Politalks.News/UttrakhandPolitics. मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने जब से उत्तराखंड की कमान संभाली है तभी से कोई न कोई विवाद पीछे लगा हुआ है. पहले युवतियों को फटी जींस नहीं पहनने का उपदेश देने पर सीएम तीरथ सिंह रावत को माफी मांगनी पड़ी. उसके बाद शॉर्ट्स पहनने और उसके बाद भारत पर अंग्रेजी हुकूमत के ज्ञान को लेकर सीएम रावत अपनी फजीहत करवा चुके हैं. अब ताजे मामले में उत्तराखंड में ‘सरकारी हेलीकॉप्टर का दुरुपयोग’ करना तीरथ सरकार की गले की फांस बनता जा रहा है. राज्य में विपक्षी दल कांग्रेस के साथ उत्तराखंड में अपनी सियासी जमीन तलाश रही आम आदमी पार्टी इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाने में लगी हुई है. पहले आपको बताते हैं पूरा मामला क्या है.
बात को आगे बढ़ाने से पहले आपको एक महीने पीछे फरवरी में लिए चलते हैं. महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी जब एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मसूरी आ रहे थे तब उन्होंने उद्धव ठाकरे सरकार से सरकारी हेलीकॉप्टर की मांग की थी. लेकिन महाराष्ट्र सरकार ने उन्हें हेलीकॉप्टर देने से साफ मना कर दिया था. इसके बाद भाजपा और महाराष्ट्र सरकार के बीच कई दिनों तक जुबानी जंग होती रही. अब उत्तराखंड की बात को आगे बढ़ाते हैं.
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पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी से भाजपा की सांसद और उत्तराखंड की ‘सह प्रभारी’ रेखा वर्मा देहरादून बीजेपी कोर कमेटी की बैठक में शामिल होने आई थीं. रविवार शाम को मीटिंग के बाद सांसद रेखा वर्मा उत्तराखंड सरकार के हेलीकॉप्टर से लखीमपुर खीरी स्थित अपने संसदीय क्षेत्र में पहुंची. इसके बाद उत्तराखंड सरकार का हेलीकॉप्टर वापस लौट आया. चर्चा यह भी है कि इस हेलीकॉप्टर में उनके साथ उत्तराखंड के एक कैबिनेट मंत्री भी बैठे हुए थे. सरकारी हेलीकॉप्टर से यात्रा करके लखीमपुर खीरी पहुंचीं रेखा ने अति उत्साह में आकर बकायदा अपनी फेसबुक पोस्ट पर उत्तराखंड सरकार के हेलीकॉप्टर के साथ अपनी फोटो भी शेयर की. फेसबुक पर रेखा वर्मा को फोटो शेयर करना उनको महंगा पड़ गया.
सांसद रेखा वर्मा को किस हैसियत से उत्तराखंड सरकार ने राजकीय हेलीकॉप्टर दिया गया?
इस मामले को तुरन्त ही कांग्रेस ने लपक लिया. कांग्रेस के नेताओं को प्रदेश की भाजपा की तीरथ सिंह रावत सरकार पर निशाना साधने के लिए बैठे बिठाए एक और मुद्दा मिल गया. उत्तराखंड की कांग्रेस की प्रवक्ता ‘गरिमा दसौनी ने ट्वीट कर पूरे मामले की जानकारी शेयर करते हुए कहा है कि ये सरकारी धन का दुरुपयोग है. गरिमा दसौनी ने कहा कि भाजपा अपने संगठन के कामकाज के लिए सरकारी संसाधनों का इस्तेमाल कर रही है, कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं कि सांसद रेखा वर्मा को किस हैसियत से उत्तराखंड सरकार ने राजकीय हेलीकॉप्टर दिया गया‘.
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कांग्रेस की प्रवक्ता दसौनी ने कहा कि भाजपा के लोग सत्ता के नशे में चूर हैं और नियम कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं. आने वाले चुनाव में प्रदेश की जनता इसका जवाब देगी. इस मामले में अब तीरथ रावत की सरकार बैकफुट पर है. वहीं दूसरी ओर भाजपा सांसद ‘रेखा वर्मा ने मामला बढ़ने पर कहा कि उत्तराखंड की सह प्रभारी होने की वजह से मैं वहीं थीं. अचानक गृह जनपद में उत्तर प्रदेश सरकार के चार साल पूरे होने के कार्यक्रम में हेलीकाप्टर से आना पड़ा.
उत्तराखंड भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक सांसद रेखा वर्मा से एक कदम आगे निकल गए
अभी कुछ दिनों पहले ही उत्तराखंड भाजपा अध्यक्ष पद की कमान संभालने वाले पूर्व कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक सांसद रेखा वर्मा से एक कदम और आगे निकल गए. आइए अब मदन कौशिक के बारे में भी जान लिया जाए. सोमवार को बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक भी उसी सरकारी हेलीकॉप्टर से बागेश्वर पहुंचे थे. यहां इन्होंने एक रैली को भी संबोधित किया. रैली से पहले मदन कौशिक को बागेश्वर में बकायदा ‘गार्ड ऑफ ऑर्नर’ भी दिया गया, कौशिक ने सभी नियमों को दरकिनार कर सलामी भी ली. जबकि नियम यह है कि किसी भी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को यह सुविधा नहीं दी जा सकती. प्रदेश स्तर पर नियमानुसार गार्ड ऑफ ऑर्नर राज्यपाल, मुख्यमंत्री और मंत्री को ही प्रदान किया जाता है.
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष को किस नाते ये गार्ड ऑफ ऑर्नर प्रदान किया गया? कांग्रेस पार्टी इस पूरे मामले में आक्रामक रुख अपनाए हुए है. अब इस मामले ने तूल पकड़ लिया है तब जाकर पुलिस विभाग ने इसमें जांच बैठा दी गई है. दूसरी ओर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक इस मामले में कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी सारा आरोप पुलिस पर ही लगा रही है. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता विनोद सुयाल का कहना है कि ये पुलिस की जिम्मेदारी बनती थी कि किसे गार्ड ऑफ ऑर्नर दिया जाए, किसे नहीं ? सुयाल ने कहा कि पुलिस ने गलत फहमी में उन्हें गॉर्ड ऑफ ऑर्नर दे दिया. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष कौशिक ने गॉर्ड ऑफ ऑर्नर क्यों लिया, इस पर भाजपा नेता सुयाल कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं.
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कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि मदन कौशिक खुद भी संसदीय कार्यमंत्री रह चुके हैं, उन्हें अच्छी तरह से पता है कि प्रोटोकॉल क्या कहता है. फिर भी उन्होंने पुलिस की ओर से दिए गए गार्ड ऑफ ऑनर को स्वीकार किया. धस्माना ने कहा कि यह अधिकार का दुरुपयोग है. कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष ने कहा कि भाजपा के सह उत्तराखंड प्रभारी सांसद रेखा वर्मा को भी सरकारी हेलीकॉप्टर के इस्तेमाल का प्रावधान नहीं है.
वहीं आम आदमी पार्टी के नेता रविंद्र जुुगरान ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के सरकारी हेलीकॉप्टर के इस्तेमाल और गार्ड ऑफ ऑर्नर और सह प्रभारी रेखा वर्मा के हेलीकॉप्टर इस्तेमाल पर इसे सरकारी धन की बर्बादी बताते हुए कहा कि जनता की गाढ़ी कमाई से बीजेपी अपने संगठन के लोगों को हवाई यात्रा करवा रही है. आम आदमी पार्टी के नेता ने कहा कि इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए. वहीं रेखा वर्मा के सरकारी हेलीकॉप्टर की यात्रा करने पर भाजपा के किसी भी बड़े नेता ने अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.