्रदेश की उफनती नदियों ने 24 जिलों को अपनी चपेट में ले लिया है. गर्मियों में बूंद-बूंद को तरसने वाला बुंदेलखंड अब बाढ़ की तबाही झेल रहा है. मिर्जापुर और प्रयागराज में जिंदगी सैलाब की कैद में है. प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों के साथ ही इसकी सहायक नदियां भी उफान पर हैं. 8 तारीख से ही गंगा और यमुना दोनों नदियां अपने खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. रिहायशी इलाकों में गंगा का पानी भरने से लोग दाने दाने को मोहताज हो गए हैं. इस बीच उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने गाजीपुर में बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा लेने के लिए हवाई सर्वे किया. इससे पहले सीएम योगी ने बाढ़ प्रभावित इटावा, औरैया, जालौन, हमीरपुर और वाराणसी जिलों का दौरा किया था. उत्तर प्रदेश के कई ज़िलों में बाढ़ से बुरा हाल है, विपक्ष योगी सरकार पर तरह तरह के सवाल उठा रहा है और इस मुद्दे पर लगातार घेर रहा है. तो इस मुद्दे पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ का सारा ठीकरा दूसरे राज्यों पर फोड़ दिया.

दौरे के दौरान योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, ‘राजस्थान, मध्य प्रदेश और हरियाणा से अतिरिक्त जल छोड़ने के कारण, यमुना, चंबल, बेतवा नदी में अत्यधिक जल प्रवाह के कारण बाढ़ से लगभग 24 ज़िले प्रभावित हुए हैं’. सीएम योगी का कहना था कि इन राज्यों द्वारा बेतरतीब तरीके से पानी छोड़े जाने के कारण ये हाल बन पड़े हैं. योगी ने बाढ़ पीड़ितों को हर संभव मदद का भरोसा दिया. गाज़ीपुर में गंगा के तटवर्ती क्षेत्रों में बाढ़ से लगभग 32 राजस्व गांव प्रभावित हैं. लगभग 1.5 लाख की आबादी प्रभावित हुई है. हर प्रभावित गांव में नाव, SDRF, NDRF लगाने की कार्रवाई पूरी की जा चुकी है.

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को वाराणसी के बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा किया. इस दौरान सीएम योगी के साथ मंत्री रविंद्र जायसवाल और नीलकंठ तिवारी मौजूद रहे. पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजघाट से नदी के रास्ते से वरुणा नदी से सटे इलाके में बाढ़ की स्थिति को देखा, सीएम NDRF की स्पीड में सवार होकर बाढ़ प्रभावित इलाकों में पहुंचे. पुराना पुल के पास पहुंचने पर लोगों ने अपनी-अपनी छतों और वरुणा नदी के किनारे खड़े लोगों ने हर-हर महादेव के उद्घोष से सीएम का स्वागत किया. सीएम योगी ने पुराना पुल पर बोट से उतरकर कार में बैठते हुए हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन किया. यहां से इनका काफिला सरैयां स्थित आलिया लान पहुंचा. सीएम योगी ने यहां बाढ़ पीड़ितों का हाल जाना और भरोसा दिया कि चिंता की कोई बात नहीं, आपदा की इस घड़ी में सरकार उनके साथ खड़ी है. हर संभव उनकी मदद की जाएगी. उन्होंने मौके पर अधिकारियों से राहत कार्यों के बारे में जानकारी करते हुए निर्देशित किया कि बाढ़ पीड़ितों की मदद में कोई कोर कसर न छोड़ी जाए.

‘बाढ़ग्रस्त इलाकों में राहत पहुंचाने में सरकार फेल’- समाजवादी पार्टी
बाढ़ग्रस्त इलाकों में किए जा रहे राहत कार्यों को समाजवादी पार्टी ने ऊंट के मुंह में जीरा बताया है. सपा के वरिष्ठ नेता नंदलाल निषाद नंदा का कहना है कि, ‘योगी सरकार बाढ़ में फंसे लोगों को राहत पहुंचाने में फेल साबित हो रही है. शासन-प्रशासन द्वारा बाढ़ से प्रभावित लोगों की कोई मदद नहीं की जा रही है. लोगों के सामने खाने-पीने का संकट है और वे परेशान हो रहे हैं. शासन और प्रशासन को चहिए की वह इस संकट काल में मुसीबत झेल रहे लोगों की मदद के लिए आगे आए’

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आपको बता दें कि बदायूं, प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी, गाजीपुर और बलिया में गंगा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. वहीं, औरैया, जालौन, हमीरपुर, बांदा और प्रयागराज जिलों में यमुना नदी लाल निशान के करीब है. इसी तरह, बेतवा नदी हमीपुर में और शारदा नदी पलिया कलां (खीरी) में और चंद्रदीप घाट (गोंडा) में क्वानो नदी
खतरे के निशान से ऊपर है.

राहत और बचाव कार्य जारी
राहत आयुक्त कार्यालय की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 24 जिलों के 1243 गांवों में 5,46,049 की आबादी बाढ़ से प्रभावित है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर बाढ़ प्रभावित जिलों में राहत एवं बचाव कार्य जारी है. बाढ़ प्रभावित लोगों के बीच अब तक 20,768 राशन किट और 167213 खाने के पैकेट बांटे जा चुके हैं. लोगों की मदद के लिए जिलों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और राज्य पीएसी को तैनात किया गया है.

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