Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश की चार सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव को लेकर बीजेपी और कांग्रेस में दावेदारों के बीच जंग छिड़ चुकी है. इसी कड़ी में कांग्रेस विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत के निधन के बाद खाली हुई वल्लभनगर विधानसभा के लिए भी उपचुनाव को देखते हुए दावेदारों ने अपनी दौड़ भाग शुरू कर दी है. बीजेपी में तो एक के बाद एक 5 दावेदार सामने आये हैं और टिकट पर मुहर लगने से पहले प्रचार तक में जुट गये हैं. वहीं निकाय चुनाव परिणाम से उत्साहित जनता सेना ने भी इस सीट से प्रत्याशी उतारने का मन बना लिया है. इसी बीच वल्लभनगर सीट से कांग्रेस के सामने बड़ा धर्म-संकट खड़ा होने वाला है. यहां से जहां एक तरफ दिवंगत विधायक गजेंद्र सिंह के समर्थक कार्यकर्ता उनकी पत्नी प्रीति शक्तावत को कांग्रेस से विधानसभा टिकट देने की मांग कर रहे हैं. वहीं अब गजेंद्र सिंह के बड़े भाई देवेंद्र सिंह ने भी चुनावी रण में उतरने का मन बना लिया है. इसके लिए देवेंद्र शक्तावत ने बकायदा बैठक कर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के साथ शक्ति प्रदर्शन भी किया.
वल्लभनगर विधानसभा से कांग्रेस के विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत के निधन के बाद यह माना जा रहा है कि कांग्रेस उनके परिवार से ही किसी प्रत्याशी को मैदान में उतार सकती है. ऐसे में शक्तावत के निधन के बाद अभी तक कांग्रेस में कोई दावेदार अभी तक सामने नहीं आया हैं. लेकिन माना जा रहा है कि गजेंद्र सिंह शक्तावत की पत्नी प्रीति शक्तावत कांग्रेस की ओर से प्रबल दावेदार हो सकती हैं. दूसरी ओर शक्तावत परिवार से ही गुलाब सिंह शक्तावत के बड़े पुत्र देवेंद्र सिंह शक्तावत ने भी टिकट के लिए अपनी दावेदारी ठोक दी है. इससे पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ आला नेताओं में भी असमंजस की स्थिति है.
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आपको बता दें, वल्लभनगर सीट से कांग्रेस विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत का बीती 20 जनवरी को निधन हो गया था. विधायक के निधन के बाद से ही उनके समर्थकों द्वारा उनकी उनकी पत्नी प्रीति शक्तावत को टिकट देने की पुरजोर पैरवी की जा रही है. वहीं इस पूरे मामले पर प्रीति शक्तावत ने कार्यकर्ताओं के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने की बात कही है. प्रीति का कहना है कि उन्होंने अभी चुनावी मैदान में उतरने पर कोई फैसला नहीं किया है, लेकिन जहां कार्यकर्ताओं को मेरी जरूरत होगी मैं उनके लिए वहां हमेशा मौजूद रहूंगीं.
वहीं अब दिवंगत गजेंद्र सिंह के बड़े भाई देवेंद्र सिंह ने भी चुनावी रण में उतरने का मन बना लिया है. देवेंद्र का कहना है कि कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता अगर मेरा साथ देंगे तभी मैं आगे चुनावी मैदान में उतरने की दावेदारी करूंगा. देवेंद्र ने कहा कि कांग्रेस पार्टी में कोई भी कार्यकर्ता दावेदारी पेश कर सकता है. ऐसे में मैं पिछले लंबे समय से सक्रिय तौर पर कांग्रेस पार्टी के लिए काम कर रहा हूं और जनता के आधार और कार्यकर्ताओं की मांग पर अपनी दावेदारी रख रहा हूं.
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वहीं एक ही परिवार के दो दावेदारों ने कांग्रेस पार्टी के लिए परेशानी बढ़ा दी है. सत्ता में होने के बावजूद अब विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी की फूट पार्टी के नेताओं को सता रहा है. राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो उदयपुर जिले का वल्लभनगर विधानसभा क्षेत्र में शक्तावत परिवार का वर्चस्व माना जाता है. ऐसे में अब एक ही परिवार के दो व्यक्तियों की दावेदारी से कांग्रेस पार्टी की स्थिति मजबूत होने की जगह कमजोर भी हो सकती है. ऐसे में अगर चुनाव तक परिवार में ही दो धड़े बंट गए तो तो इसका सीधा फायदा बीजेपी और जनता सेना को मिल सकता है.
बीजेपी भी से कई उम्मीदवार ठोक रहे दावेदारी
बीजेपी में वल्लभनगर विधानसभा से दावेदारी रखने वालों की होड़ मची हुई है. सोशल मीडिया पर और कार्यकर्ताओं के बीच नेता अपनी दावेदारी को सार्वजनिक तौर से रखने पर नहीं चूक रहे हैं. किसान मोर्चा के सम्मेलन में भी गुलाबचंद कटारिया के समधी और बीजेपी नेता आकाश वागरेचा ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पहले भी कई बार दावेदारी रखने की बात कही और इस बार भी पार्टी से टिकट की मांग की है. यही नहीं किसान मोर्चा के अध्यक्ष धनराज, पूर्व में विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रत्याशी रहे उदय लाल डांगी सहित अन्य दावेदारों ने भी अपने-अपने दावे को कार्यकर्ताओं के सामने पेश किया है. हालांकि राजनीतिक रूप से सभी ने पार्टी द्वारा टिकट दिये जाने वाले प्रत्याशी का सहयोग करने की बात भी कह रहे हैं.
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जनता सेना भी मैदान में उतरने को है तैयार
वल्लभनगर विधानसभा उपचुनाव में जनता सेना भी मजबूती के साथ मैदान में उतरने को तैयार है. नगर पालिका चुनाव में जनता सेना को पूर्ण बहुमत मिला है. ऐसे में जनता सेना सुप्रीमो और पूर्व विधायक रणधीर सिंह भिंडर चुनाव को लेकर खासे उत्साहित हैं. रणधीर सिंह भिंडर भी चुनावी मैदान में ताल ठोकने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. जनता सेना में रणधीर सिंह भिंडर के अलावा अन्य कोई दावेदार सामने नहीं है.