Politalks.News/Rajasthan. कानून व्यवस्था, हनुमानगढ़ में दलित अत्याचार और डीएपी की कमी के मुद्दे पर उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने राज्य सरकार को आडे़ हाथ लिया है. राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि, ‘लचर कानून व्यवस्था के कारण दलितों पर अत्याचार की पराकाष्ठा हो रहा है. भ्रमजाल में फंसकर पार्टी आई है सत्ता में. सीएम गहलोत गृह विभाग के मुखिया के तौर पर नाकाम रहे हैं. साथ ही राठौड़ ने किसानों को उपलब्ध नहीं हो पा रहे डीएपी के मुद्दे पर भी गहलोत सरकार को जमकर घेरा.
कांग्रेस राज में दलितों पर अत्याचार की पराकाष्ठा- राठौड़
हनुमानगढ़ में दलित की पीट-पीटकर हत्या के मुद्दे पर उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने गहलोत सरकार को जमकर घेरा है. राठौड़ ने दलित अत्याचार को कलंक बताते हुए कहा कि, ‘हनुमानगढ़ के पीलीबंगा में दलित युवक की निर्मम हत्या की घटना के बाद जालोर में युवक के साथ बेरहमी से मारपीट तथा पाली में महिला की बर्बरतापूर्ण पिटाई की घटनाएं राज्य सरकार के माथे पर कलंक है’, राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए राठौड़ ने कहा कि, ‘कांग्रेस राज में लचर कानून व्यवस्था के कारण दलितों पर अत्याचार की पराकाष्ठा हो चुकी है’.
‘सीएम गहलोत गृह विभाग के मुखिया के रूप में नाकाम’
उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने एनसीआरबी 2020 के नवीनतम आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि, ‘दलितों के खिलाफ अत्याचार में राजस्थान देश में तीसरे स्थान पर है. प्रदेश में साल 2019 में जहां 6794 मामले दर्ज हुए वहीं 2020 में 7017 मामले दर्ज हुए हैं. राजस्थान में दलितों के साथ अत्याचार का वर्ष-दर-वर्ष बढ़ना चिंताजनक है’. राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि, ‘इतिहास गवाह रहा है कि कांग्रेस पार्टी दलितों को महज वोट बैंक समझती आई है. राजस्थान में दलितों ने कांग्रेस के भ्रमजाल में फंसकर पार्टी को सत्ता तक पहुंचाया लेकिन आज कांग्रेस राज में दलित वर्ग अत्याचार से पीड़ित है, हाशिए पर हैं और इन्हें इस सरकार से न्याय की कोई उम्मीद नहीं दिख रही है. वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी गृह विभाग के मुखिया के रूप में पूरी तरह नाकाम साबित हुए हैं’.
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‘किसानों को DAP आपूर्ति का समुचित प्रबंधन करने में विफल’
वहीं प्रदेश में डीएपी की कमी पर उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि, ‘राजस्थान में एक दशक के बाद आज फिर डीएपी खाद के लिए अन्नदाताओं को लम्बी-लम्बी कतारों में घंटों खड़ा होना पड़ रहा है जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है’. किसानों की हालत पर चिंता करते हुए राठौड़ ने कहा कि, ‘राजस्थान में कांग्रेस सरकार डीएपी खाद आपूर्ति के लिए समुचित प्रबंधन करने में पूरी तरह विफल साबित हो रही है जिस वजह से डीएपी खाद की कमी के कारण किसानों की फसल नष्ट होने की कगार पर है’.
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किसानों को मिल रहा DAP ‘ऊंट के मुंह में जीरा’
डीएपी की कमी पर राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि, ‘राज्य सरकार ऊंट के मुंह में जीरा समान किसानों को खाद उपलब्ध करवा पा रही है. कई घंटों लाइन में लगने के बाद भी नाम मात्र का खाद किसानों को मिल रहा है. जबकि बुवाई के समय में किसानों को खाद की सबसे ज्यादा आवश्यकता होती है’. राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि, ‘राज्य सरकार के कुप्रबंधन के कारण ही प्रदेश के विभिन्न जिलों में खाद वितरण केंद्रों के बाहर किसानों की लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं. प्रदेश में किसानों के लिए डीएपी खाद का संकट ज्यादा गहराएं, इससे पहले ही सरकार को खाद उचित प्रबंधन कर लेना चाहिए’.