पॉलिटॉक्स न्यूज. सुप्रीम कोर्ट में हिंदू महासभा के वकील ने दावा किया था कि ढहाये गए बाबरी मस्जिद के ढांचे के नीचे राम मंदिर दफन है. राम मंदिर तोड़कर ही उसके उपर बाबरी मस्जिद का निर्माण हुआ था. अब लगता है कि सुप्रीम कोर्ट में किया गया हिंदू महासभा के वकीलों का दावा सच होने वाला है. अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए रामजन्मभूमि पर खुदाई के दौरान कई प्राचीन मूर्तियां, शिलालेख, कई पुरातात्विक खंभे और पांच फिट का एक नक्काशी किया हुआ शिवलिंग भी मिला है. आसपास से देवी-देवताओं की खंडित मूर्तियां, पुष्प कलश एवं कलाकृतियां सहित कई अन्य चीजें भी निकली हैं जो साफ तौर पर संकेत देती हैं कि बाबरी मस्जिद के ढांचे के नीचे वास्तव में एक भव्य मंदिर दबा हुआ है. परिसर के समतलीकरण के बाद मंदिर निर्माण की प्रक्रिया शुरू होगी.
दरअसल, 9 नवंबर, 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक ऐतिहासिक फैसले में रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर फैसला सुनाते हुए विवादित ज़मीन को मंदिर पक्ष को देने का फैसला किया था. इसी के बाद सरकार की ओर से ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ ट्रस्ट का निर्माण किया गया, जो पूरी तरह से स्वतंत्र होगा और मंदिर के निर्माण से लेकर कामकाज को देखेगा. लॉकडाउन 4.0 के बीच मिली छूट के बाद मंदिर परिसर में समतलीकरण एवं निर्माण कार्य शुरु कर दिय गया है. प्रशासन से इजाजत के बाद ट्रस्ट की ओर से रामजन्मभूमि परिसर को समतल करने के दौरान खुदाई में कुछ कुछ ऐसा हुआ कि हर कोई हैरान हो गया.
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कई हिस्सों में निर्माण कार्य शुरू हो गया है. नियमों के तहत निर्माणकार्य चल रहा है और इसी बीच अयोध्या में एक बार फिर राम मंदिर निर्माण का कार्य आरंभ हुआ. प्रशासन से इजाजत के बाद ट्रस्ट की ओर से रामजन्मभूमि परिसर को समतल करने का काम शुरू हुआ. लेकिन इसी दौरान कुछ ऐसा हुआ कि हर कोई हैरान हो गया. ट्रस्ट ने यहां काफी पुरानी मूर्तियां, शिवलिंग, खंभे, ऐतिहासिक अवशेष और इसी तरह का अन्य कुछ सामान खुदाई में मिला है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि अब तक जहां-जहां खुदाई हुई है, वहां से और आसपास की जगहों से देवी-देवताओं की खंडित मूर्तियां, पुष्प कलश, कलाकृतियां आदि चीजें निकली हैं.
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने वस्तुओं के बारे में अपने बयान में कहा कि खुदाई के दौरान पुरातत्विक महत्व की कई वस्तुएं मिली हैं. यहां ढांचे के नीचे काफी कुछ दबा हुआ था. पुष्प, कलश, आमलक, दोरजाम्ब आदि कलाकृतियां. खुदाई के दौरान भारी संख्या में देवी-देवताओं की खंडित मूर्तियों के अतिरिक्त 7 ब्लैक टच स्टोन के स्तम्भ, 6 रेड सैंडस्टोन के स्तम्भ सहित 5 फीट का एक शिवलिंग भी मिला है’.
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जैसे ही ये सारा हाल मीडिया में आया, सुप्रीम कोर्ट में पक्षकार रह चुके लोगों के बयान आने भी शुरू हो गए. हिंदू महासभा के वकील विष्णु जैन ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट में बहस के दौरान हम पर मुस्लिम पक्ष ने हिंदू तालिबान का आरोप लगाया था और कहा था कि वहां पर मंदिर के कोई अवशेष नहीं है. पुरातात्विक मूर्तियों का मिलना यह उन आरोपों का जवाब है, जो हम सुप्रीम कोर्ट में बहस करते चले आ रहे थे.’ वकील जैन ने आगे कहा कि एएसआई की रिपोर्ट में बताया गया था कि वहां पर कई सारे मंदिर के अवशेष हैं. बाबरी मस्जिद के नीचे राम मंदिर का बहुत बड़ा स्ट्रक्चर था. आज मिले पुरातात्विक सबूत बताते हैं कि हमने सुप्रीम कोर्ट के सामने जो तर्क रखा था, वह कितना मजबूत था.
दूसरी ओर बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी का कहना है कि अब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ चुका है, ऐसे में अब कुछ बयान नहीं देना चाहते हैं. सत्तर साल तक केस चला है और फैसला आ चुका है, हमारी ओर से केस खत्म हो गया है. मूर्तियों को लेकर उन्होंने कहा कि वहां पर जो भी मिला है, उसका सम्मान होना चाहिए.