Politalks.News/PunjabAssemblyElection. पंजाब विधानसभा चुनाव (Punjab Assembly Election) सिर पर है और कांग्रेस (Congress) का आंतरिक झगड़ा है कि खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. अब कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने से नाराज मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjeet Singh Channi) के भाई मनोहर सिंह (Manohar Singh) ने बगावत कर दी है. डॉ मनोहर सिंह ने अब बस्सी पठाना विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. मनोहर सिंह ने टिकट काटे जाने के बाद कहा कि, ‘मैं बस्सी पठाना सीट का दावेदार था, लेकिन पार्टी (कांग्रेस) ने टिकट देने से इनकार कर दिया है. इसलिए अब मैं निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ूंगा‘. चन्नी परिवार की बगावत से कांग्रेस में हड़कंप मच गया है. सूत्रों की मानें तो ‘वन फैमिली वन टिकट‘ के फॉर्मूले के चलते सिद्धू ने मनोहर सिंह के टिकट पर वीटो लगाया है. हालांकि पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश चौधरी मनोहर सिंह से समझाइश में जुटे हैं.
चन्नी के भाई को नहीं मिला सिद्धू का समर्थन!
इधर, कांग्रेस के सूत्रों का दावा है कि, पार्टी ने ‘वन फैमिली, वन टिकट‘ के नियम का हवाला देते हुए डॉ. मनोहर सिंह को मौका नहीं दिया. वहीं पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Siddhu) से भी मनोहर सिंह को समर्थन नहीं मिला. सिद्धू ने इस सीट से मौजूदा विधायक गुरप्रीत सिंह जीपी की दावेदारी का समर्थन किया और पार्टी ने उन्हें ही अपना प्रत्याशी बनाया है.
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मनोहर सिंह बोले- भाई सीएम चन्नी ने की है पुनर्विचार की अपील, लेकिन जनता….
हालांकि मीडिया से बातचीत में डॉ. मनोहर सिंह ने कहा कि, ‘मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी ने मुझसे मेरे फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए कहा था रविवार सुबह मैं अपने भाई चरणजीत सिंह चन्नी से मिला और मैंने उनसे कहा कि मैं जनता की इच्छा के साथ जाना चाहता हूं और अगर जनता चाहेगी तो मैं निर्दलीय चुनाव लड़ूंगा. मेरे ऊपर परिवार का कोई दबाव नहीं हैं, मैं यह फैसला जनता की इच्छा पर आधारित है’.
सीनियर मेडिकल ऑफिसर की नौकरी छोड़ उतरे हैं राजनीति के अखाड़े में
आपको बता दें कि डॉ. मनोहर सिंह ने सीनियर मेडिकल ऑफिसर की नौकरी से इस्तीफा देकर राजनीतिक जीवन की शुरुआत करनी चाही थी लेकिन कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दिया. पार्टी के इस फैसले पर मुख्यमंत्री चन्नी ने फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है और चुप्पी साध रखी है. आपको बता दें, फतेहगढ़ साहिब जिले में आने वाली बस्सी पठाना सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट है.
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सिद्धू ने समझाइश का दिया आश्वासन
चन्नी के भाई को टिकट नहीं दिए जाने पर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा है कि, ‘वह डॉ. मनोहर सिंह से मिलेंगे और उन्हें समझाने का प्रयास करेंगे लेकिन दोनों के बीच कोई बातचीत नहीं हुई. डॉ मनोहर सिंह को टिकट नहीं दिया जाने से यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि टिकट बंटवारे में सीएम चन्नी के बजाय नवजोत सिंह सिद्धू का दबदबा ज्यादा रहा है.