Jodhpur Loksabha: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का गृहक्षेत्र होने के चलते जोधपुर संसदीय सीट हमेशा से हॉट सीट रही है. पिछली बार इस सीट पर वर्तमान केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने गहलोत के सुपुत्र वैभव गहलोत को करारी शिख्स्त दी थी. पिछले दो लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आंधी में राजस्थान में सभी 25 की 25 सीटें बीजेपी के खाते में गई हैं. वहीं इस बार कांग्रेस ने अपनी रणनीति में परिवर्तन करते हुए बीजेपी के राजपूत प्रत्याशी केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के सामने कांग्रेस ने भी राजपूत प्रत्याशी करण सिंह उचियारडा को मैदान में उतारा है. यानी इस बार के लोकसभा चुनाव में जोधपुर में राजपूत बनाम राजपूत चुनाव लड़ने जा रहे हैं. हालांकि इस बार स्थानीय बनाम बाहरी का मुद्दा भी रुक रुक का उठने लगा है.
स्थानीय बनाम बाहरी का मुद्दा
गजेंद्र सिंह शेखावत लगातार दो बार सीट से विजयी हो चुके हैं. उनके कद को देखते हुए बीजेपी ने तीसरी बार शेखावत पर भरोसा जताया है. शेखावत शेखावाटी से आते हैं लेकिन उनकी पढ़ाई जोधपुर में हुई और लंबे समय से वे जोधपुर में रह रहे हैं. कांग्रेस ने भी राजपूत कार्ड खेलते हुए शेखावत को टक्कर देने के लिए करण सिंह उचियारड़ा को मैदान में उतारा है. करण सिंह जोधपुर के ही रहने वाले हैं. इस इलाके में उनके समाज का वर्चस्व भी है. ऐसे में कांग्रेस को यह लगता है कि उसका फायदा करण सिंह को और उनकी पार्टी को मिलेगा. यही कारण है कि बाहरी और स्थानीय का मुद्दा इस चुनाव में उठाया जा रहा है.
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वहीं कुछ नाराजगी को लेकर पिछले दिनों उनकी ही पार्टी के शेरगढ़ विधायक और कार्यकर्ताओं ने गजेंद्र सिंह शेखावत का विरोध काले झंडे दिखाकर किया था. इसके बाद पुलिस में मुकदमे भी दर्ज हुए थे. माना जा रहा है कि कार्यकर्ताओं में शेखावत को लेकर नाराजगी है. केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का विरोध सिर्फ इसी बात का है कि वह अपने साथ अपने खास लोगों को ही रखते हैं. विकास के मुद्दे भी धरातल पर न आने से लोगों में नाराजगी है.
जोधपुर का जातिगत समीकरण
जोधपुर लोकसभा सीट जोधपुर की सात विधानसभा क्षेत्र के साथ-साथ जैसलमेर की पोकरण विधानसभा सीट को मिलकर बनी हुई है. कहने को तो जोधपुर अशोक गहलोत का गृह क्षेत्र है लेकिन जोधपुर लोकसभा में शामिल 8 में से सात विधायक बीजेपी के पैठे के हैं. जोधपुर लोकसभा सीट जातीय आंकड़ों के अनुसार राजपूत बाहुल्य सीट है जिसमें मुस्लिम, बिश्नोई, ब्राह्मण, जाट, मूल ओबीसी समाज महत्वपूर्ण भूमिका में है. राजपूत 440,000, मुस्लिम 290,000, बिश्नोई 180,000, ब्राह्मण 140,000, मेघवाल 140,000, जाट 130,000, माली समाज एक लाख और वैश्य समाज 70,000 के करीब है, जो किसी भी उम्मीदवार की हार जीत में प्रमुख भूमिका अदा करते हैं.
एससी एसटी वर्ग के कुल चार लाख से अधिक मतदाता हैं. मेघवाल के अलावा मूल 80,000 वाल्मीकि, 80,000 खटीक, 30,000 गवारिया डोली शास्त्री और अन्य बिश्नोई, माली के अलावा शेष मूल ओबीसी जातियां कुल चार लाख से अधिक हैं. इसमें कुमार 70000, रावना राजपूत 60000, सुथार 60000, चारण 40000, सैन 40000, पटेल 40000, घांची 30000, देवासी 30000, दर्जी, वैष्णव और अन्य जातियां जो की निर्णायक भूमिका में रहते हैं.
क्या है जोधपुर का सियासी गणित
जोधपुर से दो बार के सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत और कांग्रेस प्रत्याशी करण सिंह उचियारडा दोनों ही राजपूत समाज से आते हैं. दोनों ही पार्टियों अपनी-अपनी जीत के दावे कर रही है. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को पीएम मोदी पर भरोसा है. उन्हें यकीन है कि राम मंदिर बनाने के साथ-साथ विकसित भारत के लिए लोग प्रधानमंत्री को देखकर मतदान करेंगे. वहीं कांग्रेस के करण सिंह इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि 10 साल के गजेंद्र सिंह शेखावत के कामों को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं. ऐसे में दोनों का मुकाबला रोचक रहने वाला है. दोनों में से जो भी राजपूत वोटर्स को साध गया, उसकी जीत पक्की लग रही है.