पॉलिटॉक्स न्यूज/राजस्थान. गुजरात कांग्रेस के करीब 25 विधायकों के सिरोही के एक रिसोर्ट में रूकने के मामले ने राजनीतिक रंग ले लिया है. रविवार शाम सिरोही भाजपा जिलाध्यक्ष नारायण पुरोहित के नेतृत्व में भाजपा के कुछ पदाधिकारी आबूरोड सदर थाने पहुंचे और आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत मामला दर्ज कराने के लिए रिपोर्ट दी. वहीं इस पूरे मामले को लेकर राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा ‘पॉलिटिकल टूरिज्म’ के नाम पर गुजरात के कांग्रेस विधायकों की बाड़ाबंदी आबूरोड स्थित एक होटल में किया जाना राजस्थान महामारी अध्यादेश 2020, आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 तथा सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाना है जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है.
दरअसल, देश के 7 राज्यों की 18 सीटों पर आगामी 19 जून को राज्यसभा चुनाव होने हैं, जिसमें गुजरात की भी 4 सीटों के लिए मतदान होगा. इन चुनावों को लेकर गुजरात में एक बार फिर से सियासत गर्मा गई है. गुजरात में कांग्रेस के 8 विधायक अब तक इस्तीफा दे चुके है. गुजरात कांग्रेस विधायकों की खरीद फरोख्त के डर से एक बार फिर से गुजरात के सभी 65 विधायकों को रिसॉर्ट्स में शिफ्ट कर दिया है. जिसमें से करीब 25 विधायकों का राजस्थान में गुजरात से सटे सिरोही जिले के एक रिसोर्ट में रुकवाया गया है. राजस्थान में रूके इन 25 विधायकों को लेकर उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड सहित सिरोही के स्थानीय भाजपा नेताओं ने लॉकडाउन के उल्लंघन का आरोप लगाया है.
उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने गहलोत सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना के अंदर केन्द्र सरकार की एडवाइजरी पर राज्य सरकार ने 8 जून से रेस्टोरेंट, होटल व मॉल्स को खोलने का फैसला किया है. एक ओर राजस्थान में सारे होटल व मॉल्स बंद है, ऐसी परिस्थितियों में राज्य सरकार ने किन अधिकारों का उपयोग करते हुए 48 घंटे पूर्व होटल खुलवाया और होटल में विधायकों की बाड़ेबंदी कराई गई.
राजेंद्र राठौड़ ने आगे कहा कि राजस्थान के अंदर दो कानून लागू करने की बात करने वाली कांग्रेस सरकार की जितनी भर्त्सना की जाए उतनी कम है. प्रदेश में सरेआम राजस्थान महामारी अधिनियम का उल्लंघन हो रहा था जिस पर जागरूक लोगों ने जब एफआईआर दर्ज कराने की बात कही तो उनकी एफआईआर दर्ज नहीं की गई.
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इसके साथ ही उपनेता प्रतिपक्ष राठौड़ ने कहा कि ऑनलाइन एफआईआर दर्ज करने वाली इस सरकार की कलई खुल गई है. आज देश के अंदर बिखरती हुई कांग्रेस को एकजुट करने के लिए जिस प्रकार की बाडाबंदी कांग्रेस पार्टी को करनी पड़ी है उसकी जितनी भर्त्सना की जाए कम है.